अपनी सीमा से बाहर जा रहा सुप्रीम कोर्ट, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे का बड़ा बयान

Nishikant Dubey On Supreme Court : वक्फ कानून के समर्थन और विरोध के बीच उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने न्यायपालिका और विधायिका को लेकर नई बहस छेड़ दी है. वहीं अब बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने आज शनिवार (19 अप्रैल) को सुप्रीम कोर्ट को लेकर बड़ा बयान (Nishikant Dubey On Supreme Court) दे दिया. उन्होंने कहा कि कानून अगर शीर्ष अदालत ही बनाएंगी तो संसद भवन को बंद कर देना चाहिए।

यह भी पढ़े :- छत्तीसगढ़ में साय सरकार की बड़ी प्रशासनिक सर्जरी, 41 IAS अधिकारियों का हुआ ट्रांसफर

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, “देश में धार्मिक युद्ध भड़काने के लिए केवल सुप्रीम कोर्ट जिम्मेदार है. सुप्रीम कोर्ट अब अपनी सीमाओं से बाहर जा रहा है. अगर हर बात के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ता है तो संसद और विधानसभा बंद कर देनी चाहिए. भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना इस देश में हो रहे सभी गृहयुद्धों के लिए जिम्मेदार हैं।

राष्ट्रपति मुख्य न्यायाधीश को करते हैं नियुक्त

दुबे ने आगे कहा, “आप अपॉइंटिंग अथॉरिटी को निर्देश कैसे दे सकते हैं? राष्ट्रपति भारत के मुख्य न्यायाधीश को नियुक्त करते हैं. संसद इस देश का कानून बनाती है. आपने नया कानून कैसे बनाया? किस कानून में लिखा है कि राष्ट्रपति को तीन महीने के भीतर फैसला करना है? इसका मतलब है कि आप इस देश को अराजकता की ओर ले जाना चाहते हैं. जब संसद बैठेगी तो इस पर विस्तृत चर्चा होगी। (Nishikant Dubey On Supreme Court)

निशिकांत दुबे की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब वक्फ (संशोधन) अधिनियम की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर शीर्ष अदालत में सुनवाई चल रही है अधिनियम को इस महीने की शुरूआत में संसद ने पारित किया था. न्यायालय द्वारा इस कानून के कुछ विवादास्पद प्रावधानों पर सवाल उठाए जाने के बाद केंद्र सरकार ने अगली सुनवाई तक उन्हें लागू न करने पर सहमति व्यक्त की है।

चर्चा में हैं सुप्रीम कोर्ट के ये निर्देश

बता दें कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति को राज्यपालों द्वारा भेजे गए विधेयकों पर 3 महीने के भीतर फैसला लेने का निर्देश दिया था। यह फैसला 8 अप्रैल 2025 को तमिलनाडु बनाम राज्यपाल मामले में आया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल आर.एन. रवि के विधेयकों पर देरी को असंवैधानिक ठहराया था। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने 15 अप्रैल 2025 को वक्फ (संशोधन) अधिनियम पर अंतरिम आदेश जारी किया था। साथ ही अदालत ने इस कानून के कुछ प्रावधानों पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था। बता दें कि कानून संसद द्वारा पारित किया गया था, जिसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और पारदर्शिता में सुधार करना था।

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने जताई थी चिंता

बता दें कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 17 अप्रैल 2025 को सुप्रीम कोर्ट के तमिलनाडु बनाम राज्यपाल मामले में दिए गए निर्देश को ‘न्यायिक अतिक्रमण’ करार दिया था। धनखड़ ने कहा था, ‘हम ऐसी स्थिति नहीं रख सकते जहां सुप्रीम कोर्ट राष्ट्रपति को निर्देश दे। कोर्ट के पास संविधान की व्याख्या करने का अधिकार है, लेकिन वह कार्यपालिका या विधायिका की भूमिका नहीं निभा सकता।’ उन्होंने अनुच्छेद 142 को ‘न्यायपालिका के लिए 24×7 उपलब्ध परमाणु मिसाइल’ करार देते हुए इसकी असीमित शक्ति पर चिंता जताई थी। (Nishikant Dubey On Supreme Court)

Back to top button
error: Content is protected !!