Chhattisgarh Swine Flu Case: छत्तीसगढ़ में तेजी से फैल रहा स्वाइन फ्लू का संक्रमण, मरीजों की संख्या 100 तक पहुंची

Chhattisgarh Swine Flu Case: छत्तीसगढ़ में कोरोना के साथ ही स्वाइन फ्लू के नए मामलों में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक मरीजों की संख्या 100 तक पहुंच गई है। इसमें से 54 मरीजों का इलाज अभी चल रहा है। सुअर से आई ये बीमारी छींकने-थूकने और मरीजों के संपर्क में आने से फैल रही है। बरसात की नम हवा में संक्रमण के मामलों में तेजी आ सकती है। डॉक्टरों का कहना है कि सावधान नहीं रहे तो ये स्वास्थ्य के लिए भारी पड़ सकता है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक शनिवार को रायपुर में संक्रमण के चार नए मामलों की पुष्टि हुई। इसके साथ ही अब तक संक्रमित हुए लोगों की संख्या 100 तक पहुंच गई है। 54 मरीजों का इलाज जारी है।

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वहीं स्वाइन फ्लू की वजह से एक चार साल की बच्ची की भी मौत हो चुकी है। स्वाइन फ्लू संक्रमण की चपेट में आए लोगों में 45 की इलाज के बाद छुट्‌टी दी जा चुकी है। सबसे अधिक 25 एक्टिव मरीज अकेले रायपुर में हैं। दुर्ग में 10 और रायगढ़-बस्तर में 3-3 मरीज हैं। धमतरी-कांकेर में 2-2 मरीज और दंतेवाड़ा, राजनांदगांव, बिलासपुर, कोरबा और कोरिया में एक-एक मरीज हैं। वहीं चार मरीज दूसरे राज्यों से इलाज के लिए आए हैं। महामारी नियंत्रण विभाग के संचालक डॉक्टर सुभाष मिश्रा का कहना है सरकार ने इस बीमारी को यहां नोटिफायबल डिजीज की श्रेणी में रखा है। (Chhattisgarh Swine Flu Case)

सभी जिलों को किया गया अलर्ट

छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक यहां पहला केस सामने आते ही सभी जिलों को अलर्ट कर दिया गया था। एक-एक केस की निगरानी की जा रही है। अस्पतालों को इलाज के सारे संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं। वहीं संभावित संक्रमितों की जांच कर रोकथाम की कोशिश हो रही है। डॉ. मिश्रा ने बताया, यह एक संक्रामक बीमारी है। सर्दी-जुकाम की तरह थूक, छींक के जरिए इसके भी वायरस हवा में आते हैं। वहीं संक्रमित मरीज के संपर्क में आने, हाथ मिलाने, गले लगने, मरीज का कपड़ा, तौलिया, रुमाल आदि इस्तेमाल करने से संक्रमण का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। (Chhattisgarh Swine Flu Case)

इस तरह करें संक्रमण से बचाव

डॉक्टर मिश्रा के मुताबिक संक्रमण से बचाव का सबसे बेहतर उपाय शारीरिक दूरी ही है। भीड़-भाड़ से परहेज करें। सार्वजनिक जगहों पर फेस मास्क लगाएं। हाथों को साबुन पानी अथवा सेनिटाइजर से धोते रहें। सर्दी-जुकाम की स्थिति में डॉक्टर से संपर्क कर संक्रमण की संभावना को टाला जा सकता है।  डॉक्टरों ने बताया कि स्वाइन फ्लू या H1 N1 इंफ्लूएंजा भी सामान्य इंफ्लूएंजा यानी सर्दी-जुकाम जैसे लक्षणों वाला ही होता है। अंतर यह है कि सामान्य सर्दी-जुकाम अधिकतम तीन दिनों में ठीक हो जाता है। लेकिन स्वाइन फ्लू में यह कई दिनों तक चलता है। इससे श्वसन तंत्र को नुकसान पहुंचता है। छोटे बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और दिल, किडनी, फेफड़े, रक्तचाप, कैंसर आदि की बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए यह फ्लू घातक हो सकता है। (Chhattisgarh Swine Flu Case)

इन लक्षणों को न करें इग्नोर

डॉक्टरों का कहना है कि स्वाइन फ्लू एक इंफ्लुएंजा वायरस की वजह से होता है जो सूअरों में पाया जाता है। तीन दिनों से अधिक समय तक 101 डिग्री से अधिक बुखार रह रहा हो, गले में खराश और सांस लेने में तकलीफ हो रही हो, नाक से पानी आ रहा हो या फिर नाक पूरी तरह बंद हो गई हो, थकान, भूख में कमी और उल्टी जैसे लक्षण स्वाइन फ्लू हो सकते हैं। अगर ऐसे लक्षण दिखें तो इसे नजर अंदाज न करें। तुरंत अस्पताल पहुंचकर जांच कराएं।

स्वास्थ्य विभाग ने दिए निर्देश

छत्तीसगढ़ शासन के स्वास्थ्य विभाग ने स्वाइन फ्लू के इलाज के लिए सभी शासकीय अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में दवाईयों और उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य मंत्री TS सिंहदेव के निर्देश पर स्वास्थ्य सेवाओं के संचालक नीरज बंसोड़ ने सभी शासकीय मेडिकल कॉलेजों के डीन्स और अस्पताल अधीक्षकों, सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और सिविल सर्जन को स्वाइन फ्लू से बचाव, रोकथाम और उपचार के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं द्वारा अधिकारियों को जारी परिपत्र में वर्तमान में देश के कुछ राज्यों में पाए जा रहे स्वाइन फ्लू (H1N1) के मामलों के मद्देनजर छत्तीसगढ़ में भी इसके संभावित प्रकरणों के सर्वेलेंस, सैम्पल संग्रहण, जांच और उपचार के संबंध में आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं।

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