धर्मांतरण को लेकर RSS का साय सरकार से मांग, कहा- धर्म स्वातंत्र्य विधेयक आने का आ गया है समय 

RSS on Conversion: मध्य क्षेत्र के संघचालक डॉ पूर्णेन्दु सक्सेना और प्रांत संघचालक टोपलाल वर्मा ने रायपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान डॉ सक्सेना ने जानकारी देते हुए बताया कि 265 नए स्थान में संघ का काम शुरू हुआ है, जिसमें 263 शाखाएं छत्तीसगढ़ में बढ़ी है। पूरे देश के साथ ही छत्तीसगढ़ में भी संघ के काम और शाखाएं बढ़ी है। बांग्लादेश के विषय पर कहा कि वहां पर तख्तापलट के बाद अल्पसंख्यकों की स्थिति कठिन हो गई है। उस विषय में संघ ने एक प्रस्ताव पास किया है, जिसमें बांग्लादेश के हिंदू समाज के साथ एकजुटता से खड़े रहने की बात है।

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डॉ पूर्णेन्दु सक्सेना ने बताया कि प्रस्ताव में इस बात का जिक्र है कि संयुक्त राष्ट्र को हिंदुओं के साथ हो रहे अत्याचार को गंभीरता से लेना चाहिए और इसे रोकने दबाव बनाया जाना चाहिए। इस बात का भी जिक्र है कि कुछ अंतरराष्ट्रीय शक्तियां जानबूझकर भारत के पड़ोसी क्षेत्रों में अविश्वास और टकराव का वातावरण बनाकर एक देश को दूसरे देश के खिलाफ खड़ा करके अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। (RSS on Conversion)

शताब्दी वर्ष को लेकर दी जानकारी

सक्सेना ने कहा कि इस विजयादशमी को संघ का 100 साल पूरा हो रहा है। ये वर्ष शताब्दी वर्ष होगा। इस शताब्दी वर्ष में संघ अपने काम को नीचे तक ले जाने का प्रयास करेगी। इसे लेकर एक संकल्प भी संघ ने पारित किया है। उन्होंने बताया कि संघ के विभिन्न कार्यों को लेकर घर-घर जाने की योजना बनाई गई है। सभी मंडलों और बस्तियों में हिंदू सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। ब्लॉक लेवल पर सद्भाव बैठकें होंगी। जिला स्तर पर प्रबुद्धजनों के साथ बातचीत का कार्यक्रम होगा। युवाओं के लिए विशेष कार्यक्रम प्रांतों की ओर से आयोजित किए जाएंगे। इसमें राष्ट्रनिर्माण, सेवा गतिविधियों और पंच परिवर्तन पर केंद्रित कार्यक्रम किए जाएंगे। (RSS on Conversion)

धर्मांतरण-मतांतरण पर बड़ा बयान

हिंदू सम्मेलन और धर्मांतरण-मतांतरण पर डॉ सक्सेना ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हिंदू सम्मेलन सिर्फ संघ ही नहीं जनसामान्य मिलकर करे ऐसी कोशिश है। नीचे तक हिंदू संगठन जागे और मतांतरण-धर्मांतरण रुके ये आवश्यक है। धर्मांतरण और मतांतरण का विषय पार्टीगत राजनीति से ऊपर है। विधानसभा में कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों के विधायकों ने धर्मांतरण का मुद्दा उठाया। लाभ के लिए जाति बदलना छलावा है। डीलिस्टिंग के लिए अब लोग अधीर हो गए हैं। मुझे लगता है कि जल्द ही नेता भी अधीर होंगे। (RSS on Conversion)

धर्म स्वातंत्र्य विधेयक लाने की मांग

उन्होंने कहा कि परंपराओं को नष्ट करने के लिए विवश किया जा रहा है। धर्म स्वातंत्र्य विधेयक आने का समय आ गया है। जल्द ही कठोर कानून बनने चाहिए। सक्सेना ने कहा कि धर्मांतरण-मतांतरण हो या रोहिंग्या बसने का मामला हो, सामाजिक सद्भाव, संघ के विभिन्न कार्यों, स्वदेशी जैसे मामलों को लेकर घर-घर जाने की योजना बनी है। वहीं बस्तर में दशहरा मनाने को लेकर उन्होंने कहा कि बस्तर के ग्रामीण इलाकों तक दशहरा अच्छे से मनता है। कहीं नहीं भी मनता होगा तो हम अच्छे से वहां भी मनाएंगे। (RSS on Conversion)

विदेशी फंडिंग को लेकर भी बयान

वहीं एनजीओ की ओर से विदेशी फंडिंग से धर्मांतरण के सवाल पर उन्होंने कहा कि कई संस्थाएं है, जिन्हें विदेशों से पैसा मिलता था। मोदी सरकार ने उन्हें रोका हैष। ऐसी चर्चा रहती थी कि ये संस्थाएं धर्मांतरण-मतांतरण के लिए भी काम के लिए भी पैसे का इस्तेमाल करती थी। अभी भी कुछ संस्थाएं-कंपनियों की ओर से ऐसा होने की बात है, जिसे देखकर रोका जाना चाहिए। बता दें कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी इसका मुद्दा उठाया था, जिसे लेकर प्रदेश में जमकर बवाल हुआ था। (RSS on Conversion)

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