सुनहरा कमल से बच्चों में अच्छी शिक्षा, संस्कार और सत्कार की भावना होगी जागृत: आचार्य प्रमोद कृष्णम

Vinodni Mishra Book: गरियाबंद की वरिष्ठ अधिवक्ता विनोदनी मिश्रा द्वारा रचित बाल कथा संग्रह सुनहरा कमल का शनिवार को विमोचन किया गया। बच्चों में अच्छी शिक्षा, संस्कार, आध्यात्मिक ज्ञान जागृत करने के उद्देश्य से रचित प्रेरक कहानियों से परिपूर्ण इस पुस्तक का आध्यात्मीक गुरु आचार्य प्रमोद कृष्णम, राज्यसभा सांसद विवेक कृष्ण तनखा, एडोवोकेट जनरल सतीश चंद वर्मा और रायपुर विधायक सत्यनारायण शर्मा ने वन विभाग के ऑक्सन हॉल में विमोचन किया। इस अवसर पर समारोह में सुनहरा कमल की रचियिता विनोदनी मिश्रा का परिवार, उनके बेटे वरिष्ठ पत्रकार नीरज मिश्रा समेत स्थानीय जनप्रतिनिधि, अधिवक्तागण, पत्रकार बंधु और नगर के प्रबुद्ध नागरिक भी उपस्थित थे।

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कार्यक्रम में आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि आज देश की जो स्थिति है, वह चिंतानजनक है। हमे ऊंच-नीच, जातिवाद और क्षेत्रवाद से ऊपर उठकर देश के हित में सोचने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश की एकता अखंडता के लिए महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, अशफाक उल्ला खान ने अपना बलिदान दिया, लेकिन आज उन्हें दुख होगा कि देश एकजुटता के सूत्र में बांधने के बजाय बट रहा है। उन्होंने मानव सेवा की अपील करते हुए कहा कि सब सुखी रहे यह हमारा मूल मंत्र होना चाहिए। (Vinodni Mishra Book)

उन्होंने कहा कि इस पत्रिका का विमोचन हमें यह बताता है की बच्चों को सही दिशा देने के लिए साहित्य से अलग और कोई मार्ग हो ही नहीं सकता। कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद विवेक कृष्ण तन्खा ने कहा कि हमारा लक्ष्य देश का उत्थान होना चाहिए। इसके लिए राजनीति से ऊपर उठकर सोचने की जरूरत है। राजनीति में निश्वार्थ सेवा करने वाले को आना चाहिए, तभी देश और समाज का विकास हो सकता हैं। इसके साथ ही उन्होंने नागरिकों से देश के संविधान और कानून का पालन करने की अपील की। कार्यक्रम में उन्होंने पांच लाख रुपए देने की घोषणा भी की। (Vinodni Mishra Book)

महाधिवक्ता सतीश वर्मा ने इस तरह की किताबें बच्चो को जीवन जीने का सहीं मार्ग दिखाती है। वरिष्ठ विधायक शर्मा ने कहा कि बच्चों को सही संस्कार देने से ही उनका भविष्य उज्जवल होगा।कार्यक्रम को पत्रकार नीरज मिश्रा ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर अधिवक्ता संघ के जिला अध्यक्ष नरेन्द्र देवांगन ने समारोह का आभार व्यक्त करते हुए कहा की बच्चो में अच्छे शिक्षा प्रदान करने यह पुस्तक सार्थक प्रयास है। इस दौरान उन्होंने सांसद तनखा द्वारा पांच लाख की घोषणा करने पर उन्हें धन्यवाद भी ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन स्मिता शर्मा ने किया। (Vinodni Mishra Book)

बता दें कि अधिवक्ता विनोदनी मिश्रा द्वारा लिखित ये दूसरी किताब है। पहली किताब कौआ हकनी का विमोचन छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के हाथों हुआ था। विनोदनी मिश्रा अधिवक्ता होने के साथ-साथ समाज सेवा में भी अग्रणी रही है। अपने जीवन काल में उन्होंने महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए कई उल्लेखनीय कार्य किए। महिलाओं को संगठित और एकजुट करने उन्होंने महिला मंडल को स्थापना की। महिलाओं के लिए पौढ़ शिक्षा की शुरुवात की। क्षेत्र की महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए हमेशा उनकी संघर्षशीलता देखने की मिली। वे छत्तीसगढ़ के समाज कल्याण बोर्ड की प्रथम अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। (Vinodni Mishra Book)

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