तुर्किये और सीरिया में नहीं थम रहा मौतों का आंकड़ा, 28 हजार से ज्यादा की मौत

Earthquake in Turkish Syria: तुर्किये और सीरिया में भूकंप से भारी तबाही मची है। दोनों देशों में मौत का आंकड़ा थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब तक 28 हजार 192 लोगों की मौत हो चुकी है। घायलों की संख्या 78 हजार के पार हो गई है। इसी बीच तुर्किये के 8 प्रान्त से लूटपाट के आरोप में 48 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से 42 लोग हताय प्रांन्त के हैं। वहीं तुर्किये में 62 बिल्डिंग कॉन्ट्रैक्टर्स को भी हिरासत में लिया है। अदाना शहर में भूकंप के चलते ढही इमारतों को देखते हुए कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। दूसरी तरफ UN की मदद भेजने वाले इकाई के चीफ मार्टिन ग्रिफिथ्स ने कहा कि भूकंप से हुई मौतों का आंकड़ा दो गुना हो सकता है।

यह भी पढ़ें:- JP नड्‌डा के दौरे के बाद बदला छत्तीसगढ़ का राज्यपाल, जानिए कौन हैं बिस्वा भूषण हरिचंदन

उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे मलबा हटेगा, शव बरामद होंगे। रेस्क्यू ऑपरेशन फाइनल स्टेज में है, लेकिन हम नहीं जानते की इसे कब रोका जाना चाहिए। वहीं सीरिया में समय पर मदद नहीं पहुंच पा रही है। इसकी वजह भूकंप के बाद सड़कों पर मलबा जमा हुआ है। हरेम शहर में एक पिता ने बताया कि उनकी बटी मलबे में दबी थी, लेकिन किसी ने उनकी मदद नहीं की। पिता ने कहा कि मेरी बेटी भूकंप के एक दिन बाद भी जिंदा थी। मलबे में दबे रहने के 24 घंटे बाद भी उस तक मदद नहीं पहुंची। हमारे पास मलबा हटाने के लिए कोई मशीनें नहीं थी। हम मदद का इंतजार करते रहे। काफी वक्त बीत गया। मैंने खुद अपने हाथों से उसके शव को बाहर निकाला। भूकंप को देखते हुए जर्मनी ने तुर्किये और सीरिया में परिवारों के लिए 3 महीने का इमरजेंसी वीजा जारी करने की घोषणा की है। (Earthquake in Turkish Syria)

इधर, भारत ने ऑपरेशन दोस्त के तहत तुर्किये में दवाओं के 841 बॉक्स भेजे हैं। इसके साथ ही प्रोटेक्शन सेफ्टी टूल्स भी भेजे हैं। राहत सामग्री पहुंचाने के लिए करीब 30 साल बाद अरमेनिया-तुर्किये बॉर्डर खोल दिया गया है। ये बॉर्डर 1993 में बंद कर दिया था। तुर्किये में ही 21 हजार 848 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। सीरिया में 3 हजार 553 लोग मारे गए हैं। तुर्किये में मलबे से एक भारतीय का शव है। व्यक्ति का नाम विजय कुमार और उम्र 35 साल बताई जा रही है। वह उत्तराखंड का रहने वाला था और 23 जनवरी को तुर्किये गया था। तुर्किये के हताय शहर में रेस्क्यू टीम ने एक चिड़िया को बचाया। वो पीजरे में बंद थी और मलबे में दबी हुई थी। एक बचावकर्मी ने उसे अपने हाथों से पानी पिलाया। (Earthquake in Turkish Syria)

वहीं एक रेस्क्यू टीम ने कुत्ते को मलबे में दबे देखा और उसे बचा लिया। उसे काफी चोट लगी थी, जिसके बाद उसका प्राथमिक उपचार किया गया। एक बचावकर्मी ने उसे बाहर निकालने के बाद पानी पिलाया। तुर्किये के हताय शहर में एक बिल्ली को बचाया गया। इसके बाद उसे उसके मालिक के पास छोड़ दिया गया। भूकंप का एपिसेंटर तुर्किये का गाजियांटेप शहर रहा। ये सीरिया बॉर्डर से 90 किमी दूर है। इसलिए इसके आसपास के इलाकों में ज्यादा तबाही हुई। भूकंप का एपिसेंटर तुर्किये का गाजियांटेप शहर रहा। ये सीरिया बॉर्डर से 90 किमी दूर है। इसलिए इसके आसपास के इलाकों में ज्यादा तबाही हुई। तुर्किये और सीरिया में 6 फरवरी को सुबह 3 बड़े भूकंप आए थे। (Earthquake in Turkish Syria)

बता दें कि हर साल दुनिया में कई भूकंप आते हैं, लेकिन इनकी तीव्रता कम होती है। नेशनल अर्थक्वेक इन्फॉर्मेशन सेंटर हर साल करीब 20 हजार भूकंप रिकॉर्ड करता है। इसमें से 100 भूकंप ऐसे होते हैं, जिनसे नुकसान ज्यादा होता है। यह कुछ सेकेंड तक रहता है। अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा देर तक रहने वाला भूकंप 2004 में हिंद महासागर में आया था। ये भूकंप 10 मिनट तक रहा था। 6 फरवरी को तुर्किये-सीरिया में आए 7.8 तीव्रता के भूकंप से अब तक 28 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। 95 से ज्यादा देश यहां मदद भेज रहे हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। तुर्किये में अब तक 30 हजार से ज्यादा लोगों को बचा लिया गया है। हालांकि रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है। (Earthquake in Turkish Syria)

Related Articles

Back to top button