4 बार सांसद रहे सोहन पोटाई का निधन, CM भूपेश और राज्यपाल ने जताया दुख

Sohan Potai Death: कांकेर लोकसभा सीट से 4 बार सांसद रहे सोहन पोटाई का निधन हो गया है। पोटाई सर्व आदिवासी समाज के प्रदेश अध्यक्ष थे, जो लंबे समय से कैंसर के खिलाफ जंग लड़ रहे थे। गुरुवार सुबह कांकेर स्थित आवास में उन्होंने अंतिम सांस ली। सोहन पोटाई के निधन से आदिवासी समाज समेत प्रदेश में शोक की लहर है। सोहन पोटाई ने चारों बार भाजपा के टिकट से चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी। पोटाई ने 64 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। सोहन पोटाई का जन्म 20 अप्रैल 1958 को हुआ था। पहली बार 1998 में कांग्रेस के दिग्गज नेता महेंद्र कर्मा को हराकर वे चर्चा में आए थे, लेकिन केंद्र में सरकार गिरने से सिर्फ एक साल तक ही सासंद रहे।

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूर्व सांसद सोहन पोटाई के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने सोहन पोटाई के शोक संतप्त परिवारजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए ईश्वर से दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान देने और उनके परिवारजनों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सोहन पोटाई कांकेर लोकसभा क्षेत्र से चार बार सांसद रहे। उन्होंने आजीवन आदिवासी समाज के हितों के लिए संघर्ष किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कई बार पोटाई से आदिवासी समाज के हितों पर चर्चा हुई। आदिवासी समाज के विकास और उत्थान के लिए हम सबने मिलकर काम किया। उनका निधन हम सबके लिए अपूरणीय क्षति है। (Sohan Potai Death)

राज्यपाल हरिचंदन ने भी जताया दुख

वहीं राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने भी छत्तीसगढ़ के पूर्व सांसद सोहन पोटाई के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने ईश्वर से दिवंगत आत्मा को सद्गति और शोक संतप्त परिजनों को इस दुख की घड़ी में धैर्य प्रदान करने की प्रार्थना की है। बता दें कि सोहन पोटाई ने 1999 में अरविंद नेताम को हराया था। 2004 में सोहन ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रही गंगा पोटाई ठाकुर को पराजित कर तिकड़ी बनाई। इसके बाद साल 2009 में उन्होंने कांग्रेस की फूलोदेवी नेताम को पराजित कर लगातार चौथी जीत का रिकॉर्ड बनाया। (Sohan Potai Death)

बता दें कि 2014 में BJP से उन्हें टिकट नहीं मिला। भाजपा के खिलाफ लगातार बयानबाजी के चलते सोहन पोटाई को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। इसके बाद वे आदिवासी समाज की राजनीति में सक्रिय हुए। वर्तमान में वे सर्व आदिवासी समाज के प्रदेश अध्यक्ष के पद पर थे। सोहन पोटाई पोस्ट मास्टर की सरकारी नौकरी छोड़कर राजनीति में आए थे। इमरजेंसी के समय में वे सहायक पोस्ट मास्टर की नौकरी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। वे आदिवासियों से जुड़े मुद्दों को लेकर मुखर थे। पोटाई को किसी जमाने में RSS का पसंदीदा माना जाता था, लेकिन बाद के दिनों में BJP से उनकी दूरी बढ़ती चली गई, जो खत्म ही नहीं हुआ। (Sohan Potai Death)

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