छत्तीसगढ़ सरकार पौनी पसारी की परंपरा को सहेजने का काम कर रही: CM बघेल

CM Bhupesh Kawardha Daura: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने परंपरागत व्यवसाय करने वाले व्यापारियों को कवर्धा शहर के अंबेडकर चौक के पास 53 लाख 76 हजार रूपए की लागत से नव निर्मित 02 पौनी पसारी परिसर का लोकार्पण कर बड़ी सौगात दी। पौनी पसारी परिसर के लोकार्पण से परंपरागत व्यवसाय करने वाले व्यापारियों को पक्का चबूतरा और सहारा मिल गया है। उन्होंने पौनी पसारी परिसर में ही मिलेट्स कैफे का भी शुभारंभ किया। इस अवसर पर वन मंत्री मोहम्मद अकबर, पंडरिया विधायक ममता चंद्राकर समेत कन्हैया अग्रवाल, नीलकंठ चंद्रवंशी, नगर पालिका अध्यक्ष ऋषि शर्मा कलेक्टर जनमेजय महोबे, पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव और स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

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मुख्यमंत्री बघेल ने परिसर का लोकार्पण करते हुए कहा कि पौनी पसारी योजना के जरिए पुराने प्रचलित पारंपरिक व्यवसायों के लिए पक्का शेड, चबूतरा का निर्माण कराया गया है, ताकि पारंपरिक व्यवसाय से जुड़े लोगों को सुविधा हो सके और वे अपने व्यवसाय को आगे बढ़ा सके। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में पौनी पसारी की परंपरा पुरातन काल से चली आ रही है, जिसे सहेजने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने इस योजना की शुरूआत की है। इस परिसर में बने शेड को पात्र लोगों को अस्थायी रूप से किराए पर दिया जाएगा। (CM Bhupesh Kawardha Daura)

मुख्यमंत्री बघेल ने बताया कि पौनी पसारी योजना छत्तीसगढ़ की प्राचीन परंपरा के व्यवसायों को नवजीवन प्रदान कराने में सहायक है। इसके तहत स्थानीय परंपरागत व्यवसायों जैसे लोहे से संबधित कार्याे, मिट्टी के बर्तन, कपडे़ धुलाई, जूते चप्पल तैयार करना, लकड़ी से संबंधित कार्य, पशुओं के लिए चारा, सब्जी-भाजी उत्पादन, कपड़ों की बुनाई-सिलाई, कंबल, मूर्तियां बनाना, फूलों का व्यवसाय, पूजन सामग्री, बांस का टोकना, सूपा, केशकर्तन, दोना-पत्तल, चटाई तैयार करना और आभूषण समेत सौंदर्य सामग्री का व्यवसाय पौनी-पसारी व्यवसाय के रूप में रोजगार उपलब्ध कराया जाता है। (CM Bhupesh Kawardha Daura)

मिलेट कैफे का शुभारंभ

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कवर्धा के पौनी-पसारी परिसर में मिलेट कैफे का शुभारंभ किया। उन्होंने मिलेट कैफे में बैठकर व्यंजनों का स्वाद चखा और कैफे का संचालन करने वाले महिला समूह की सराहना की। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कवर्धा के कलेक्टर कार्यालय परिसर में छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा का अनावरण किया और पुष्पार्पित कर उन्हें नमन किया। मुख्यमंत्री बघेल ने प्रतिमा अनावरण के उपरांत कहा कि छत्तीसगढ़ महतारी, छत्तीसगढ़ की अस्मिता, स्वाभिमान और सम्मान का प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा लगाई जा रही है ताकि लोगों में अपनी संस्कृति को लेकर चेतना जागृत की जा सके। अपने तीज-त्यौहार, लोक परम्पराओं को जानने-समझने का भावी पीढ़ी को पर्याप्त अवसर मिले, यही हमारा प्रयास है।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार अपनी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए संकल्पित होकर कार्य कर रही है। छत्तीसगढ़ के परंपरागत तिहारों का आयोजन किया जा रहा है। तीजा-पोरा, अक्ती, हरेली, छेरछेरा जैसे लोक जीवन के तिहारों को व्यापक स्तर पर मनाने की सार्थक पहल हुई है। बोरे-बासी को आज पूरा देश जानने लगा है। आदिवासी नृत्य महोत्सव, देवगुड़ी का कायाकल्प, आदिवासी परब सम्मान निधि जैसी पहल के माध्यम से जनजातीय संस्कृति को सम्मान दिलाने का काम किया गया है। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत भी मौजूद थे। (CM Bhupesh Kawardha Daura)

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