प्रश्नों में बहुत ताकत होती है, ये लोकतंत्र की आत्मा है: विधायक अजय चंद्राकर

Ajay Chandrakar Speech: छत्तीसगढ़ विधानसभा के नवनिर्वाचित विधायकों को विधानसभा की कार्यप्रणाली और संसदीय प्रक्रियाओं से अवगत कराने के लिए आयोजित दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम के दूसरे दिन के पहले सत्र में अतिथि वक्ता के रूप में विधायक और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने प्रश्नकाल का महत्व, प्रश्नों के प्रकार, आधे घंटे की चर्चा, विषयों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। वहीं कार्यक्रम के दूसरे सत्र में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. प्रेम प्रकाश पांडेय ने विधायकों को बजट, बजट बनाने की प्रक्रिया, उसके प्रकार और निर्धारण के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, विधानसभा सचिव दिनेश शर्मा भी उपस्थित थे।

यह भी पढ़ें:- रामायण के पात्र शबरी, जटायु के निस्वार्थ कार्यों से सभी को प्रेरणा लेना चाहिए: मंत्री टंकराम वर्मा

अजय चंद्राकर ने नवनिर्वाचित विधायकों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रश्नों में बहुत ताकत होती है। ये लोकतंत्र की आत्मा होती है। इसके माध्यम से जनता की प्रतिवेदनाएं परिलक्षित होती है। प्रश्नकाल का सही ढंग से प्रयोग कर एक सशक्त विधायक बना जा सकता है। प्रश्नकाल के लिए कार्यपालिका विधानमंडल और मंत्रीमंडल भी सामूहिक रूप से उत्तरदायी होते हैं। इसके माध्यम से राज्य के कार्य को जनता के समक्ष लाया जाता है। उन्होंने प्रश्नों के प्रकार तारांकित, अतारांकित और अल्प सूचना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि एक दिन में विधायक अधिकतम चार प्रश्न पूछ सकते हैं। इसके लिए उन्हें 21 दिन पहले प्रश्न की सूचना देनी होती है। प्रश्न काल रोमांचक होना चाहिए, ये आपकी तैयारी पर ही निर्भर करती है, जिससे आप अच्छे प्रश्न पूछ सके। (Ajay Chandrakar Speech)

उन्होंने कहा कि आपके प्रश्नों में जन आकांक्षा, आपकी तत्परता, समर्पण, मौलिकता और गंभीरता दिखाई देनी चाहिए। उन्होंने नवनिर्वाचित विधायकों से आग्रह किया कि आप ऐसा प्रश्न करें, जिससे जनता को लाभ मिले। विधानसभा में हमें सदैव विद्यार्थी भाव से प्रवेश करना चाहिए, सीखते रहना चाहिए। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. प्रेम प्रकाश पांडेय ने नवनिर्वाचित विधायकों को बजट का अर्थ, बजट बनाने की प्रक्रिया, उसके प्रकार तथा निर्धारण के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि महालेखाकार, एग्जीक्यूटिव, विधानसभा की समितियों के माध्यम से आर्थिक नियंत्रण देखा जाता है, ताकि वित्तीय अनुशासन बना रहे। (Ajay Chandrakar Speech)

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. प्रेम प्रकाश पांडेय ने कहा कि आर्थिक स्थिति को देखकर ही आगामी बजट का निर्धारण किया जाता है। केंद्र और राज्य सरकार का एक ही मापदंड पर आय और व्यय को ध्यान रखकर बजट बनाया जाता है। उन्होंने बजट को लेकर विधायकों की जिज्ञासा को भी शांत किया। प्रबोधन कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने अजय चंद्राकर और पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने पूर्व विधानसभा डॉ. प्रेम प्रकाश पाण्डेय का आभार व्यक्त किया। बता दें कि प्रबोधन कार्यक्रम 20 जनवरी को शुरू हुई थी, जिसमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के अलावा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख माड़विया, उत्तरप्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना शामिल हुए। (Ajay Chandrakar Speech)

Related Articles

Back to top button