सिक्किम एवलांच हादसे में बढ़ी मृतकों की संख्या, अब तक 7 लोगों की गई जान

Sikkim Avalanche Accident: सिक्किम की राजधानी गंगटोक में एवलांच हुआ, जिसमें अब तक 7 लोगों की मौत दर्ज की गई है। मृतकों में चार पुरुष, दो महिलाएं और एक बच्चा शामिल है। ये घटना गंगटोक के नाथु ला दर्रे से जोड़ने वाले जवाहरलाल नेहरू मार्ग पर हुई। 22 पर्यटकों को बर्फ से निकाला गया है, जिनमें से 11 लोगों की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें गंगटोक के अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।

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दरअसलस, हिमस्खलन के बाद त्रिशक्ति कोर, भारतीय सेना के सैनिकों ने सिक्किम में माइलस्टोन 15 के पास गंगटोक-नाथुला रोड पर एक बचाव अभियान चलाया, जहां हिमस्खलन हुआ था, जिसमें 7 लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं। बता दें कि हादसे वाले इलाके में 13वें माइलस्टोन तक जाने का पास जारी किया जाता है। इसके आगे जाने की परमिशन नहीं होती है। बताया जा रहा है कि सैलानी जवाहरलाल नेहरू मार्ग पर 14वें माइलस्टोन तक चले गए और यहीं हादसा हो गया। (Sikkim Avalanche Accident)

पिछले साल आए तीन बड़े एवलांच

  • जनवरी 2022: तिब्बत में एवलांच की चपेट में आने से 8 लोगों की मौत हो गई थी। स्टेट मीडिया के मुताबिक हादसा तिब्बत के दक्षिण-पश्चिमी इलाके न्यिंगची शहर में डोक्सोंग ला सुरंग के पास हुआ था। (Sikkim Avalanche Accident)
  • नवंबर 2022: जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा माछिल इलाके में 3 जवान हिमस्खलन की चपेट में आने से शहीद हो गए थे। जब हादसा हुआ तब 56 राष्ट्रीय रायफल्स के ये पांचों जवान रुटीन गश्त कर रहे थे। अधिकारियों ने बताया कि हादसे की जानकारी मिलते ही रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया, लेकिन तब तक जवानों को निकाला गया तो 3 की मौत हो गई थी।
  • फरवरी 2022: अरुणाचल प्रदेश में एवलॉन्च के बाद लापता हुए सेना के 7 जवानों के शव बरामद हुए। सेना के मुताबिक, वे पिछले दो दिन से बर्फ में फंसे थे। भारतीय सेना की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि कामेंग सेक्टर के हाई एल्टिट्यूड वाले क्षेत्र में एवलॉन्च में फंसे सेना के सातों जवानों की मौत हो गई। सभी जवानों के शव एवलॉन्च वाली जगह से बरामद किए गए। (Sikkim Avalanche Accident)

एवलॉन्च की भविष्यवाणी संभव नहीं: वैज्ञानिक

अब तक वैज्ञानिक ये भविष्यवाणी करने में सक्षम नहीं हैं कि हिमस्खलन कब और कहां होगा। वे बस बर्फ के ढेर, तापमान और हवा की कंडीशन से हिमस्खलन के खतरे का अनुमान लगा सकते हैं। बर्फ में स्कीइंग वाले कुछ इलाको में एवलांच कंट्रोल टीमें तैनात होती हैं। बर्फ या पत्थर के पहाड़ की ढलान से तेजी से नीचे गिरने को हिमस्खलन या एवलांच कहते हैं। हिमस्खलन के दौरान, बर्फ, चट्टान, मिट्टी और अन्य चीजें किसी पहाड़ से नीचे की ओर तेजी से फिसलती हैं। हिमस्खलन आमतौर पर तब शुरू होता है जब किसी पहाड़ की ढलान पर मौजूद बर्फ या पत्थर जैसी चीजें उसके आसपास से ढीली हो जाती हैं। इसके बाद ये तेजी से ढलान के नीचे मौजूद और चीजों को इकट्टा कर नीचे की और गिरने लगती हैं। चट्टानों या मिट्टी के स्खलन को भूस्खलन कहते हैं। (Sikkim Avalanche Accident)

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