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Chaitra Navratri 2022: चैत्र नवरात्री में कलश / घटस्थापना का जानें शुभ समय, पढ़ें यह लेख

Chaitra Navratri 2022: चैत्र नवरात्री 2 अप्रैल 2022, दिन – शनिवार, मुहूर्त चैत्र नवरात्री कुम्भ/घट (कलश) स्थापना : बसंत ऋतु, उत्तरायण, चैत्र शुक्ल पक्ष, प्रतिपदा तिथि 11.58, रेवती – 11:21 तक नक्षत्र, इंद्र योग 08:32 तक, 08:32 से वैधृति योग आरंभ। (मुहूर्त मर्मज्ञ पंडित विजेंद्र कुमार तिवारी द्वारा जनहित में संशोधित संकलित प्रस्तुत)

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कलश/घट स्थापना प्रारंभ का शुभ समय

देवी दुर्गा शक्ति की अधिष्ठात्री हैं। कलश स्थापना पूजा आदि विशेष सावधानी से करना ही हितकारी, कल्याणप्रद है। हिन्दू पर्वों का अधिसंख्य ग्रहों की स्थिति पर निर्धारित है। सामान्य नियम है कोई भी शुभ कार्य विशिष्ट निर्धारित तिथि एवं शुभ समय अवधि में ही किया जाना चाहिए।

  • श्रेष्ठ :- मेष लग्न 07.54.-08.18 बजे तक, गुरु ग्रह की उत्तम होरा, 08:18 तक श्रेष्ठतम है।
  • सामान्य दोषयुक्त घट स्थापना समय- 06:15 – 07:54, 08:19 – 08:32 बजे तक।
  • अशुभ, दोषयुक्त समय – वैधृति योग विशेष अशुभ 08:32 बजे तक इसलिए शेष समय वर्जित। 
  1. अभिजित मुहूर्त मध्याह्न काल शुभ 12:00 – 12:50 (विशेष-12:05 – 12.40 बजे तक) है। विशेष ध्यान रखिये : दुर्गाघट (कलश/कुम्भ ) स्थापना, धनहानि (वर्जित) योग में नहीं होना चाहिए।
  2. गुलिक काल (शनि) – 07:47 तक।
  3. दुर्योग काल-  07:53 तक। 
  4. 09:19 – 10:58 राहूकाल। 

ध्यान रखें :- कलश में प्रथम छह दिन दुर्गाजी विराजती हैं। नारियल कलश में फंसाकर शास्त्रीय नियम की अनदेखी न करें।  स्थापना एवं विसृजन काल?

  • देवीपुराण : प्रातः प्रातश्च सम्पूज्य प्रातरेव विसृज्येत।
  • मत्स्यपुराण :- कलश स्थापनं रात्रौनकार्यं – रात्रि में कलश स्थापन किया नहीं जाना चाहिए। देवीआवाहन, प्रवेश, स्थापना, दैनिक पूजा एवं विसर्जन प्रातः ही किया जाना चाहिए। रात्रिया संध्या काल में नहीं।

(Chaitra Navratri 2022)

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