पोस्टिंग मामले में बिलासपुर हाईकोर्ट से शिक्षकों को बड़ी राहत, पढ़ें पूरी खबर

HC on Teacher Posting: छत्तीसगढ़ के शिक्षकों को पोस्टिंग मामले में बिलासपुर हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। दरअसल, कोर्ट ने शिक्षकों की पदस्थापना और वेतन को लेकर महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग को 45 दिनों में शिक्षकों की पोस्टिंग के मामले में फैसला लेने को कहा है। साथ ही शिक्षकों को वेतन व्यवस्था के लिए पुरानी पदस्थापना वाले स्कूलों में ज्वाइन करने के निर्देश दिए हैं। 

यह भी पढ़ें:- प्रियंका गांधी ने धमतरी के कुरूद में की सभा, कहा- केंद्र सरकार को चला रहे अडानी और अंबानी

बता दें कि पोस्टिंग घोटाले में धांधली के चलते स्कूल शिक्षा विभाग ने ढाई हजार से ज्यादा शिक्षकों की पोस्टिंग निरस्त कर दी थी। मामले को लेकर शिक्षक बड़ी संख्या में हाईकोर्ट पहुंचे थे। कोर्ट ने कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित करें, जो याचिकाकर्ताओं के आवेदन पर नए सिरे से विचार करेगी। बिलासपुर हाईकोर्ट ने 15 दिनों के अंदर अभ्यावेदन देने और समिति को 45 दिनों में फैसला देने के निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट ने 4 सितंबर को शासन द्वारा जारी किए गए आदेश को भी निरस्त कर दिया है। साथ ही शिक्षकों को अपने पिछले पदस्थापना स्थान पर कार्यभार ग्रहण करने की अनुमति दी है। (HC on Teacher Posting)

3 नवंबर को फैसला रखा गया था सुरक्षित

बता दें कि हाईकोर्ट ने 3 नवंबर को मामले की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा था, जिस पर 7 नवंबर को फैसला सुनाया गया। कोर्ट ने सहायक शिक्षकों की शिक्षक के पद पर पदोन्नति और शिक्षक से प्रधान पाठक के पद पर पदोन्नति के मामले में फैसला सुनाया है। शिक्षकों को 15 दिनों के भीतर स्कूल शिक्षा विभाग में अपना अभ्यावेदन जमा करना होगा। इसमें याचिकाकर्ता को यह छूट होगी कि उसने संशोधन के लिए जो प्रमुख आधार बताएं हैं उसे संबंधित या अन्य दस्तावेज भी अभ्यावेदन के साथ प्रस्तुत कर सकता है। उनके अभ्यावेदन के आधार पर सरकार द्वारा बनाई गई 7 सदस्यीय कमेटी 45 दिनों के भीतर मामले का निराकरण करेगी। वेतन का भुगतान भी संबंधित स्कूल से ही होगा। (HC on Teacher Posting)

जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल के सिंगल बेंच ने की सुनवाई

शिक्षकों की याचिका पर जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल के सिंगल बेंच में सुनवाई हुई। जस्टिस चंदेल ने अपने फैसले में कहा है कि याचिकाकर्ता शिक्षकों को समिति के समक्ष 15 दिनों के भीतर आवेदन पेश करना होगा। कोर्ट ने याचिकाकर्ता शिक्षकों को यह भी छूट दी है कि समिति के समक्ष अपने आवेदन के समर्थन में कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत करने की स्वतंत्रता होगी। समिति प्रत्येक याचिकाकर्ता के मामले का निर्णय करेगी और उनके नए पदस्थापन आदेश समिति या सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी किये जाएंगे। निर्णय लेते समय समिति या सक्षम प्राधिकारी याचिकाकर्ताओं के मामले और उनके नए पोस्टिंग आदेश जारी करने के लिए, राज्य की स्थानांतरण नीति 22 अगस्त 2022 के और 29 मार्च 2023 को जारी निर्देशों पर भी विचार करेगी। (HC on Teacher Posting)

2300 शिक्षकों ने ली थी हाईकोर्ट की शरण

दरअसल, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में करीब 2300 शिक्षकों ने अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से अलग-अलग याचिका दायर कर राज्य शासन द्वारा चार सितंबर 2023 को पारित आदेश को चुनौती दी है, जिसके तहत संबंधित संभागीय संयुक्त निदेशकों द्वारा जारी याचिकाकर्ताओं के संशोधित पोस्टिंग आदेश रद्द कर दिए गए हैं। राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता सतीष चन्द्र वर्मा और उप महाधिवक्ता संदीप दुबे द्वारा बताया गया कि सभी याचिकाकर्ता जो 1900 के करीब है और 4 सितंबर के आदेश से कार्यमुक्त हो चुके थे, उनके वेतन भुगतान के लिए पूर्व पोस्टिंग स्थान पर ज्वाइन करना होगा। इसके बाद राज्य सरकार उनके वेतन भुगतान की व्यवस्था करेगी। कोर्ट के आदेश के बाद याचिका निराकृत कर दी गई है। इससे शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है। (HC on Teacher Posting)

Related Articles

Back to top button