रायपुर में प्रदर्शनकारियों को बड़ा झटका, प्रशासन ने अपनाया कड़ा रुख

Budhatalab Dharna Sthal: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में प्रदर्शनकारियों को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, धरना स्थल को लेकर जिला प्रशासन ने बड़ा निर्देश दिया है। दरअसल, बूढ़ातालाब धरना स्थल में नगरीय निकाय प्लेसमेंट कर्मचारी महासंघ ने प्रदर्शन की अनुमति मांगी थी, लेकिन उन्हें प्रदर्शन की अनुमति नहीं मिली है। प्रशासन ने नवा रायपुर के तूता स्थित धरना स्थल में प्रदर्शन करने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि प्लेसमेंट कर्मचारी महासंघ 6 फरवरी को धरना प्रदर्शन करने वाले थे। वहीं लगातार विरोध के बाद प्रशासन ने ये कड़ा रुख अपनाया है।

यह भी पढ़ें:- अब नई गाड़ी में घूमेंगे छत्तीसगढ़ के ‘दाऊ’, CM भूपेश के काफिले में शामिल किए गए 12 SUV

बता दें कि बूढ़ातालाब में धरना स्थल हटाने के लिए लगातार मांग उठ रही थी। रायपुर ADM ने बूढ़ा तालाब का धरना स्थल शिफ्ट करने का आदेश जारी किया है। आदेश के मुताबिक अब धरनास्थल नवा रायपुर स्थित तूता होगा। कोई भी संगठन अब किसी भी तरह का प्रदर्शन, धरना और आंदोलन तूता में ही कर सकेंगे। बूढ़ा तालाब स्थित धरना स्थल को हटाने की लगातार उठ रही मांग के बीच जिला प्रशासन ने ये निर्देश जारी किया है। इस फैसले का कर्मचारी संगठनों ने विरोध किया है।

बूढ़ातालाब धरना स्थल को हटाने की मांग को लेकर स्थानीय लोग लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। वे किसी भी कीमत पर धरना स्थल को हटाने की मांग कर रहे थे। खुद नगर निगम सभापति प्रमोद दुबे हर दिन ऐसे विरोध प्रदर्शन में शामिल हो रहे थे। धरनास्थल को हटाने का आदेश पिछले साल ही जारी हो चुका है। नवा रायपुर राज्योत्सव स्थल के सामने लाखों रुपये खर्च कर धरना स्थल भी तैयार किया जा चुका है, लेकिन कर्मचारी संगठनों के विरोध के चलते जिला प्रशासन इसे खाली नहीं करा पाया है। हालांकि प्रशासन ने निर्देश जारी कर दिया है। (Budhatalab Dharna Sthal)

इतनी दूर और महिलाओं की सुरक्षा भी बड़ा मुद्दा है। वहीं कर्मचारी संगठन का कहना है कि लोकतंत्र में विरोध प्रदर्शन लोगों का अधिकार है। वहीं चुनावी साल में तो ये और जोर पकड़ लेता है। ऐसे में धरना स्थल को हटाने की मांग करना कहीं ना कहीं मुख्यमंत्री की छवि को खराब करने की कोशिश है। कर्मचारी संगठनों की दलील है कि आए दिन सड़कों पर होने वाले राजनीतिक प्रदर्शन से आम जनता हलाकान होती है उस पर कुछ नहीं कहा जाता है। (Budhatalab Dharna Sthal)

अगले साल तक CM हाउस से लेकर मंत्री, बंगले और दूसरे कार्यालय भी नवा रायपुर में शिफ्ट हो जाएगा। ऐसे में धरना स्थल भी खुद ब खुद हट जाएगा। लिहाजा एक साल तक इसे नहीं हटाया जाए। अब देखना होगा कि जिला प्रशासन के निर्देश का कर्मचारी संगठनों पर क्या असर होता है। क्योंकि कर्मचारी संगठनों का कहना है कि बूढ़ातालाब में धरना स्थल को नहीं हटाना चाहिए, क्योंकि ये लोकतंत्र के खिलाफ है। (Budhatalab Dharna Sthal)

Related Articles

Back to top button