Trending

Budhwa Mangal: दूसरा बुढ़वा मंगल आज, शत्रु दुख और कष्टों से मुक्ति का दिन

Budhwa Mangal: बुढ़वा मंगल भगवान हनुमान के बूढ़े रूप को समर्पित है। ये उत्सव भाद्रपद के अंतिम मंगलवार को आयोजित किया जाता है, जिसे प्रचलित भाषा में बूढ़े मंगल के नाम से भी जाना जाता है। नगला खुशहाली में 300 साल पुराने हनुमान बरी परिसर में ये त्योहार बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। बुढ़वा मंगल दक्षिण भारत की अपेक्षा उत्तर भारत मे ज्यादा प्रमुखता से मनाया जाता है, लेकिन उत्तर भारत में ही कहीं-कहीं ये त्योहार ज्येष्ठ माह के मंगलवार को बूढ़ा मंगल के नाम से मनाया जाता है।

यह भी पढ़ें:- Jain Monk: इस राज्य में पूरा परिवार बना जैन मुनि, 11 करोड़ की संपत्ति की दान

ज्येष्ठ मास का पहला बड़ा मंगल 17 मई 2022 से शुरू हुआ। इसके बाद दूसरा 24 मई यानी आज है। जबकि 31 मई, 7 जून और 14 जून के दिन बड़ा मंगल मनाया (Budhwa Mangal) जाएगा। बड़े मंगल के दिन हनुमान जी की पूजा-अर्चना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस मास की शुरुआत मंगलवार से हुई है। वहीं अंत भी मंगलवार से हो रहा है। ज्येष्ठ मास में पूरे पांच मंगलवार पड़ रहे हैं। बड़ा मंगल को सौभाग्य, प्रेत बाधा, शत्रु दुख और कष्टों से मुक्ति का दिन माना जाता है। ज्येष्ठ मास के सभी मंगलवार को बुढ़वा या बड़ा मंगल कहलाते हैं।

लखनऊ में धूमधाम से मनाया जाता है बड़ा मंगल का पर्व 

ज्येष्ठ माह में ही हनुमान जी का प्रभु राम से प्रथम बार मिलन हुआ था। ज्येष्ठ माह के मंगलवार के दिन को हनुमान जी ने कुंती पुत्र अर्जुन अग्रज 10 हजार हाथी की शक्ति संपन्न भीम को दर्शन देकर उनके शक्ति गर्व और दर्प को वृद्ध वानर का रूप धारण कर भंग किया (Budhwa Mangal) था। हनुमान जी की पुंछ तक भीम हिला नहीं सके थे। उत्तर प्रदेश के लखनऊ में बड़ा मंगल का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। व्यावसायिक मंदी और इत्र ,केसर नहीं बिकने के कारण एक व्यापारी ने हनुमान जी से याचना की ‘केसर और इत्र अगर बिक जाएगा तो आपका मंदिर का निर्माण कराऊंगा।’

400 साल पहले अवध के नवाब ने की थी शुरुआत

सौभाग्य से तात्कालीन लखनऊ के नबाब वाजिद अली शाह ने उसका पूरा इत्र और केसर खरीद लिया। इसके बाद याचना और मन्नत पूरी होने पर उस व्यापारी ने हनुमान जी का भव्य मंदिर निर्माण करवाया। तब से ही लखनऊ में हर साल ज्येष्ठ माह के प्रत्येक (Budhwa Mangal) मंगलवार को बड़ा मंगल मनाए जाने की परंपरा शुरू हुई। अवध के नवाब ने बड़े मंगल की शुरुआत 400 साल पहले की थी। नवाब मोहम्मद अली शाह के बेटे अज्ञात रोग से बीमार थे। अवध के नवाब की बेगम को बेटे की सलामती के लिए लखनऊ के अलीगंज स्थित पुराने हनुमान मदिर में मन्नत मांगने का परामर्श एक पंडित ने दिया।

अवध के नवाब ने मांगी थी मन्नत

अवध के नवाब ने अलीगंज स्थित हनुमान मंदिर में मन्नत मांगी। इसके बाद चमत्कारिक रूप से बेटा स्वस्थ हो गया। इसके बाद अवध के नवाब और बेगम ने मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया। ज्येष्ठ माह की भीषण गर्मी में हर मंगलवार को पूरे शहर में पानी और गुड़ वितरण करवाना शुरू किया। इसके बाद से बड़ा मंगल मनाने की परंपरा शुरू हो गई, जिनकी जन्म लग्न का अंक -2, 3, 6, 7, 10 और 11 हो उनके लिए पूजा उपयोगी होगी। कुंभ और मकर राशि के लिए पूजा उपयोगी होगी। कुंडली में मंगल 1, 4, 2, 7, 8 और 12 भाव में मंगल हो उनको दाम्पत्य जीवन में सुख शांति के लिए उपयोगी होगी।

