Wednesday Lord Ganesh Fast : बुधवार के दिन इन चीजों का करें दान, हरे रंग का कपड़ा होता है शुभ

Wednesday Lord Ganesh Fast : बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इस दिन हरे रंग का कपड़ा पहनना शुभ होता है। मूंग दाल, घी और दही का दान करने से समाज में मान बढ़ता है और बुद्धि तेज होती है। गणेश जी की पूजा करने से सभी प्रकार के विघ्न दूर होते हैं। इसीलिए भगवान गणेश को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है।

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बुधवार का दिन गणेश जी को समर्पित है। मान्यता है कि बुधवार का दिन गणेश जी का प्रिय दिन है, इस दिन विधि पूर्वक पूजा करने से गणेश जी प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को शुभ फल प्रदान करते हैं। गणेश जी की पूजा करने से शिक्षा में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं। इसके साथ ही रोग दूर होते हैं, धन से जुड़ी परेशानियां दूर होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त होता है। मान सम्मान में भी वृद्धि होती है। भगवान गणेश सभी प्रकार के दुखों का नाश भी करते हैं। बुधवार का दिन गणेश पूजा के लिए उत्तम माना गया है। (Wednesday Lord Ganesh Fast)

भगवान गणेश की पूजा विधि

बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा के कुछ नियम बताए गए हैं। बुधवार के दिन सुबह उठकर नित्यक्रम से निवृत होकर स्नान करें। इसके बाद पूजा आरंभ करनी चाहिए। गणेश जी का ध्यान लगाएं और पूजा प्रारंभ करें। अगर इस दिन व्रत रखना है तो विधि पूर्वक व्रत का संकल्प लें। पूर्व या उत्तर की तरफ मुख करके बैठकर पूजा शुरू करें। गणेश जी को पुष्प, धूप, दीप, कपूर, रोली, मौली लाल, चंदन, मोदक चढ़ाएं। गणेश जी को सूखा सिंदूर का तिलक लगाएं। इसके बाद भगवान गणेश जी की आरती करें और गणेश मंत्र का जाप करें।

दूर्वा घास चढ़ाने से प्रसन्न होते हैं गणेशा

पूजा में दुर्वा घास का प्रयोग अवश्य करें। गणेश जी दूर्वा घास चढ़ाने से प्रसन्न होते हैं। इसके बाद मंत्र ”ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात” का जाप करें। मान्याओं के मुताबिक बुधवार को व्रत करने वाले जातक के जीवन में सुख, शांति और यश बना रहता है। इस व्रत को करने से आपके अन्न के भंडार कभी खाली नहीं होते। बुधवार के गणेश (Wednesday Lord Ganesh Fast) की पूजा करने से जीवन के सभी संकट दूर होते हैं। माना जाता है कि बुधवार के दिन बुध ग्रह की पूजा करने से कुंडली में बुध ग्रह की उपस्थिति शुभ जगह पर होती है।

भगवान गणेश जी की आरती

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

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