Education Guidelines : कोचिंग सेंटरों द्वारा 100% चयन या नौकरी की गारंटी जैसे झूठे दावे वाले भ्रामक विज्ञापनों पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने बुधवार को नई गाइडलाइन जारी की है। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने कई शिकायतों के आधार पर यह कदम उठाया है, जिसमें कोचिंग संस्थानों द्वारा छात्रों को गुमराह करने की बात सामने आई थी।
यह भी पढ़े :- SDM थप्पड़ कांड : नरेश मीणा की गिरफ्तारी से भड़के समर्थक, सुरक्षाबलों ने आंसू गैस के गोले दागे, समर्थकों को खदेड़ा
उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने बताया कि नए दिशानिर्देशों के अनुसार, कोचिंग सेंटर अब चयन दर, फीस, रिफंड नीति और संकाय की योग्यता जैसी जानकारी में पारदर्शिता बरतने के लिए बाध्य होंगे। छात्रों से जानकारी छिपाने और भ्रामक दावे करने पर केंद्र ने कड़ी कार्रवाई की है। सीसीपीए ने गाइडलाइन जारी होने के बाद अब तक 54 नोटिस जारी किए हैं और लगभग 54.60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
खरे ने यह भी कहा कि सरकार कोचिंग सेंटरों के खिलाफ नहीं है, लेकिन वे चयन के बाद बिना लिखित सहमति के सफल उम्मीदवारों के नाम और फोटो का उपयोग नहीं कर सकते। गाइडलाइन में कोचिंग संस्थानों को यह निर्देश भी दिया गया है कि वे पाठ्यक्रम, संकाय, फीस, और नौकरी की गारंटी के दावों में पारदर्शिता बनाए रखें। सरकार के इस कदम का उद्देश्य छात्रों को भ्रामक विज्ञापनों से बचाना और कोचिंग उद्योग में पारदर्शिता लाना है।
दिशानिर्देशों की तैयारी
इन नियमों को बनाने के लिए एक समिति बनाई गई थी जिसमें CCPA, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग, शिक्षा मंत्रालय, लाल बहादुर शास्त्री प्रशासन अकादमी, राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (NLU) दिल्ली, लॉ फर्म और उद्योग संगठनों के प्रतिनिधि शामिल थे। समिति ने निर्णय लिया है कि कोचिंग सेंटरों के विज्ञापनों में ऐसे दावे नहीं होने चाहिए जो छात्रों को भ्रमित करें। अब इन नियमों का पालन करना सभी कोचिंग सेंटरों के लिए अनिवार्य होगा। नियम तोड़ने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
किस तरह के विज्ञापनों पर रहेगी रोक
कोर्स की जानकारी, फीस, संकाय की योग्यता, धनवापसी नीति, चयन दर, सफलता की कहानियां, और परीक्षा की रैंकिंग जैसी जानकारियों में पारदर्शिता रखनी होगी। एडमिशन या प्रमोशन की गारंटी देने वाले विज्ञापनों पर रोक लगाई गई है।
बढ़ा-चढ़ाकर प्रशंसा करना मना
कोचिंग सेंटरों को अपनी सुविधाओं और बुनियादी ढांचे के बारे में सही जानकारी देनी होगी और झूठी तारीफ नहीं कर सकते।
छात्रों की सफलता की कहानियां
जब तक छात्रों की अनुमति नहीं होगी। कोचिंग सेंटर उनके नाम, फोटो या किसी भी सर्टिफिकेट का इस्तेमाल विज्ञापन में नहीं कर सकते। यह सहमति तब ही ली जाएगी जब छात्र किसी परीक्षा में पास हो चुके होंगे। जिससे छात्रों पर एडमिशन के वक्त किसी प्रकार का दबाव न बने।
पारदर्शिता अनिवार्य
कोचिंग सेंटर को विज्ञापनों में छात्र का नाम, रैंक, कोर्स और फीस जैसे विवरण बड़े अक्षरों में देना होगा ताकि सभी जानकारी स्पष्ट हो।
“सीटों की कमी” जैसे विज्ञापनों पर नजर
कोचिंग सेंटर अब ऐसे विज्ञापन नहीं दे सकते जिनमें यह कहकर छात्रों पर दबाव बनाया जाए कि “सीटें कम हैं” या “वक्त कम है, जल्दी एडमिशन लें”।
राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन से जुड़ना अनिवार्य
हर कोचिंग सेंटर को राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन से जोड़ना होगा ताकि छात्रों के लिए किसी भी तरह के भ्रामक विज्ञापन या गलत व्यापारिक प्रथाओं की शिकायत करना आसान हो सके।
उल्लंघन पर होगी कार्रवाई
यदि कोई कोचिंग सेंटर इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो उस पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत कार्रवाई की जाएगी। CCPA के पास दंड लगाने और गुमराह करने वाले तरीकों से बचाने का पूरा अधिकार रहेगा। इन नियमों का उद्देश्य छात्रों का शोषण रोकना है ताकि उन्हें झूठे वादों से गुमराह न किया जाए। (Education Guidelines)
पहले से हो चुकी है कार्रवाई
पिछले कुछ वर्षों में CCPA ने कई कोचिंग सेंटरों पर गलत विज्ञापन देने के कारण कार्रवाई की है। अभी तक 45 नोटिस जारी किए गए हैं और 18 कोचिंग सेंटरों पर 54 लाख 60 हजार का जुर्माना लगाया गया है, साथ ही भ्रामक विज्ञापन बंद करने का निर्देश भी दिया गया है। (Education Guidelines)