Nag Panchami Ki Pooja: नागपंचमी आज, जानिए इसका महत्त्व और पूजा विधि

Nag Panchami Ki Pooja: आज देशभर के विभिन्न शहरों में नागपंचमी की पूजा की जा रही है। नागपंचमी सावन में आने वाले प्रमुख दिनों में से एक दिन है। सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पांचवी तिथि को नाग पंचमी पर्व मनाया जाता है। इस बार ये मंगलवार 2 अगस्त को है। इस दिन नाग देवता के पूजन की परंपरा है। भविष्य पुराण समेत अन्य पुराणों में भी इसका महत्व बताया गया है। नाग पंचमी से जुड़ी एक कथा के मुताबिक माना जाता है कि इस दिन महिलाएं सांप को भाई मानकर पूजा करती हैं और भाई से अपने परिवार वालों की रक्षा का आशीर्वाद मांगती हैं। ज्योतिषी ने बताया कि नाग पंचमी पर नाग देवता की पूजा करने से कुंडली में मौजूद राहु-केतु से होने वाले दोष दूर हो सकते हैं। (Nag Panchami Ki Pooja)

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वहीं नाग पंचमी पर कालसर्प दोष की पूजा भी करवाई जाती है। इससे कामकाज में आ रही रुकावटें दूर हो जाती हैं। सनातन धर्म में देवी देवताओं के वाहन के रूप में पशु-पक्षियों की पूजा का भी विधान बताया गया है। इसके अलावा पुराणों में नागलोक का भी जिक्र आता है। यक्ष, गंधर्व और किन्नरों के साथ नागों को भी देवी-देवताओं के लोक में खास जगह दी गई हैं। इसलिए इनकी भी पूजा की जाती है। इस दिन नाग देवता की आराधना से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। जिस व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष होता है तो उसे इस दोष से बचने के लिए नाग पंचमी का व्रत करना चाहिए। जिसको अक्सर सपने में सांप दिखाई देता है या फिर सांप से ज्यादा डर लगता है तो विधि-विधान से नागों की पूजा करनी चाहिए। खासतौर से नाग पंचमी के दिन जरूर नाग की पूजा करने से डर दूर हो जाता है। (Nag Panchami Ki Pooja)

नाग पंचमी का महत्व

मान्यताओं के मुताबिक नाग पंचमी पर नौ नागों की पूजा करने का विधान बताया गया है। जो कि 1. अनन्त 2. वासुकि 3. शेषनाग 4.पद्मनाभ 5. कंबल 6. शंखपाल, 7. धृतराष्ट्र 8. कालिया 9. तक्षक हैं। पूजा के लिए नागदेवता की फोटो को लकड़ी की चौकी पर रखकर हल्दी, रोली, चावल और फूल चढ़ाएं। कच्चे दूध से नागदेव का अभिषेक किया जाना चाहिए। इसके बाद नैवेद्य अर्पित करें। फिर आरती उतारें।

12 नाग देवताओं की पूजा

राजस्थान और गुजरात के स्थानों में, नाग पंचमी को उसी महीने के अंधेरे आधे (कृष्ण पक्ष) को भी चिह्नित किया जाता है। गरुड़ पुराण के अनुसार इस दिन नागों की पूजा करना शुभ माना जाता है, जिससे जीवन में अच्छी चीजें आती हैं। इसके अलावा, ब्राह्मणों को खाना खिलाना अच्छा माना जाता है। महिलाएं नाग देवता की पूजा करती हैं और नागों को दूध चढ़ाती हैं। यह नाग देवताओं को दूध चढ़ाने का प्रतीक है। महिलाएं अपने भाइयों और परिवार के सदस्यों की भलाई के लिए प्रार्थना करती हैं। इस दिन 12 नाग देवताओं की पूजा की जाती है जो बहुत शुभ माना जाता है।

नाग पंचमी पूजा

कई महिलाएं नाग पंचमी के त्योहार से एक दिन पहले उपवास रखती हैं। कुछ तो वास्तविक दिन का उपवास भी रखते हैं। नाग देवता या भगवान शिव को दूध या खीर का भोग लगाएं। ऐसे भोजन का सेवन करने से बचें जिसमें नमक हो। हल्दी और कुमकुम को सांप के बिल पर लगाएं और फूल चढ़ाएं। फिर नाग देवताओं से आशीर्वाद लेने के लिए नाग पंचमी पूजा मंत्र का जाप करें।

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