छत्तीसगढ़ में हर व्यक्ति का विकास हमारा मुख्य ध्येय: मुख्यमंत्री बघेल

CM Bhupesh News: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हर व्यक्ति का विकास और उनमें समृद्धि लाना हमारा मुख्य ध्येय है। इसके लिए हमारी सरकार द्वारा हर वर्ग के लोगों की भलाई और उत्थान के लिए नवाचार का प्रयोग करते हुए नई-नई योजनाएं और कार्यक्रम लागू कर उनके बेहतर ढंग से क्रियान्वयन पर विशेष जोर दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के समन्वित विकास के लिए गांव-गांव के विकास और उन्हें स्वावलंबी बनाने का कार्य किया जा रहा है। इसके लिए हमारी सरकार द्वारा राज्य में नवाचार का प्रयोग करते हुए ‘छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी- नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी’ का बेहतर ढंग से क्रियान्वयन किया जा रहा है।

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इसके फलस्वरूप ग्रामीणों को रोजगार सुगम अवसर उपलब्ध हुए हैं और उनकी आय में भी बढ़ोतरी हुई है। मुख्यमंत्री बघेल ने इस दौरान अवगत कराया कि छत्तीसगढ़ में ग्रामीण अंचल के साथ-साथ शहरी क्षेत्र के विकास पर भी पूरा ध्यान दिया जा रहा है। इस तरह हमारी सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं और कार्यक्रमों से हर अंचल तथा क्षेत्र के लोगों को आगे बढ़ने के लिए बेहतर मौका मिला है। (CM Bhupesh News)

उन्होंने इस दौरान जनहित में संचालित विभिन्न योजनाओं राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना और राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना कार्यक्रमों का जिक्र करते हुए कहा कि इनसे समाज के खासकर किसान, मजदूर, महिला, आदिवासी और युवा वर्ग और गरीब समेत कमजोर वर्ग और सभी वर्ग के लोगों की भलाई- उत्थान का कार्य हो रहा है। मुख्यमंत्री बघेल ने इस दौरान प्रदेश में स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार विभिन्न क्षेत्रों में चलाए जा रहे कार्यक्रमों का भी विशेष रूप से उल्लेख किया। उन्होंने इस तारतम्य में छत्तीसगढ़ में कुपोषण मुक्ति के लिए संचालित विशेष अभियान मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के बारे में बताया कि आज के बच्चे कल के भविष्य हैं। (CM Bhupesh News)

अगर बच्चे कुपोषित होंगे तो उनके असामयिक बीमारी और मृत्यु की संभावना बनी रहेगी। CM भूपेश ने कहा कि बच्चे स्वस्थ होंगे तो सुनहरा भविष्य गढ़ेंगे। कुछ ऐसी ही सोच के साथ हमने प्रदेशव्यापी कुपोषण मुक्ति का अभियान शुरू किया है। इसके फलस्वरूप वजन त्यौहार के अनुसार प्रदेश में पिछले चार सालों में कुपोषण की दर में 5.61 प्रतिशत की कमी दिखाई दी है। साल 2019 में बच्चों में कुपोषण की दर 23.37 प्रतिशत थी, वह 2022 में घटकर 17.76 प्रतिशत पर आ गई है। प्रदेश में इस महत्वपूर्ण अभियान के तहत लगभग 2 लाख 11 हजार बच्चे कुपोषण के चक्र से बाहर आ गए हैं।  (CM Bhupesh News)

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