कूनो नेशनल पार्क से 20 दिन में दूसरी बार आई खुशखबरी, चीता ज्वाला ने 3 शावकों को दिया जन्म

Cheetahs Born in Kuno: भारत में चलाए जा रहे चीता प्रोजेक्ट को बड़ी सफलता मिली है। दरअसल, मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से आई चीता ज्वाला ने 3 शावकों को जन्म दिया है। केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। इससे पहले ज्वाला ने 27 मार्च 2023 को 4 शावकों को जन्म दिया था। वहीं 3 जनवरी को मादा चीता आशा ने 3 शावकों को जन्म दिया था। कूनो नेशनल पार्क के DFO आर थिकुराल ने बताया कि नामीबिया से 8 चीते 17 सितंबर 2023 को लाए गए थे। मादा चीता ज्वाला ने इससे पहले 4 शावकों को जन्म दिया था, जिनमें से 3 की मौत हो चुकी है। एक शावक पूरी तरह से स्वस्थ है।

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DFO थिकुराल ने बताया कि सोमवार को जन्में तीनों शावक पूरी तरह स्वस्थ हैं। वन विभाग का अमला इन पर निगरानी बनाए हुए हैं। मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोशल मीडिया पर लिखा नामीबियाई चीता आशा द्वारा अपने शावकों को जन्म देने के कुछ ही सप्ताह बाद ही यह खुशखबरी आई है। देशभर के वन्यजीव अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं और वन्यजीव प्रेमियों को बधाई। भारत में इसी तरह से वन्य जीवन फले-फूले। बता दें कि 23 मई 2023 को चीता ज्वाला के एक शावक की मौत हो गई थी। जेएस चौहान ने बताया था कि ये शावक जंगली परिस्थितियों में रह रहे थे। 23 मई को श्योपुर में भीषण गर्मी थी। तापमान 46-47 डिग्री सेल्सियस था। दिनभर गर्म हवा और लू चलती रही। ऐसे में ज्यादा गर्मी, डिहाइड्रेशन और कमजोरी इनकी मौत की वजह हो सकती है।  (Cheetahs Born in Kuno)  

वहीं पहले शावक की मौत के बाद तीन अन्य को चिकित्सकों की देखरेख में रखा गया था। इनमें से दो और शावकों की मौत 25 मई 2023 को हो गई। अधिक तापमान होने और लू के चलते इनकी तबीयत खराब होने की बात सामने आई थी। वहीं इसे लेकर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि कूनो में नए महमानों का स्वागत है। नामीबियाई चीता ज्वाला ने तीन शावकों को जन्म दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से भारत में चीता की सुखद वापसी हुई है, जिसमें मध्यप्रदेश चीता स्टेट बना। नए मेहमानों के लिए मध्यप्रदेशवासी हर्षित और आनंदित हैं।(Cheetahs Born in Kuno)

बता दें कि कूनो में अब तक 7 चीते और 3 शावक की मौत हो चुकी है। सबसे पहले 26 मार्च को नामीबिया से लाई गई मादा चीता साशा की किडनी इन्फेक्शन से मौत हुई थी। इसके बाद 23 अप्रैल को साउथ अफ्रीका से लाए गए चीता उदय ने दम तोड़ दिया था। वहीं 9 मई को दक्षिण अफ्रीका से लाई गई मादा चीता दक्षा की मौत हो गई थी। जबकि 23 मई को नामीबिया से लाई गई ज्वाला के एक शावक की मौत हुई। इसी तरह 25 मई को ज्वाला के दो और शावकों की जान चली गई। 11 जुलाई को चीते तेजस की मौत हो गई थी। इसके बाद 14 जुलाई को चीता सूरज ने दम तोड़ दिया। वहीं 2 अगस्त को मादा चीता धात्री ने दम तोड़ दिया था। जबकि 16 जनवरी को चीता शौर्य की मौत हो गई।  (Cheetahs Born in Kuno)

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