Rahul Gandhi on Constitution: लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के नागपुर में संविधान सम्मान सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि हम हर सम्मेलन में अंबेडकर जी, गांधी जी, साहू महाराज जी समेत कई महान लोगों के बारे में बात करते हैं, लेकिन सच्चाई ये है कि जब हम इनकी बात करते हैं तो सिर्फ एक व्यक्ति की बात नहीं होती। क्योंकि इन महापुरुषों की बातों में भी करोड़ों लोगों की आवाज रहा करती थी। वे जब बोलते थे तो दूसरों का दुख, दर्द उनके मुंह से निकलता था, तभी हम उनको याद करते हैं।
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राहुल गांधी ने कहा कि जब आप अंबेडकर जी की किताबें पढ़ेंगे तो साफ दिखेगा कि वे अपनी नहीं, दूसरों की बात कर रहे हैं। अंबेडकर जी, गांधी जी ने कभी अपना दर्द नहीं देखा, वे सिर्फ लोगों के दर्द की बात करते हैं। जब हिंदुस्तान ने अंबेडकर जी से संविधान बनाने के लिए कहा, तो इसका मतलब था- संविधान में देश के करोड़ों लोगों का दर्द और उनकी आवाज गूंजनी चाहिए। संविधान सिर्फ एक किताब नहीं है, ये जिंदगी जीने का तरीका है। (Rahul Gandhi on Constitution)
उन्होंने कहा कि संविधान के पीछे की सोच हजारों साल पुरानी है। इसमें जो लिखा है, वही भगवान बुद्ध, महात्मा गांधी, फुले जी जैसे अनेक महापुरुषों ने कही है। इसमें लिखा है कि सभी के बीच समानता होनी चाहिए, हर धर्म, हर भाषा, हर जाति का आदर होना चाहिए। जब RSS-BJP के लोग संविधान पर आक्रमण करते हैं, तो वे हिंदुस्तान की आवाज पर आक्रमण करते हैं। संविधान से ही सरकार की अलग-अलग संस्थाएं बनती है। अगर संविधान नहीं होता तो इलेक्शन कमीशन भी नहीं बनता। (Rahul Gandhi on Constitution)
राहुल ने कहा कि संविधान से हिंदुस्तान का एजुकेशन सिस्टम, IIT, IIM, प्राइमरी एजुकेशन सिस्टम, सेकेंडरी एजुकेशन सिस्टम बना है। राहुल गांधी ने कहा कि अगर ये हट गया तो आपको एक पब्लिक स्कूल, पब्लिक अस्पताल, पब्लिक कॉलेज नहीं मिलेगा। लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि जब RSS और भाजपा के लोग संविधान पर आक्रमण करते हैं, तो वे सिर्फ इस किताब पर आक्रमण नहीं कर रहे, वे हिंदुस्तान की आवाज़ पर आक्रमण कर रहे हैं। हमारे संस्थान संविधान से बने हैं।अगर संविधान नहीं होता, तो कोई चुनाव आयोग नहीं होता। (Rahul Gandhi on Constitution)
राहुल गांधी ने कहा कि RSS इस (संविधान) पर सीधे आक्रमण नहीं कर सकती। अगर वे इसके खिलाफ सामने से लड़ेंगे, तो वे 5 मिनट में हार जाएंगे। ‘विकास’, ‘प्रगति’ और ‘अर्थव्यवस्था’, वे इन शब्दों के पीछे छिपकर आक्रमण करने आते हैं। कांग्रेस सांसद ने कहा कि संविधान से ही सरकार की अलग-अलग संस्थाएं बनती हैं। अगर संविधान नहीं होता तो इलेक्शन कमीशन भी नहीं बनता। संविधान से हिंदुस्तान का एजुकेशन सिस्टम, IIT, IIM, प्राइमरी एजुकेशन सिस्टम, सेकेंडरी एजुकेशन सिस्टम बना है। अगर ये हट गया तो आपको एक पब्लिक स्कूल, पब्लिक अस्पताल, पब्लिक कॉलेज नहीं मिलेगा। जनता की बात सुनते वक्त मेरे पास एक छोटी सी आवाज आई- जातिगत जनगणना, लेकिन फिर धीरे-धीरे ये आवाज बड़ी हो गई। इसे हमने जातिगत जनगणना का नाम दिया है, पर इसका असली मतलब न्याय है। (Rahul Gandhi on Constitution)
उन्होंने कहा कि मेरी सोच है कि बिना शक्ति और धन के आदर का कोई मतलब नहीं है। उदाहरण के लिए अगर कोई भूखा मर रहा है तो आप उसे धन दो, शक्ति दो, उसके लिए रास्ते खोलो… न कि उसे माला पहनाओ। मैं रायबरेली की ‘दिशा मीटिंग’ में शामिल हुआ, वहां मैंने अफसरों से अपना परिचय देने के लिए कहा। परिचय शुरू हुआ तो उसमें मुझे दलित, OBC वर्ग के लोगों का नाम नहीं मिला। कॉर्पोरेट से लेकर ज्यूडिशियरी तक, हमें दलित, OBC और आदिवासी समुदाय के लोग नजर नहीं आते। ये हालात हर जगह हैं, जहां हमें 90% हिंदुस्तान दिखता ही नहीं। मेरा काम हिंदुस्तान के लोगों की आवाज उठाने का है। (Rahul Gandhi on Constitution)
लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आपने कहा कि जातिगत जनगणना होनी चीहिए, इस आवाज को मैंने हर जगह उठाया। क्योंकि जातिगत जनगणना से हिंदुस्तान के हर वर्ग को यह पता लग जाएगा कि देश में उनकी क्या भूमिका है, कितनी शक्ति और कितना पैसा है। BJP-RSS के लोग कुछ भी कहें या करें। हिंदुस्तान में जातिगत जनगणना होकर रहेगी और 50% आरक्षण वाली दीवार को तोड़ा जाएगा। जब भी मैं जातिगत जनगणना की बात करता हूं, तो मोदी जी कहते हैं कि राहुल गांधी देश को बांटने की बात करते हैं, लेकिन मैं देश को बता रहा हूं कि हिंदुस्तान के 90% लोग देश की प्रगति में शामिल ही नहीं हो रहे हैं। (Rahul Gandhi on Constitution)
कैलाश विजयवर्गीय ने साधा निशाना
सांसद राहुल ने कहा कि अगर आपको आदिवासी, दलित, पिछड़े लोग देखने हैं तो वे मनरेगा की लाइन में या मजदूरी करते हुए नजर आएंगे। ये लोग आपको मीडिया या न्यायपालिका में नहीं मिलेंगे। संविधान हमारे अधिकारों का रक्षक है। ये हमें सम्मान और स्वाभिमान के साथ जीने की शक्ति देता है। हम हर कीमत पर संविधान की रक्षा करेंगे। वहीं मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने राहुल पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि राजनीति और नौटंकी अलग-अलग है। नौटंकीबाज राजनीति में कभी सफल नहीं होते हैं। राजनीति गंभीरता का विषय है, इसके लिए गंभीरता चाहिए और राहुल गांधी में कहीं भी गंभीरता नहीं दिखाई देती है। इसलिए जनता उन्हें नेता के रूप में कभी स्वीकार नहीं कर सकती। (Rahul Gandhi on Constitution)