कठिनाई का डटकर मुकाबला करें, सफलता कदम चूमेगी : राष्ट्रपति मुर्मु 

बिलासपुर। गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय (Guru Ghasidas Central University) बिलासपुर में आयोजित दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने प्रतिभावान छात्रों को गोल्ड मेडल दिए। इसके साथ ही उन्होंने छात्रों के उज्जवल भविष्य की कामना भी की। दीक्षांत समारोह में शोभायात्रा के साथ राष्ट्रगान के पश्चात राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु सहित अन्य अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती, छत्तीसगढ़ महतारी और गुरु घासीदास के छायाचित्र के समक्ष पुष्पांजलि अर्पित कर दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।

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इस (Guru Ghasidas Central University) कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के हाथों गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के सत्र 2021-22 की विभिन्न परीक्षाओं स्नातक, स्नातकोत्तर, पत्रोपाधि आदि में उत्तीर्ण 2 हजार 9 सौ 46 छात्र-छात्राओं को उपाधि दी गई। दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा “मुझे यह देखकर बहुत प्रसन्नता हुई है कि स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले 76 प्रतिशत विद्यार्थियों में छात्रों की संख्या 45 है, जो लगभग 60% है।

विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों में भी छात्राओं की संख्या लगभग 47% है। छात्राओं के बेहतर प्रदर्शन के पीछे उनकी अपनी प्रतिभा लगन के साथ-साथ उनके परिवार जनों के साथ ही विश्वविद्यालय की टीम का योगदान भी है। मैं सभी सफलता के लिए उनको बहुत-बहुत बधाई देती हूं।”

शिक्षा के ज़रिए हो महिला सशक्तिकरण-मुर्मु

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा “हमारे देश की कुल आबादी में महिलाओं की संख्या लगभग आधी है। मुझे बताया गया है कि, इस विश्वविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों की भागीदारी के साथ समाज सेवा के कार्य भी किए जाते है। मैं आशा करती हूं कि, ऐसे कार्यों के अच्छे परिणाम सामने आए। शिक्षा के माध्यम से महिला सशक्तिकरण में अधिक योगदान होना चाहिए। हमारे देश के कुल आबादी में महिलाओं की आबादी आधी है, विश्वविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों की भागीदारी के साथ समाज सेवा के कार्य भी किए जा रहे हैं, ये अच्छी बात है।”

चुनौतियां हमारे जीवन में मौके भी लाती है-राष्ट्रपति

उन्होंने छात्रों को(Guru Ghasidas Central University) सम्बोधित करते हुए कहा कि “चुनौतियां हमारे जीवन में आती हैं, लेकिन यह नए मौके भी लाती है। हमारे देश की परंपराएं अत्यंत समृद्ध हैं और इन्हें बचाए रखने में कई विभूतियों की मेहनत है। इस विश्वविद्यालय का महत्व इसलिए भी है, क्योंकि यहां गुरु घासीदास जी का नाम है। उन्होंने मनखे मनखे एक समान का संदेश दिया। गुरु घासीदास ने सबकी समानता पर काम किया, समानता के आदर्शों पर चलकर ही युवा सुख के रास्ते पर चल सकते हैं और श्रेष्ठ समाज का निर्माण कर सकते हैं।

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