4 जनसूचना अधिकारियों पर 25-25 हजार का जुर्माना, CEO के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा

Public Information Officers: लोकतांत्रिक व्यवस्था में सरकार और प्रशासन की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता-जिम्मेदारी को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 प्रभावशील है। सरकार के क्रियाकलापों के संबंध में नागरिकों को जानकार बनाने के लिए यह अधिनियम मील का पत्थर साबित हो रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग के सूचना आयुक्त धनवेन्द्र जायसवाल ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सूचना का अधिकार अधिनियम का समय पर पालन नहीं करने के कारण चार जनसूचना अधिकारी पर 25-25 हजार रूपए का जुर्माना लगाते हुए वरिष्ठ अधिकारी को अनुशासनात्मक कार्रवाई करने आदेश पारित किए हैं। 

यह भी पढ़ें:- छत्तीसगढ़ में 16.73 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी, 215 बोरी धान जब्त 

सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत शरद देवांगन, श्रीराम कालोनी बेलादुला रायगढ़ ने तत्कालीन जनसूचना अधिकारी एवं सचिव ग्राम पंचायत जोंधरा, जनपद पंचायत मस्तुरी को तीन आवेदन देकर द्वितीय अपील के निर्णय का पालन नहीं करने के कारण आयोग में शिकायत किया। राज्य सूचना आयुक्त जायसवाल ने दोनों पक्षों को सुनने के लिए दोनों को पर्याप्त अवसर प्रदान किया।

उन्होंने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत बिलासपुर को निर्देश दिए कि तत्कालीन जनसूचना अधिकारी और सचिव ग्राम पंचायत जोंधरा राजकुमार मधुकर के द्वारा कार्यप्रभार नहीं दिया है, तो वर्तमान सचिव को प्रभार दिलाए और तत्कालीन जनसूचना अधिकारी एवं सचिव ग्राम पंचायत जोंधरा ने प्रभार नहीं दिया है तो उनके खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई करें। (Public Information Officers)

 इसी प्रकार शरद देवांगन, श्रीराम कालोनी बेलादुला रायगढ़ ने तत्कालीन जनसूचना अधिकारी और सचिव ग्राम पंचायत सेंवरा, जनपद पंचायत पेण्ड्रा को आवेदन देकर एक अप्रैल 2016 से 30 नवंबर 2018 तक पंचायत में संधारित नीलाम पंजी की प्रमाणित प्रतिलिपि की मांग की। जानकारी नहीं मिलने पर प्रथम अपील की, लेकिन प्रथम अपीलीय अधिकारी के निर्देश का पालन नहीं किया गया, जिससे क्षुब्ध होकर राज्य सूचना आयोग में द्वितीय अपील की। (Public Information Officers)

राज्य सूचना आयुक्त जायसवाल ने आयोग की तरफ से सूचना पत्र जारी किया और सुनवाई में जवाब के साथ उपस्थित होने कहा, लेकिन तत्कालीन जनसूचना अधिकारी ग्राम पंचायत सेंवरा बृजलाल अगरिया ने आयोग की सुनवाई में उपस्थित नहीं हुआ साथ ही आयोग को कोई जवाब भी नहीं भेजा। तत्कालीन जनसूचना अधिकारी ग्राम पंचायत सेंवरा बृजलाल अगरिया के इस कृत्य से उपकी लापरवाही और उदासीनता को दर्शित करता है। सूचना आयुक्त जायसवाल ने क्षुब्ध होकर सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत 25 हजार रूपए का जुर्माना लगाया गया है।

वहीं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पेण्ड्रा को निर्देश दिए कि संबंधित जनसूचना अधिकारी के वेतन से अर्थदण्ड की राशि की वसूली कर आयोग को अवगत कराएं। ग्राम पंचायत टिनमिनी तहसील पुसौर जिला रायगढ़ के रूद्रेश्वर प्रधान ने तत्कालीन जनसूचना अधिकारी ग्राम पंचायत टिनमिनी जनपद पंचायत पुसौर को दो आवेदन प्रस्तुत कर साल 2016.17 और 2017.18 में पंचायत को किन-किन मदों से राशि प्राप्त हुई, इन राशि का उपयोग किन-किन कार्यों में किया गया। उसकी केश बुक, बैंक पासबुक की छायाप्रति और बिल व्हाउचर की प्रमाणित प्रतिलिपि की मांग की। (Public Information Officers)

तत्कालीन जनसूचना अधिकारी ने आवेदक को मांग पत्र भेजा, लेकिन दस्तावेज की प्रतियों का उल्लेख नहीं किया। प्रथम अपीलीय अधिकारी के द्वारा विनिश्चय नहीं करने के कारण आयोग में द्वितीय अपील किया। द्वितीय अपील की सुनवाई के दौरान राज्य सूचना आयुक्त जासवाल ने पाया कि आवेदक को भेजे गए मांग पत्र दस्तावेज की संख्या का उल्लेख नहीं था। बार-बार अवसर दिए जाने के बाद भी तत्कालीन जनसूचना अधिकारी ग्राम पंचायत टिनमिनी जनपद पंचायत पुसौर अनिता सिदार ने आयोग को कोई जवाब प्रस्तुत नहीं किया।

आयुक्त जासवाल प्रकरण का अवलोकन कर अधिनियम के तहत अपीलार्थी और जनसूचना अधिकारी को सुनने के के बाद अपीलार्थी को समय-सीमा में जानकारी नहीं प्रदाय करने एवं आयोग के पत्रों का कोई जवाब नहीं देने को गंभीरता से लेते हुए सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत दोनों प्रकरण पर 25-25 हजार रूपए का जुर्माना लगाया गया है और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पुसौर को निर्देश दिए कि संबंधित जनसूचना अधिकारी के वेतन से अर्थदण्ड की राशि की वसूली कर आयोग को सूचित करें।

आवेदक आकाश वैरागी गोबरसिंहा, रायगढ़ ने तत्कालीन जनसूचना अधिकारी ग्राम पंचायत बरपाली जनपद पंचायत पुसौर को आवेदन 18 जनवरी 2019 को प्रस्तुत कर ग्राम पंचायत त्रिभौना के वर्तमान सरपंच के पदस्थापना तिथि से आवेदित दिनांक तक आय व्यय से संबंधित समस्त रोकड़ बही की प्रतिलिपि आवेदक को प्रदाय करें। जनसूचना अधिकारी ने एक साल और एक विषय की जानकारी के संबंध में आवेदक को अवगत कराया। प्रथम अपीलीय अधिकारी ने जनसूचना अधिकारी के जवाब को सही माना। उससे क्षुब्ध होकर आवेदक ने आयोग में द्वितीय अपील की।

आयुक्त जायसवाल प्रकरण का अवलोकन कर अधिनियम के तहत अपीलार्थी और जनसूचना अधिकारी को सुनने के पश्चात अपीलार्थी को समय सीमा में जानकारी नहीं प्रदाय करने और आयोग के पत्रों का कोई जवाब नहीं देने को गंभीरता से लेते हुए सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत दोनों प्रकरण पर 25 हजार रूपए का जुर्माना लगाया गया और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पुसौर को निर्देश दिए कि संबंधित जनसूचना अधिकारी के वेतन से अर्थदण्ड की राशि की वसूली कर आयोग को सूचित करें। (Public Information Officers)

Related Articles

Back to top button