World Milk Day 2023 :श्वेत क्रांति के असर से दूध उत्पादन में वृद्धि, देश के इन राज्यों से आगे छत्तीसगढ़

World Milk Day 2023: छत्तीसगढ़ में अब फिर से श्वेत क्रांति का असर दिखाई देने लगा है। ना सिर्फ गांव बल्कि अब अर्धशहरी और शहरी क्षेत्रों में भी दूध का उत्पादन और कारोबार बढ़ा है। प्रदेश में बीते छह वर्षों में दूध के उत्पादन में 50 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी दर्ज की है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के तहत प्रदेश में दूध उत्पादन सालाना 1848 मीट्रिक टन पहुंच चुका है।

राज्य में गौवंशीय पशुओं की संख्या पर गौर करें तो 20वीं पशु संगणना के मुताबिक इनकी संख्यी 99. 84 लाख है। अधिकारियों के मुताबिक वर्तमान में गायों की संख्या एक करोड़ से भी पार हो चुकी है। 20वीं पशु संगणना वर्ष 2019 में की गई थी। यह हर पांच वर्ष में होता है। राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे नरवा,गरवा,घुरूवा,बाड़ी प्रोजेक्ट का असर भी दूध उत्पादन में देखा जा रहा है। (World Milk Day 2023)

गांव ही नहीं शहरों में भी गौ-पालन

गौठानों में पशुधन की अहमियत दिखाई दे रही है, जिसके जरिए एक बार फिर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लोगों ने पशुओं को पालना शुरू किया। दूध उत्पादन में महिला स्व-सहायता समूहों की महिलाएं आगे बढ़कर काम कर रही है। आंकड़ों पर गौर करें तो वित्तीय वर्ष 2014-15 में प्रतिवर्ष राज्य में दूध उत्पादन 1231 मीट्रिक टन था, जो कि 2021-22 में बढ़कर 1800 टन से अधिक चुका है।

यह भी पढ़े :- IAS Anil Tuteja : जिसकी सोच ने छत्तीसगढ़ के विकास को दिलाई नई दिशा, हमेशा रहा कुछ कर गुजरने का जज्बा, जानिए IAS अनिल टुटेजा की अनकही कहानी

राज्य में वर्तमान में गाय के अलावा अन्य दुधारू पशुओं की संख्या पर गौर करें तो इनकी संख्या 1.58 करोड़ है। नेशनल डेयरी बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक भी छत्तीसगढ़ में दूध का उत्पादन बढ़ा है। हालांकि राष्ट्रीय औसत प्रति व्यक्ति 406 ग्राम दूध की उपलब्धता के मामले में प्रदेश के पीछे हैं। वर्तमान में यह उपलब्धता 105 ग्राम से बढ़कर 159 ग्राम पहुंच चुकी है।

छत्तीसगढ़ पशुधन विभाग संचालक चंदन त्रिपाठी ने कहा, राज्य में दूध का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है। हर वर्ष छह लाख पशुओं में चिकित्सकीय पद्धति से गर्भधारण करवाया जा रहा है। राज्य सरकारी की योजनाओं से लोग प्रभावित हुए हैं। नरवा,गरवा, घुरवा, बाड़ी व गौठानों की महत्वपूर्ण भूमिका है। (World Milk Day 2023)

फैक्ट फाइल

इस तरह बढ़ा दूध उत्पादन

वर्ष-मीट्रिक टन (प्रतिवर्ष)

2017-18-1469.38

2018-19-1566.28

2019-20-1675.56

2020-21-1747.28

2021-22-1848.34

राज्य में पशुधन

प्रदेश में कुल पशुधन-1. 58 करोड़

गौवंशीय पशु-99.84 लाख

भारतीय नस्ल के पशु- 96.34 लाख

विदेशी नस्ल के पशु- 1.77 लाख

राष्ट्रीय औसत से कम उत्पादन, लेकिन कई राज्यों से आगे छत्तीसगढ़

दूध उत्पादन में छत्तीसगढ़ इन राज्यों से आगे-हिमांचल, प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम,गोवा, महाराष्ट्र, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा, चंडीगढ़, लद्दाख, पांडिचेरी

Related Articles

Back to top button