Bhagwan Ganesha Ji: भगवान गणेश को खुश करने के लिए इस तरह करें पूजा, जरूर लगाएं मोदक का भोग

Bhagwan Ganesha Ji: बुधवार यानी की आज के दिन भगवान गणेश की पूजा की होती है। इस दिन विधि पूर्वक पूजा करने से गणेश जी प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को शुभ फल प्रदान करते हैं। गणेश जी की पूजा करने से शिक्षा में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं। इसके साथ ही रोग दूर होते हैं, धन से जुड़ी परेशानियां दूर होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त होता है। मान सम्मान में भी वृद्धि होती है। बुधवार का दिन गणेश पूजा के लिए उत्तम माना गया है।

भगवान को अर्पित करें दूर्वा

गणेश जी की पूजा के दौरान आपको उन्हें दूर्वा यानी हरी घास जरूर अर्पित (Bhagwan Ganesha Ji) करनी है। आपको गिनकर पांच दूर्वा भगवान गणेश के सिर पर रखनी है। ध्यान रहे कि उनके चरणों में दूर्वा न रखें। साथ ही आपको गणपति को शमी का पौधा या इसका फूल चढ़ाना चाहिए, क्योंकि गणेशा को ये बेहद प्रिय है।

गणेश जी को चढ़ाएं चावल

अगर आप गणपति को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो उन्हें पवित्र और खड़ा चावल चढ़ाएं। ध्यान रहे कि ऊबले हुए धान से तैयार चावल और सूखे चावल गणेश जी को अर्पित न करें। इसकी जगह पर भगवान गणेश को गीले चावल चढ़ाएं। इससे वे प्रसन्न होंगे।

गणेशा को लगाएं सिंदूर का तिलक

गणेश जी को सिंदूर काफी पसंद है। इसलिए आप उन्हें सिंदूर का तिलक जरूर लगाएं। पहले गणपति (Bhagwan Ganesha Ji) के माथे पर और उसके बाद अपने माथे पर भी सिंदूर लगाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तो की आर्थिक परेशानियों को दूर करते हैं।

जरूर लगाएं मोदक का भोग

भगवान गणेश को मोदक काफी प्रिय हैं। परशुराम जी से यूद्ध के दौरान बप्पा का एक दांत (Bhagwan Ganesha Ji) टूट गया था, जिसके बाद उन्हें कुछ खाने में तकलीफ होती है। लेकिन मोदक चबाने में बेहद आसान होते हैं। इसलिए आप गणपति को मोदक का भोग जरूर लगाएं।

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भगवान गणेश जी की आरती

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

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