Uttarkashi Tunnel: टनल में फंसा था बेटा, इधर राह देखते-देखते पिता ने तोड़ा दम

Uttarkashi Tunnel : उत्तराखंड के सिलक्येरा में टनल से बाहर आए झारखंड के 15 मजदूरों को फ्लाइट से वापस लाया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार के अफसरों की टीम उत्तरकाशी रवाना हुई है। हॉस्पिटल से छुट्टी मिलते ही इन्हें देहरादून से दिल्ली और उसके बाद रांची लाया जाएगा। मजदूरों के घरों में लोग उनका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

इस बीच एक मजदूर भक्तू मुर्मू के सुरक्षित घर लौट आने की आस देखते-देखते उसके पिता बारसा मुर्मू ने मंगलवार को दम तोड़ दिया। भक्तू मुर्मू पूर्वी सिंहभूम जिले के डुमरिया प्रखंड अंतर्गत बाहदा गांव का रहने वाला है। उसके 70 वर्षीय पिता बासेत उर्फ बारसा मुर्मू 17 दिनों से बेटे के इंतजार में खाट पर पड़े-पड़े बीमार हो गए थे। वह हर किसी से अपने बेटे का हाल पूछ रहे थे।

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मंगलवार को उनके सब्र का बांध टूट गया और जिस खाट पर बैठकर वह बेटे का इंतजार कर रहे थे, उसी खाट से गिरकर उनकी मौत हो गयी। उनकी बूढ़ी पत्नी की आंखें पथरा गई हैं। परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। (Uttarkashi Tunnel)

बताया गया है कि राज्य के वरिष्ठ आईएएस भुवनेश प्रताप सिंह और संयुक्त श्रमायुक्त राजेश प्रसाद बुधवार को उत्तरकाशी पहुंचेंगे। उनके साथ सभी मजदूरों के 30 नवंबर या 1 दिसंबर तक रांची पहुंचने और घर लौटने की संभावना है।

श्रमिकों के परिजनों और ग्रामीणों ने बताया कि 12 नवंबर के बाद कोई भी प्रशासनिक पदाधिकारी हालचाल पूछने इस परिवार के पास नहीं पहुंचा था। हर दिन निराशाजनक सूचना मिलने से पिता बारसा मुर्मू सदमे में चले गए। उनकी मौत के बाद पत्नी पिती मुर्मू पत्थर बन गई है। वह घंटों अपने पति की लाश के पास बैठी रहीं। उसकी आंख से आंसू तक नहीं बहे। (Uttarkashi Tunnel)

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