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Bhagwan Ganesh: बुधवार को इस तरह करें भगवान गणेश की पूजा, दूर्वा घास चढ़ाने से प्रसन्न होते हैं एकदंत

Bhagwan Ganesh: बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इस दिन हरे रंग का कपड़ा पहनना शुभ होता है। मूंग दाल, घी और दही का दान करने से समाज में मान बढ़ता है और बुद्धि तेज होती है। गणेश जी की पूजा करने से सभी प्रकार के विघ्न दूर होते हैं। इसीलिए भगवान गणेश को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है।

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बुधवार का दिन गणेश जी को समर्पित है। मान्यता है कि बुधवार का दिन गणेश जी (Bhagwan Ganesh) का प्रिय दिन है, इस दिन विधि पूर्वक पूजा करने से गणेश जी प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को शुभ फल प्रदान करते हैं। गणेश जी की पूजा करने से शिक्षा में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं। इसके साथ ही रोग दूर होते हैं, धन से जुड़ी परेशानियां दूर होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त होता है। मान सम्मान में भी वृद्धि होती है। भगवान गणेश सभी प्रकार के दुखों का नाश भी करते हैं। बुधवार का दिन गणेश पूजा के लिए उत्तम माना गया है।

भगवान गणेश को कहा जाता है एकदंत

भगवान गणेश को एकदंत इसलिए कहा जाता है, क्‍योंकि उनका एक दांत टूटा हुआ है। ये दांत किसने तोड़ा उससे जुड़ी अलग-अलग पौराणिक कथाएं हैं। सबसे प्रचलित कथा गणेश और परशुराम की लड़ाई से जुड़ी है। एक बार परशुराम भगवान शिव से मिलने के लिए कैलाश पर्वत पहुंचे, लेकिन द्वार पर खड़े गणेश जी ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया।  परशुराम ने गणेश जी से काफी विनती की लेकिन वो नहीं माने आखिरकार परशुराम ने गणपति को युद्ध की चुनौती दी। इस चुनौती को स्वीकार करते हुए गणेश जी ने युद्ध किया लेकिन इस दौरान परशुराम के फरसे के वार से उनका एक दांत टूट गया और वे एकदंत कहलाए।

भगवान गणेश की पूजा विधि

बुधवार के दिन गणेश जी (Bhagwan Ganesh) की पूजा के कुछ नियम बताए गए हैं। बुधवार के दिन सुबह उठकर नित्यक्रम से निवृत होकर स्नान करें। इसके बाद पूजा आरंभ करनी चाहिए। गणेश जी का ध्यान लगाएं और पूजा प्रारंभ करें। अगर इस दिन व्रत रखना है तो विधि पूर्वक व्रत का संकल्प लें। पूर्व या उत्तर की तरफ मुख करके बैठकर पूजा शुरू करें। गणेश जी को पुष्प, धूप, दीप, कपूर, रोली, मौली लाल, चंदन, मोदक चढ़ाएं। गणेश जी को सूखा सिंदूर का तिलक लगाएं। इसके बाद भगवान गणेश जी की आरती करें और गणेश मंत्र का जाप करें।

भगवान गणेश जी की आरती

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

दूर्वा घास चढ़ाने से प्रसन्न होते हैं गणेश

पूजा में दुर्वा घास का प्रयोग अवश्य करें। गणेश जी दूर्वा घास चढ़ाने से प्रसन्न होते हैं। इसके बाद मंत्र ”ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात” का जाप करें। मान्याओं के मुताबिक बुधवार को व्रत करने वाले जातक के जीवन में सुख, शांति और यश बना रहता है। इस व्रत को करने से आपके अन्न के भंडार कभी खाली नहीं होते। बुधवार के गणेश (Bhagwan Ganesh) की पूजा करने से जीवन के सभी संकट दूर होते हैं। माना जाता है कि बुधवार के दिन बुध ग्रह की पूजा करने से कुंडली में बुध ग्रह की उपस्थिति शुभ जगह पर होती है।

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