Trending

योग एक ऐसी विद्या है जो बिना पैसे खर्च किए हमें अच्छे स्वास्थ्य की देता है गारंटी

World Yoga Day 2023: 21 जून को विश्व योग दिवस मनाया जाएगा। यह एक खास अवसर होगा क्योंकि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हर घर के आंगन में योग करने की अपील की है। देश समेत प्रदेश में योग दिवस को बड़े स्तर पर मनाने की तैयारियां चल रही हैं। प्रदेश में भी इस अवसर पर कार्यक्रम होंगे। इसलिए जरुरी है कि इन आयोजनों में हम अधिक से अधिक शामिल होकर योग से स्वस्थ शरीर का संदेश जन जन तक पहुंचाएं। इस अवसर पर उन लोगों से बातचीत किए हैं, जिन्होंने योग को अपनाया उससे जीवन में बदलाव पाया और फिर बिना किसी स्वार्थ के वे दूसरों तक इसका संदेश पहुंचाने में जुट गए ताकि हर व्यक्ति योग के माध्यम से स्वस्थ जीवन पा सके। इसके साथ ही हमने योग के कुछ ऐसे आसनों की जानकारी भी जुटाई जिन्हे आप बड़ी आसानी से कभी भी कहीं भी कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें:- पुरी में धूमधाम से निकाली गई जगन्नाथ रथ यात्रा, रायपुर में CM भूपेश और राज्यपाल ने की पूजा

उपचार के साथ बताते हैं योग के गुर

भारत स्वाभीमान मंच महासमुंद के जिला प्रभारी तिलकचंद साव का कहना है कि वे योग से जुड़े हैं। हालांकि पारिवारिक दायित्वों के कारण समय निकाल पाना मुश्किल होता है, लेकिन साव ने अपनी दिनचर्या ही ऐसी बना ली है कि रोजाना सुबह शाम वे लोगों को योग सिखाते हैं। इसके अलावा पतंजलि चिकित्सालय में आने वाले मरीजों को दवा के साथ-साथ रोग के अनुसार योग के आसन भी बताते हैं। उन्होंने पाया कि कई मरीज योग को अपनाते हैं और फिर बताते हैं कि उन्हें अच्छा फायदा हुआ। महासमुंद में लोगों को योग के विभिन्न आसनों के बारे में निशुल्क बताते हैं। (World Yoga Day 2023)

व्यस्तता के बाद भी कर रहे योग का प्रचार

योग आचार्य आर्य प्रकाश चन्द्राकर वनांचल ग्राम रैताल जिला महासमुंद का रहने वाला है। वे पिछले 14 सालों से निरंतर नि:शुल्क योग की सेवा से छत्तीसगढ़ के विभिन्न गांवों कस्बों शहरों में बुजर्गो गृहणियों युवाओं बच्चों कामगारों व रोगियों को विभिन्न योग आसान प्राणायाम आयुर्वेदिक उपचार वैदिक आयुर्वेद दिनचर्या द्वारा आरोग्यता प्रदान करने का कार्य कर रहे है। 2009 से 2023 तक 1155 विद्यालयों में नि:शुल्क विद्यार्थी योग कैम्प व पूरे छत्तीसगढ़ के विभिन्न गांव और नगरों में 423 पांच दिवसीय एक दिवसीय और तीन दिवसीय योग कैम्प का आयोजन कर 2 लाख से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रूप से योग सिखा चुके है।

ज्यादातर योग विभिन्न जिलों के वन क्षेत्र व आदिवासी ग्रामों में सुबह योग शिविर और शाम को जंगलों के जड़ी बूटी और स्वस्थ दिनचर्या सम्बन्धी जानकारियों के माध्यम से जनजागरण का कार्य किया गया है। साथ ही बस्तर स्थित सीआरपीएफ कोबरा बटालियन के हजारों जवानों को भी योग अभ्यास और आयुर्वेद की जानकारियां देकर स्वस्थ के जागरण का कार्य किया गया है। कोरोना काल में निशुल्क ऑनलाइन योग सीखा कर स्वस्थ लाभ देकर और नेचुरल सेनेटाइजर बनाकर नि:शुल्क वितरण कर लोगों की सहायता किया। (World Yoga Day 2023)

गृहिणी से बनी योग शिक्षिका, सालभर से लगा रही शिविर

पंतजलि योग पीठ जिला महासमुंद के माध्यम से मचेवा की एक गृहिणी प्रीति साहू योग शिक्षिका है जो सालभर से विभिन्न जगहों पर योग लगाकर योग करने के लिए लोगों को प्रेरित कर रही है। वे चाहती हैं कि प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में योग को अपनाए। इससे शरीर बीमारियों से लड़ने में सक्षम बनता है।  ऐसे आसन जिसे आप बड़ी आसानी से कर सकते हैं।

बैठने का सलीका…

दिनभर कुर्सी पर बैठने के कारण कई स्वास्थ्य परेशानियां हो सकती हैं, जबकि भारतीय शैली के आसन बहुत लाभकारी हैं। इनमें तीन तरीक़े प्रचलित हैं-

सुखासन- सुखासन पर धरती से सम्पर्क में होने के कारण शरीर की नकारात्मक ऊर्जा धरती में स्थानांतरित हो जाती है। गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव के चलते रक्तसंचार अच्छी तरह होता है। पैरों में थकान नहीं होती, मांसपेशियां मजबूत बनती हैं और घुटने व पैर दर्द की शिकायत का नहीं होती। (World Yoga Day 2023)

वज्रासन- इस स्थिति में शरीर का रक्त संचार हृदय से पेट तक अच्छी तरह से होता है। पेट सम्बंधी विकार दूर करने और पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में कारगर है यह आसन, इसलिए खाने के तुरंत बाद कम से कम 15 मिनट वज्रासन में बैठने की सलाह दी जाती है।

पद्मासन- इस स्थिति में शरीर का परिपथ पूरा होता है और सुखासन और पद्मासन के मिश्रित लाभ मिलते हैं।

योग का अभ्यास-

शारीरिक और मानसिक सेहत के लिए योगाभ्यास को महत्वपूर्ण माना गया है। यह शरीर की क्रिया-प्रणाली को दुरुस्त कर विकार की आशंकाओं को कम कर देता है, इसलिए अनेक बीमारियों से राहत के लिए भी कई आसनों का अभ्यास करने की सलाह दी जाती है।

  • निरोगी और सुंदर काया के लिए रक्तसंचार अहम है और योग शरीर की प्रत्येक कोशिका तक रक्त पहुंचाने में मदद करता है।
  • वात, पित्त, कफ जैसे तत्वों को शरीर से निकालने में सहायक है। 
  • शरीर को लचीला बनाने में सहायक है, जिससे कार्यक्षमता बढ़ती है। 
  • शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता में विकास होता है।

मुद्राओं का रखें ध्यान…

आसन और प्राणायाम के दौरान हाथों की उंगलियों को अलग-अलग मुद्राओं में रखने की सलाह दी जाती है। इसके भी मायने गहरे हैं। मानव शरीर का निर्माण पंचतत्वों से मिलकर हुआ है। हमारी पांचों उंगलियां इन्हीं तत्वों का प्रतिनिधित्व करती हैं, इसलिए आसन के दौरान अपनाई जाने वाली अलग-अलग मुदाएं (ध्यान, वायु, शून्य) पंचतत्वों की मात्रा का संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

आलेख :
संदीप सिन्हा महासमुंद,
पोषण साहू- सहायक संचालक
जनसंपर्क विभाग महसमुंद

Related Articles

Back to top button