Anna Mani: जानिए कौन हैं अन्ना मणि, जिन्होंने शुरू किया भारतीय मौसम का पूर्वानुमान
Anna Mani: देश की पहली भारतीय महिला साइंटिस्ट अन्ना मणि का 104वां बर्थडे सेलिब्रेट कल किया गया। बता दें कि अन्ना मणी भारतीय भौतिक विज्ञानी और मौसम विज्ञानी भी रह चुकी हैं। आज उन्हीं की वजह से देश सटीक मौसम पूर्वानुमान की जानकारी पा सका है। वहीं उन्होंने देश के लिए अक्षय ऊर्जा को इस्तेमाल करने के लिए आधार तैयार किया है। साल 1918 में अन्ना मणी का पूर्व राज्य त्रावणकोर में जन्म हुआ था। उन्होंने अपने शुरुआती साल किताबों में काफी मेहनत से लगाए। 12 साल की उम्र तक मणि ने अपने सार्वजनिक पुस्तकालय में लगभग हर किताब पढ़ ली थी। वह अपने पूरी जीवन में एक उत्साही पाठक बनी रहीं।
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वहीं 12वीं पास करने के बाद उन्होंने महिला क्रिश्चियन कॉलेज में अपना इंटरमीडिएट साइंस कोर्स किया और प्रेसीडेंसी कॉलेज, मद्रास से फिजिक और केमेस्ट्री में ऑनर्स के साथ बैचलर ऑफ साइंस पूरा किया। स्नातक स्तर की पढ़ाई के बाद, उन्होंने एक साल के लिए WCC में पढ़ाया और भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर में पोस्टग्रेजुएट स्टदीज के लिए स्कॉलरशिप हासिल की। यहां, नोबेल पुरस्कार विजेता सी वी रमन के मार्गदर्शन में उन्होंने स्पेक्ट्रोस्कोपी की पढ़ाई की। साथ ही डायमेंड्स और रूबीज विशेषज्ञता हासिल की। (Anna Mani)
Today’s #GoogleDoodle honours Anna Mani, the 'Weather Woman of India', whose inventions still continue to make our lives easier.
She gave us gadgets to measure weather, and laid the groundwork for renewable energy.
science us
🤝
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विज्ञान विभाग के लिए शुरू किया था काम
बता दें कि अन्ना मणी ने 1948 में देश लौटने पर भारत मौसम विज्ञान विभाग के लिए काम करना शुरू किया, जहां उन्होंने देश को अपने मौसम की जानकारी, यानी की डिजाइन और निर्माण करने में मदद की इस पुरुष-प्रधान क्षेत्र में इतना शानदार परफॉर्म किया कि 1953 तक वह एक डिविजन की प्रमुख बन गईं। उनकी लीडरशिप में, 100 से ज्यादा मौसम उपकरण डिजाइनों को प्रोडक्शन के लिए सरल और मानकीकृत किया गया था। साल 1942 और 1945 के बीच, उन्होंने पांच पत्र प्रकाशित किए, अपनी PHD शोध प्रबंध और इंपीरियल कॉलेज, लंदन में स्नातक कार्यक्रम शुरू किया, जहां उन्होंने मौसम संबंधी उपकरण में विशेषज्ञता हासिल की। (Anna Mani)
सर्च इंजन ने खास डूडल बनाया
इधर, भारतीय मौसम विज्ञानी अन्ना मणि के 104वें जन्मदिन पर सर्च इंजन गूगल ने खास डूडल बनाया। अन्ना मणि ने मौसम का अवलोकन करने वाले उपकरणों के डिजाइन में अहम योगदान दिया है, जो भारत के मौसम के पहलुओं को मापने और पूर्वानुमान लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने मौसम विज्ञान उपकरणों से संबंधित कई रिसर्च पेपर भी लिखे हैं। साल 1969 में अन्ना मणि को भारतीय मौसम विभाग में उप महानिदेशक के पद पर नियुक्त किया गया। अन्ना मणि ने बंगलुरु में एक कार्यशाला को भी स्थापित किया जो हवा की गति और सौर ऊर्जा को मापने का काम करती थी, इसके अलावा उन्होंने ओजोन परत पर भी रिसर्च की थी। 1976 में वह भारतीय मौसम विभाग की उप-निदेशक पद से सेवानिवृत हुईं। 16 अगस्त 2001 को अन्ना मणि ने तिरुवनंतपुरम में इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। (Anna Mani)