Assam Flood: असम में लगातार बिगड़ रहे हालात, 54 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित

Assam Flood: असम में बाढ़ का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रदेश का बड़ा हिस्सा बाढ़ से बेहाल है। वहीं बाढ़ और इससे जुड़े हादसों की वजह से शनिवार तक राज्य में मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 118 पहुंच गया। बाढ़ ने असम के 28 जिलों घेर लिया है। सबसे भयावह स्थिति बराक घाटी के सिलचर शहर की है। ये पूरा इलाका 6 दिन से पानी में डूबा है। 24 घंटे के अंदर यहां दस और लोगों की मौत हुई। सिलचर में संक्रामक बीमारियां फैलने के साथ ही खाने और पेयजल का संकट मंडरा रहा है। ये हालात तब हैं जब वायुसेना के हेलीकॉप्टर बाढ़ पीड़ितों को खाने के पैकेट और पानी की बोतलें मुहैया करवा रहे हैं।

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बाढ़ प्रभावित इलाके में फंसे कुछ लोगों ने सिलचर में खाने-पीने की किल्लत की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इसका फायदा उठाते हुए मुनाफाखोरी भी हो रही है। पानी की केन के लिए 500 रुपए तक वसूले जा रहे हैं। एक मोमबत्ती के लिए भी लोगों को 50-50 रुपए तक देने पड़ रहे हैं। गुरुवार को लाइट आई थी, लेकिन शॉर्ट सर्किट के चलते आधे घंटे में ही फिर कट गई। इसके चलते मोबाइल कनेक्टिविटी भी प्रभावित है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक गंभीर रूप से प्रभावित सिलचर में बचाव और राहत कार्यों में तेजी लाई गई है। जिला प्रशासन, NDRF, SDRF और वायु सेना मिलकर बाढ़ पीड़ितों की मदद करने में जुटे हुए हैं। इसके बावजूद बाढ़ ऐसी भयावह है कि लोगों को खास राहत नहीं मिल पा रही। (Assam Flood)

राहत की बात ये है कि राज्य के अन्य हिस्सों की तरह बराक घाटी में बराक नदी के जलस्तर में कमी आई है। हालांकि एक लाख से ज्यादा लोग अभी भी इमारतों फंसे हैं, क्योंकि उनके घरों की निचली मंजिल पूरी तरह से जलमग्न हो चुकी है। कुछ असामाजिक तत्व प्राकृतिक आपदा का फायदा उठाने में लगे हैं। कुछ बदमाश नाव के सहारे बंद पड़ी दुकानों और घरों में लूट की वारदात को अंजाम दे रहे हैं। लोगों का आरोप है कि जानकारी देने के बाद भी पुलिस कुछ नहीं कर पा रही। एक स्थानीय ने कहा कि हमारी जिंदगी नरक हो गई हैं। अगर सरकार मदद नहीं करेगी तो हमारा सामान्य जीवन में वापस आना असंभव होगा। (Assam Flood)

इधर, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बाढ़ प्रभावित बराक घाटी क्षेत्र का दौरा किया, जहां एक निवासी ने बाढ़ के पानी का बहादुरी से सामना करते हुए उन्हें ‘गमोसा’ दिया। इसके बाद मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राज्य में बाढ़ की स्थिति पर डीसी कार्यालय में समीक्षा बैठक की।

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