Gyanvapi ASI Survey : ज्ञानवापी परिसर में पहुंची ASI की टीम, सर्वे हुआ शुरू, IIT के एक्सपर्ट करेंगे मदद

Gyanvapi ASI Survey : ज्ञानवापी परिसर को लेकर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि अगर उसे मस्जिद कहोगे तो मुश्किल होगी. उसी ज्ञानवापी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट का बहुत बड़ा फैसला आया है, जिसमें अदालत ने ज्ञानवापी परिसर में ASI के सर्वे को हरी झंडी दिखा दी. वहीं ज्ञानवापी परिसर में आज से शुरू हो रहा ASI का सर्वे पहले दिन दोपहर 12:00 बजे तक ही चलेगा. शुक्रवार मतलब जुमे का दिन होने की वजह से सर्वे जल्दी खत्म किया जाएगा. हालांकि मुस्लिम पक्ष ने आज से शुरू हो रहे ASI सर्वे का बहिष्कार करने का ऐलान किया है.

यह भी पढ़ें : छत्तीसगढ़ में BJP ने लॉन्च की चुनावी घोषणापत्र से जुड़ी सुझाव पेटी, वॉट्सएप से भी दे सकते हैं सुझाव  

दरअसल ज्ञानवापी परिसर में आज दोपहर जुमे की नमाज भी अदा की जानी है. दोपहर 12:30 बजे से ही मस्जिद में नमाजी दाखिल होने लगते हैं. नमाजियों को कोई असुविधा ना हो और किसी तरह के विवाद के हालात पैदा ना हो इसी वजह से आज दोपहर 12:00 बजे ही सर्वे खत्म हो जाएगा.अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि सर्वे से मस्जिद में होने वाली इबादत में किसी तरह की रुकावट नहीं होनी चाहिए. बता दें कि पिछले साल हुई कोर्ट कमीशन के सर्वे की कार्यवाही भी इसी वक्त पर होती थी.

वहीं ज्ञाववापी परिसर में आज से शुरू हो रहे ASI सर्वे का मुस्लिम पक्ष बहिष्कार करेगा. मस्जिद कमेटी का कोई भी पदाधिकारी या उनके वकील सर्वे की कार्यवाही में शामिल नहीं होगा. सर्वे के वक्त मस्जिद में सिर्फ पेश इमाम और कर्मचारी ही रहेंगे. बता दें कि मुस्लिम पक्ष ने 24 जुलाई को कुछ घंटों तक हुए सर्वे का भी बहिष्कार किया था. यह जानकारी इंतजामिया मसाजिद कमेटी के सचिव एसएम यासीन ने दी है. इसके साथ ही लोगों से शांति बनाए रखने की अपील भी की गई.

IIT कानपुर के एक्सपर्ट का बड़ा रोल

ज्ञानवापी में आज से शुरू हो रहे सर्वे में IIT कानपुर के एक्सपर्ट का भी बड़ा रोल रहेगा. आईआईटी कानपुर के एक्सपर्ट प्रोफेसर जावेद मलिक पर्दे के पीछे से सर्वे टीम की मदद करेंगे. आईआईटी कानपुर में अर्थ एंड प्लैनेटेरियम साइंस डिपार्टमेंट में प्रोफेसर हैं जावेद मलिक. इन दिनों विदेश में हैं. विदेश में होने की वजह से वह इस बार के सर्वे में सीधे तौर पर शामिल नहीं हो सकेंगे. उनके सहयोगियों की एक टीम भी सर्वे दल का हिस्सा रहेगी. जरूरत पड़ने पर प्रोफेसर जावेद मलिक वर्चुअल तरीके से सर्वे टीम का हिस्सा भी हो सकते हैं. एएसआई ने हाई कोर्ट में जो हलफनामा दिया था उसमें आईआईटी कानपुर की रिपोर्ट को ही आधार बनाया गया था.

प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट का मामला

सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पक्ष ने कहा कि एएसआई सर्वे के दौरान खुदाई कर सकता है, इसलिए रोक लगायी जाए. इसके साथ ही मुस्लिम पक्ष ने कहा कि पूरे मामले पर असर पड़ सकता है, जो 1991 के एक्ट प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट से जुड़ा है. मुस्लिम पक्ष ने याचिका में कहा है कि वज़ूखाना को सुरक्षा देने वाला सुप्रीम कोर्ट का आदेश पूरी मस्जिद की सुरक्षा करता है, ना कि सिर्फ उस विशेष संरक्षित क्षेत्र की.

Related Articles

Back to top button