
Court Night Hearing : हमारे देश में आमतौर पर अदालतों में शाम तक सुनवाई होती है, लेकिन अगर आपने Jolly LLB 2 फिल्म देखी होगी तो आपको याद होगा कि उस मूवी में जज ने आधी रात को फैसला सुनाया था. ऐसा ही कुछ असल जिंदगी में भी देखने को मिला, जब एक जिला अदालत रात 3 बजे तक खुली रही और जज साहब को आधी रात को जमानत देनी पड़ी.
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बता दें कि पश्चिम बंगाल में एक कोर्ट रात के 3 बजे तक खुली रही और जज की मौजूदगी में सुनवाई हुई. इस घटना से वकीलों में पुलिस के खिलाफ नाराजगी देखी गया. वकीलों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया.
जानिए पूरा मामला?
कोर्ट सूत्रों के मुताबिक, मध्यमग्राम थाने की पुलिस ने गत 12 मार्च को ज्योति प्रकाश दास नामक एक व्यक्ति को किसी मामले में गिरफ्तार किया था. आरोपी को पांच दिनों बाद सोमवार रात आठ बजे पुलिस ने कोर्ट में पेश किया. पुलिस ने कोर्ट को बताया कि आरोपी को बीमार होने के कारण पहले बारासात मेडिकल कॉलेज और फिर आरजी कर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. इसलिए उसे अदालत में पेश नहीं किया जा सका. आरोपी को पहले बारासात के कार्यकारी मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया था, लेकिन कार्यकारी मजिस्ट्रेट ने मामले को अतिरिक्त मुख्य न्यायाधीश की अदालत में स्थानांतरित कर दिया. मामले की सुनवाई रात आठ बजे से शुरू हुई, तो तड़के तीन बजे तक चली. (Court Night Hearing)
बारासात कोर्ट के वकील गौरीशंकर बर ने कहा कि नियम यह है कि गिरफ्तार व्यक्ति को कानूनी रूप से गिरफ्तारी के 24 घंटे के अंदर कोर्ट में पेश किया जाना चाहिए. लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं किया. यदि किसी कारणवश गिरफ्तार व्यक्ति बीमार पड़ जाता है, तो पुलिस द्वारा अदालत को सूचित करना पड़ता है. लेकिन पुलिस ने वह भी नहीं किया. इधर, सरकारी वकील संतमय बसु ने बताया कि मामले की सुनवाई तड़के 3:30 बजे तक चली. (Court Night Hearing)