कांग्रेस ने साय सरकार पर लगाया गंभीर आरोप, कहा- चिटफंड कंपनियों से हुई है करोड़ों की डील

Congress on Sai Government: छत्तीसगढ़ में चिटफंड कंपनियों को लेकर एक बार फिर सियासत तेज हो गई है। दरअसल, कांग्रेस ने साय सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर लिखा- कितना कमीशन लेकर संरक्षण दे रहे हैं मुख्यमंत्री जी? या फिर भाजपा को चंदा मिल गया? लुटेरों की पार्टनर भाजपा सरकार के आते ही चिटफंड कंपनियों पर कार्रवाई अटक गई है। हमने राज्य के 81 हजार 204 पीड़ित निवेशकों को 37 करोड़ 92 लाख 99 हजार 656 रूपए की राशि लौटाई थी। साथ ही 208 चिटफंड कंपनियों के खिलाफ 462 प्रकरण दर्ज किए गए थे। इनसे संबंधित 700 से ज्यादा डायरेक्टर्स और पदाधिकारियों की गिरफ्तारी भी की थी।

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वहीं कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि हमारी सरकार ने चिटफंड कंपनियों की संपत्तियों को कुर्क करने का काम किया। कुर्क की गई संपत्तियों को प्रभावितों को वापस करने का काम किया। भाजपा की तत्कालिन सरकार ने 15 साल में प्रदेश को चारागाह बना लिया था। भूपेश सरकार ने वापस लौटाने का कड़ा कदम उठाया था। बेहद दुर्भाग्यजनक है कि साय सरकार इन सारी कार्रवाइयों को रोक रही है। चिटफंड कंपनियों से मिलीभगत कर संपत्ति बचाई जा रही है। आम आदमी की संपत्ति को वापस दिलाने से रोकने का कदम उठाया जा रहा है। चिटफंड कंपनियों से करोड़ों का डील किया गया है। (Congress on Sai Government)

कांग्रेस ने कहा कि भाजपा सरकार में चिटफंड कंपनियां कुकुरमुत्ता की तरह खुली। प्रदेश के लाखों निवेशकों के पैसा को लेकर चिटफंड कंपनियां फरार हो गई थी। अब फिर से बीजेपी की सरकार बनते ही इन्हें संरक्षण मिलने लगा है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा की सरकार बनते ही चिटफंड कंपनियों की संपत्ति कुर्की की कार्रवाई पर रोक लग गई है। कांग्रेस की सरकार ने चिटफंड कंपनियों की संपत्ति को कुर्क करके निवेशकों के पैसे को लौटाया। कांग्रेस की सरकार ने प्रदेश के 81204 पीड़ित निवेशकों को 37 करोड़ 92 लाख 99 हजार 656 रु की राशि लौटाई थी। (Congress on Sai Government)

चिटफंड कंपनियों के खिलाफ 462 प्रकरण दर्ज किए: कांग्रेस

208 चिटफंड कंपनियों के खिलाफ 462 प्रकरण दर्ज किए। इनसे संबंधित 700 से ज्यादा डायरेक्टर और पदाधिकारी के गिरफ्तारी भी हुई थी। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार बनते ही एक बार और चिटफंड कंपनियों के लुटेरों को संरक्षण दिया जा रहा है, उनकी संपत्ति को बचाने के लिए कुर्की की कार्रवाई रोक दी गई। ठाकुर ने कहा कि चिटफंड घोटाला की तरह ही इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक में घोटाला हुआ। घोटालेबाजों को बचाने के लिए भाजपा नेता ने करोड़ों रुपए की रिश्वत ली थी। यह बैंक के मैनेजर के नार्को टेस्ट के वीडियो में स्पष्ट है। भाजपा का काम घोटाला और घपलेबाजी करना था। भाजपा की सरकार चिटफंड कंपनियों और इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक के खिलाफ हो रही कार्रवाई को रोककर प्रदेश के निवेशकों के साथ अन्याय कर रही है। (Congress on Sai Government)

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