छत्तीसगढ़ में लगातार चौथी बार महसूस किए गए भूकंप के झटके, जानिए क्या है कारण

Chhattisgarh Koriya Bhukamp: छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले समेत कई इलाकों में शुक्रवार को फिर एक बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। कोरिया के बैकुंठपुर से 7 किमी की दूरी पर गेज बांध-राकया के करीब आज सुबह 5 बजकर 28 मिनट पर 4.8 रिक्टर तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक, प्रदेश में कई इलाकों में सुबह 5.28 बजे 4.8 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसका केंद्र अंबिकापुर से 65 किमी दूर जमीन से 10 किमी अंदर बताया जा रहा है।

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बता दें कि लगभग एक महीने पहले भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। जानकारी के अनुसार यह भूकंप सतह से 10 किमी की गहराई पर केंद्रित था जिसकी भौगोलिक अक्षांसीय स्थिति 23.33° उत्तरी अक्षांस और 82.58°पूर्वी देशांतर थी। वहीं कटघोरा के राकया क्षेत्र में भूकंप के झटके से एक किसान के घर का छप्पर गिरने की जानकारी है। ग्रामीण को लगा कि माइंस में ब्लास्टिंग से घर का छप्पर गिरा होगा। लोगों ने सुबह माइंस का घेराव भी कर दिया। घर का छप्पर गिरने से नाराज ग्रामीणों ने कटघोरा स्थित मुहाडॉ खदान का घेराव कर दिया। मेन गेट पर बैठी रहीं ग्रामीण महिलाएं। घरों में दरार आने जलस्तर गिरने के लिए जिम्मेदार कालरी प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया। (Chhattisgarh Koriya Bhukamp)

कटघोरा क्षेत्र में जैसे ही सुबह भूकंप के झटके पड़े राकया गांव में ग्रामीणों के घर के छप्पर गिर पड़े। ग्रामीण तत्काल कालरी खदान में जाकर मेन गेट पर धरना पर बैठ गए। उनके मुताबिक ब्लास्टिंग के कारण उनके घर का छप्पर गिरा है। रिक्टर स्केल पर माइक्रो कैटेगरी के 8,000 भूकंप दुनियाभर में रोजाना दर्ज किए जाते हैं। इसी तरह 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है। ऐसे 1,000 भूकंप रोजाना आते हैं इसे भी सामान्य तौर पर हम महसूस नहीं करते। वेरी लाइट कैटेगरी के भूकंप 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले होते हैं, जो एक साल में 49,000 बार दर्ज किए जाते हैं। इन्हें महसूस तो किया जाता है लेकिन शायद ही इनसे कोई नुकसान पहुंचता है। (Chhattisgarh Koriya Bhukamp)

वहीं 4 अगस्त को भी कोरिया जिले में  भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। रिएक्टर स्केल पर इसकी क्षमता 3.0 थी। नेशनल सेंटर फॉर सेस्मोलॉजी की तरफ से बाद में बताया गया है कि यह भूकंप 3.0 तीव्रता का था, जिसका सेंटर सूरजपुर जिले का उमेश्वरपुर के आस-पास 10 किलोमीटर की गहराई पर था। पहले प्राइवेट साइटों ने दावा किया था कि इस भूकंप के झटके की तीव्रता 4.7 थी। इससे 6 दिन पहले दूसरी बार बैकुंठपुर में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। (Chhattisgarh Koriya Bhukamp)

उसके पहले 11 जुलाई को 4.3 तीव्रता का झटका आया था। उस समय जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ था। तब भी दो सेकेंड के लिए ही झटके लगे थे और केंद्र बैकुंठपुर से पश्चिम-उत्तर दिशा में 16 किमी दूर और जमीन से 10 किमी अंदर था। इससे पहले 16 मार्च को भी अंबिकापुर संभाग में भूकंप के झटके महसूस किये गए थे। तब रिक्टर पैमाने पर 3.1 तीव्रता के भूकंप मापा गया था।

बता दें कि इससे पहले कोरिया जिले में ही 11 जुलाई को 4.3 तीव्रता का झटका आया था। उस समय जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ था। तब भी दो सेकेंड के लिए ही झटके लगे थे और केंद्र बैकुंठपुर से पश्चिम-उत्तर दिशा में 16 किमी दूर और जमीन से 10 किमी अंदर था। वहीं 16 मार्च को भी सरगुजा संभाग में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। तब रिक्टर पैमाने पर 3.1 तीव्रता के भूकंप मापा गया था। 2 दिसंबर 2021 को सुबह 9.30 बजे 3.4 तीव्रता के झटके आए थे। (Chhattisgarh Koriya Bhukamp)

11 अप्रैल 2021 की दोपहर 12.52 बजे उत्तर और मध्य छत्तीसगढ़ में 3.7 तीव्रता का भूकंप आया था। इसके झटके बैकुंठपुर, मनेंद्रगढ़ और मरवाही तथा मध्यप्रदेश के अनूपपुर में महसूस किए गए थे। तब भूकंप का केंद्र शहडोल था। जिले के चिरमिरी और मनेंद्रगढ़ में 22 फरवरी 2019 में दोपहर करीब 1 बजे 3.5 तीव्रता के झटके महसूस हुए थे। 2 सितंबर 2018 को भी भूकंप के झटके लगे थे। छत्तीसगढ़ में भूकंपीय गतिविधि की जो दर है, वह बहुत कम है। वजह ये है कि छत्तीसगढ़ के अधिकांश हिस्से में भूगर्भ में बेहद सख्त आग्नेय चट्टानें हैं। सिर्फ उत्तर छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्से भूगर्भीय संरचना के कारण संवेदनशील हैं। यहां 2-3 तीव्रता वाले भूकंप आते रहे हैं। (Chhattisgarh Koriya Bhukamp)

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