  • सूर्योदय समय से एक घंटे पहले 8वें, 15वें, 21वें घंटे में पूजा के शुभ समय होंगे। पूजा के समय मंगला गौरी के मंत्र का जाप करें।
  • हनुमान जी की पूजा–चालीसा,बाहुक,बजरंग वाण में से कोई भी पाठ कर सकते हैं। हनुमान के इष्ट प्रभु राम का स्मरण कर हनुमान पूजा, राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे।
  • सहस्त्र नाम तत्तुन्यं राम नाम वरानने।।
  • लाल वस्त्र, ध्वजा, पुष्प, चमेली के तेल या तिल तेल का दीपक-दीपक वर्तिका उत्तर दिशा की और हो ।वर्तिका का रंग लाल हो श्वेत नहीं।
  • वट वृक्ष के पत्ते पर, ‘हं पवन नन्दनाय नम: ‘ रोली से लिखे या हल्दी, केसर सुगंध मिश्रित अष्टगंध से लिखे। जल में प्रवाहित करे या पृथ्वी में दबा दे या अर्स,पूजा स्थल या ताबीज में रखे, आर्थिक लाभ भी होता है।

भोग

गुड़, चना, मीठी पूड़ी या हलवा। सर्वार्थ सिद्धि योग रात्रि 10:38 से शुरू हो चुका है। किसी भी कार्य में सफलता के लिए उत्तम योग है। मंगलवार के दिन भद्रा काल में पूजा अनेक कष्ट बाधा दूर करने वाली होती है। सुबह 7:10 के बाद भद्रा आरंभ होगी। मकर और तुला राशि को इस मंगलवार को पूजा करने से आने वाले आपत्ति विपत्ति पर नियंत्रण होगा।

किए जाने वाले कार्य 

रहस्य, जासूसी, गुप्त कार्य, छल, शस्त्र, तंत्र-मन्त्र क्रिया, टोना, टोटके, मूंगा, दस्तकारी स्वर्ण, ताबा क्रय। विवाद, वसूली, जोखिम, शस्त्र निर्माण, मद्यपान, निर्माण कार्य और सभी प्रकार के क्रूर कर्म न करें।

सभी के लिए उपयोगी उपाय

  • कुंभ राशि के लिए ये दिन उपयोगी होगी।
  • जटामांसी, मौलश्री लाल पुष्प जल में मिला कर स्नान करे।
  • दान- गुड़, मसूर तांबा, लाल चन्दन युवा पुरुष, रक्षक, कनेर लाल पुष्प।
  • दान किसे दे– युवा अवश्यक -लाल बैल, युवा लड़का, राष्ट्रीय, सुरक्षा कर्मी, चौकीदार को दे।
  • घर से प्रस्थान पूर्व क्या खाएं– कांजीया मसूर की दालके कुछ दाने पृथ्वी पर छोड़े।
  • नवमी- Avoid निषेध-लौकी, नारियल। आवला, बाल नाख़ून काटना, बेल पत्र तोडना व्यंजन उत्पाद का प्रयोग नहीं करे।
  • आज उपयोगी मंत्र– 5 या 9 बार पढ़े।
  • कार्य के पूर्व और घर से प्रस्थान पूर्व – दुर्गा की पूजा लोक व्यवहार में विजय के लिए करे।
  • या ॐ एम् ह्रीं क्लिम चामुंडाये विच्चे। 11 बार जाप करें।

जैन धर्म मंत्र

  • ॐ ह्रीं णमो सिद्धाणं ।
  • ॐ ह्रीं मंगल ग्रहारिष्ट निवारक श्री वासु पूज्यजिनेन्द्राय नम।
  • सर्व शांतिं कुरु कुरु स्वाहा।
  • मम (अपना नाम ) दुष्ट ग्रह रोग कष्ट निवारणं सर्व शांतिं कुरू कुरू हूँ फट् स्वाहा।
  • ब्रह्माण्डपुराण मन्त्र-अनुभूत त्वरित प्रभावी भूमिपुत्रो महातेजा जगतां भयकृत् सदा।
  • वृष्टि कृद् वृष्टि हर्ता च पीडां हरतु में कुज:।।
  • अर्थ-भूमि के पुत्र ,महान् तेजस्वीजगत् को भय प्रदान करने वालेवृष्टि करने वाले और वृष्टि का हरण करने वाले मंगल (ग्रहजन्य) मेरी पीड़ा का हरण करें ।।

वेद मंत्र भौम

  • ॐ अग्निमूर्धा दिव: ककुत्पति: पृथिव्या अयम्।
  • अपां रेतां सि जिन्वति।। 
  • कार्य के पूर्व एवं घर से प्रस्थान पूर्व मन्त्र – कोई एक या समस्त ।
  • ह्रीं शिवायै नम:।
  • ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:।
  • ऐं श्रीं शक्तयै नम:।
  • ऐं ह्री देव्यै नम:।
  • ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:।
  • क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:।
  • क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:।
  • श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:।
  • ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:।

आलेख : पंडित वी. के. तिवारी (ज्योतिषाचार्य)

पंडित वी. के. तिवारी

Related Articles

Back to top button