अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस: बालश्रम की रोकथाम हम सबकी जिम्मेदारी: CM भूपेश बघेल

Child Labor Prohibition Day: 12 जून को अंतर्राष्ट्रीय बालश्रम निषेध दिवस मनाया जाएगा, जिसे लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि बच्चों में असीम संभावनाएं होती हैं। उन्हें संवरने के लिए खुला आसमान देना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। बच्चों की उचित देखभाल, पोषण, सुरक्षा, खुशहाल जीवन, शिक्षा, स्वास्थ्य और आगे बढ़ने के अवसर पर बच्चों का भी समान अधिकार है।

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मुख्यमंत्री ने कहा है कि विश्व बाल श्रम निषेध दिवस का उद्देश्य बच्चों से श्रम ना कराकर उन्हें शिक्षा और आगे बढ़ने के अवसर उपलब्ध कराना है। बाल श्रम के प्रति विरोध दर्ज करने के साथ लोगों में जागरूकता लाना है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि छोटे बच्चों को काम में न लगाएं, न ही किसी को लगाने दें। बच्चों के प्रति दुर्व्यवहार, हिंसा या मजदूरी करते पाए जाने पर तुरंत पुलिस और प्रशासन को सूचना देकर बच्चों का भविष्य बचाने में सहयोग करें। (Child Labor Prohibition Day)

बाल मजदूरी की रोकथाम के लिए जागरूकता जरूरी: भेंड़िया

महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि बाल श्रम अपराध की श्रेणी में आता है इसलिए अपने थोड़े से स्वार्थ के लिए बच्चों का जीवन दांव पर ना लगाएं। बच्चे समाज और देश का भविष्य होते हैं। मंत्री भेंड़िया ने कहा कि बाल श्रम, बाल तस्करी के कई मामले आज भी सामने आते रहते हैं। लोग कल-कारखानों समेत अपने घर-दुकानों में भी छोटे-छोटे बच्चों से काम करवाने लगे हैं। इस दौरान बच्चों से दुर्व्यवहार और हिंसा की कई घटनाएं भी प्रकाश में आई हैं। (Child Labor Prohibition Day)

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उन्होंने कहा कि 14 साल से कम उम्र के बच्चों से ऐसा काम लेना जो उनके स्वास्थ्य और जीवन के लिए असुरक्षित हो, कानूनन अपराध है। सरकार ऐसे लोगों पर कानूनी कार्रवाई करती है, लेकिन इसके लिए प्रत्येक नागरिक का जागरूक होना जरूरी है। बच्चों के प्रति किसी भी प्रकार के अवैधानिक नियोजन, हिंसा, अपराध और दुर्व्यवहार की घटनाओं के प्रति सजग और सतर्क रहें और इसकी सूचना पुलिस, चाइल्ड लाइन, महिला बाल विकास विभाग या प्रशासन तक पहुंचाएं। बच्चों के प्रति हमारी संवेदनशील सोच ही देश-प्रदेश का भविष्य तय करेगी। (Child Labor Prohibition Day)

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