Sarva Chhattisgarhiya Samaj: छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा डॉक्टर खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना का नाम बदले जाने के फैसले के खिलाफ प्रदेश भर के कुर्मी समाज सहित सर्व छत्तीसगढ़िया समाज के हजारों प्रतिनिधियों ने राजधानी रायपुर के तूता में एकजुट होकर जोरदार प्रदर्शन किया। यह आंदोलन छत्तीसगढ़ के पहले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, समाज सुधारक और महान व्यक्तित्व डॉक्टर खूबचंद बघेल के सम्मान और उनकी पहचान की रक्षा के लिए आयोजित किया गया।
यह भी पढ़ें:- छत्तीसगढ़ की न्यायधानी में गैंगरेप, 2 आरोपियों ने दिया वारदात को अंजाम, पेंड्रा और बस्तर में भी रेप की घटना
कुर्मी समाज के नेताओं का बयान
मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज के केंद्रीय अध्यक्ष खोडस राम कश्यप ने सरकार के फैसले को छत्तीसगढ़ के महापुरुषों के गौरव और स्वाभिमान को ठेस पहुंचाने वाला बताते हुए कहा, “यह केवल डॉक्टर खूबचंद बघेल का नहीं, बल्कि पूरे कुर्मी समाज और छत्तीसगढ़िया समाज का अपमान है। यह निर्णय उनकी अस्मिता को मिटाने की साजिश जैसा प्रतीत होता है।” (Sarva Chhattisgarhiya Samaj)
मांग पूरी न होने पर सड़क की लड़ाई की चेतावनी
महामंत्री यशवंत सिंह वर्मा ने इसे छत्तीसगढ़िया समाज के स्वाभिमान की लड़ाई करार देते हुए कहा, “जब तक डॉक्टर खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना को उसके पुराने नाम और पहचान के साथ बहाल नहीं किया जाएगा, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा। यदि सरकार ने तुरंत सकारात्मक कदम नहीं उठाए, तो यह आंदोलन सड़क की लड़ाई का रूप लेगा।” (Sarva Chhattisgarhiya Samaj)
प्रदर्शन में कई समाजों का समर्थन
इस धरने में सतनामी समाज, धोबी समाज, सेन समाज, साहू समाज, चंद्राकर समाज सहित सर्व छत्तीसगढ़िया समाज के प्रतिनिधियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। प्रमुख नेताओं में रमेश यदु, मन्नू लाल परगनिहा, जागेश्वर बघेल, सुनीता वर्मा, सरिता बघेल, चंद्रकांत वर्मा समेत अन्य सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। (Sarva Chhattisgarhiya Samaj)
सभा का सफल आयोजन
सभा का संचालन सुनील नायक, श्रद्धां नायक और आलोक वर्मा ने किया। सभा के दौरान कुर्मी समाज और अन्य समुदायों के प्रतिनिधियों ने अपने विचार प्रकट किए और आंदोलन को मजबूती से आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई।आंदोलन में समर्थन देने वालों में जितेंद्र सिंगरौल (कुर्मी महासभा), शैलेष नितिन त्रिवेदी, बिसौहा राम पटेल (पटेल समाज), बी.एस. रावेत (आदिवासी समाज), राजा निर्मलकर (धोबी समाज) सहित अन्य प्रमुख नेता शामिल थे। (Sarva Chhattisgarhiya Samaj)
आंदोलन का उद्देश्य
इस प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ के महापुरुष डॉक्टर खूबचंद बघेल के नाम को उनके योगदान के सम्मान में बनाए रखना है। प्रदर्शनकारियों ने सरकार से तत्काल योजना का पुराना नाम बहाल करने की मांग की और आंदोलन को हर स्तर पर जारी रखने की चेतावनी दी। छत्तीसगढ़ की राजधानी में यह प्रदर्शन छत्तीसगढ़िया समाज की एकता और अपने महापुरुषों के सम्मान के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सरकार से मांग है कि वह जल्द ही इस मुद्दे का समाधान करे, ताकि समाज में शांति और संतुलन बना रहे। (Sarva Chhattisgarhiya Samaj)