World Water Day 2024 : अवैध रेत खनन कर महानदी का छलनी कर रहे सीना, अवैध रेत खनन से संकट में नदियों का अस्तित्व

केशव साहू संवाददाता अनमोल न्यूज 24 पलारी World Water Day 2024 : शासन ने खनिज विभाग के आला अफसरों को रेत माफियाओं पर सख्ती से लगाम लगाने का निर्देश दिया है। किंतु रेत माफिया शासन के निर्देशों की अवहेलना कर महानदी का सीना छलनी करने में लगे हैं। पलारी विकासखंड के रेत घाट अवैध रूप से सीमा से बाहर चल रहे रेत उत्खनन कार्य से जहां शासन को लाखों रुपये के रायल्टी का नुकसान हो रहा है, वहीं दूसरी ओर पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है। इसके साथ ही नदियों के अस्तित्व पर संकट भी गहराता जा रहा है। कई जगह नदियों में रेत की खदान इतने ज्यादा बढ़ गए हैं कि वहां जनजीवन पर भी इसका असर दिखने लगा है।

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खनिज अधिनियम के तहत रेत उत्खनन करने वाले लीज पट्टाधारी ठेकेदारों द्वारा रेत खदानों के लिए रेत उत्खनन के लिए जिस खसरा नंबर की लीज पट्टा शासन द्वारा प्रदान किया जाता है उसी स्थान या खसरा वाली जगहों से ही रेत का खनन किया जाना होता है। किन्तु लीज पट्टा मिले जगहों से बेतहाशा खनन करने के पश्चात उक्त स्थानों में पर्याप्त मात्रा या यूं कहें शासन द्वारा निर्धारित घन मीटरों से भी अधिक रेत का उत्खनन कर लिया जाता है। किंतु लीज पट्टे की अवधि के बहाने उसी लीज पट्टे का हवाला देते हुए रेत माफियाओं द्वारा मनमाने तरीके से अन्य जमीनों से रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है, और इस पर न किसी विभागीय अधिकारियों को लेना देना है और न ही किसी क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को। (World Water Day 2024 )

ग्राम रिवाडीह महानदी रेत घाट को निरस्त करने की युवाओं की मांग का समर्थन करने अब ग्रामीण भी आगे आ गए हैं। गांव के युवा, महिला, पुरुष और सरपंच ने कहा कि गांव के हित में शासन रेत घाट निरस्त कर दे। क्योंकि अंतिम छोर के इस गांव में एक मात्र रास्ता है। पहले रेत घाट चलने से 5 किलोमीटर का पूरा रास्ता खराब हो गया है। नदी की खुदाई से गांव वालों को पानी की दिक्कत हो जाएगी।
रेत से भरी गाड़ियां गांव से गुजरने से हादसे का डर बना रहता है। एक साल पहले इसी गांव में हाईवा ने एक युक्क को कुचल दिया था। वहीं अब हाईवा और बड़ी गाड़ियां तेज रफ्तार जब गलियों से निकलेंगी तो बच्चे, युवा, बुजुर्ग को खतरा बना रहेगा। ऐसे में जिंदगी को जोखिम में डालकर गांव से रेत की गाड़ियां निकलने नहीं दी जाएंगी और न ही कहीं और से। नदी ही गांव वालों के जीवन का आधार है।

रेत माफियों के कारण 5 करोड़ की सड़क 5 साल नहीं चली

गांव में सड़क नहीं थी। पांच साल पहले 5 करोड़ की सीसी सड़क 5 साल भी नहीं चल पाई, जिसका मुख्य कारण 40 से 50 टन रेत लेकर 9 टन की सड़क से साल भर रेत लेकर गाड़ियां चलीं। उस समय गांव वालों ने विरोध किया तब भी कोई सुनने वाला नहीं मिला। इसके बाद ग्रामीणों ने ठान लिया कि कुछ भी हो जाए उनके गांव के रेत घाट को चालू होने नहीं देंगे।

युवक की मौत का दर्द नहीं भूले ग्रामीण, हाईवा पकड़ से बाहर

एक साल पहले गांव के पास के घाट बम्हनी से निकले हाईवा ने गांव के युवा जितेंद्र यादव और करीब आधा दर्जन भैंसों को कुचल कर मार दिया था, जो नहीं पकड़ा गया है। जवान बेटे की मौत का सदमा मां-बाप को आज भी है तो इसकी दहशत गांव वालों को भी है। यह एक मात्र रास्ता है। यदि घाट चालू हुआ तो रेत निकलेगी और नदी से लेकर भवानीपुर तक 7 किलोमीटर लंबे रास्ते में हाईवा चलेंगे। (World Water Day 2024 )

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