Kharmas : आज से खरमास शुरू, अगले एक महीने तक इन शुभ-मांगलिक कार्यों पर रहेगी पाबंदी

Kharmas : खरमास के समय में कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किया जाता और न ही कोई नया काम शुरु करते हैं। खरमास के समय में विवाह, मुंडन, सगाई, जनेऊ, गृह प्रवेश आदि शुभ कार्य नहीं होते। सूर्य जब बृहस्पति की राशियों में प्रवेश कर जाते हैं, तब खरमास (Kharmas ) लग जाता है।

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ऐसा वर्ष में 2 बार होता है। साल में दो बार खरमास आता है। एक बार जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं और दूसरा जब सूर्य मीन राशि में जाते हैं। खरमास 14 मार्च 2024 दिन गुरुवार दोपहर 3 बजकर 12 मिनट से आरंभ हो जाएगा। 13 अप्रैल रात 9:03 बजे तक सूर्य देव यही पर विराजित रहेंगे तत्पश्चात वह मेष राशि में प्रवेश करेंगे। इसके साथ ही खरमास (Kharmas )का समापन होगा।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य देव जब देव गुरु बृहस्पति की राशि में प्रवेश करते हैं तो उनका तेज कम हो जाता है। इस वजह से लोग इस दौरान कोई मांगलिक कार्य नहीं करते हैं। हालांकि यह भी तर्क दिया जाता है कि सूर्य देव अपने गुरु की सेवा करने लगते हैं और वे किसी मांगलिक कार्य में उपस्थित नहीं होते हैं। मांगलिक कार्यों में नवग्रहों की पूजा होती है, उनके लिए हवन करते हैं। जब ग्रहों के राजा सूर्य ही उपस्थित नहीं होंगे तो मांगलिक कार्य कैसे होंगे।

खरमास में क्या करें

खरमास में दान का बहुत महत्व होता है. इसलिए 13 अप्रैल तक जितना हो सके जरूरतमंदों को पैसे या वस्तुओं का दान करें.
धार्मिक क्रियाकलापों की दृष्टिकोण से खरमास का बेहद महत्व होता है. इसलिए इन दिनों में धार्मिक यात्राएं करना सही रहता है.
तुलसी के पौधे के सामने रोजाना घी का दीपक जलाएं.
सत्कर्म कर भगवान का स्मरण करें. नित्य तुलसी पूजा और दान के साथ खरमास बीत जाने के बाद किया गया शुभ कार्य ज्यादा फलदायक होगा.

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