Delhi G20 Declaration : दिल्ली जी20 घोषणापत्र को अपनाया गया , पीएम मोदी ने किया ट्वीट…

Delhi G20 Declaration : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दिल्ली जी20 घोषणापत्र को अपनाया गया । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली जी20 घोषणापत्र को अपनाने पर आम सहमति बनाने में मदद करने के लिए सभी शेरपाओं, मंत्रियों और अधिकारियों की कड़ी मेहनत के प्रति आभार व्यक्त किया।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सभी जी20 प्रेसीडेंसी में भारत की अध्यक्षता सबसे महत्वाकांक्षी रही है। इसके कार्यकाल के दौरान कुल 112 दस्तावेज़ अपनाए गए हैं। इन 112 दस्तावेज़ों में से 73 परिणाम दस्तावेज़ और 39 संलग्न दस्तावेज़ हैं। 2022 बाली शिखर सम्मेलन के दौरान, 50 दस्तावेजों को अपनाया गया था। जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने एक्स पर कहा, “नई दिल्ली घोषणापत्र जी20 के शिखर सम्मेलन में आधिकारिक तौर पर अपनाया गया है! आज के युग को मानव-केंद्रित वैश्वीकरण के स्वर्ण युग के रूप में चिह्नित किया जाना चाहिए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की जी20  (Delhi G20 Declaration) अध्यक्षता ने इस लक्ष्य की दिशा में अथक प्रयास किया है।

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पीएम मोदी ने जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन (Delhi G20 Declaration) के दूसरे सत्र के दौरान अचानक घोषणा करते हुए कहा, “एक अच्छी खबर है, सभी के सहयोग से दिल्ली जी20 नेतृत्व घोषणा पर सहमति बन गई है। मेरा प्रस्ताव है कि इसे अपनाया जाना चाहिए।” इसके बाद उन्होंने सभी विश्व नेताओं की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच घोषणा की कि दिल्ली घोषणा को अपनाया गया है।

इस घोषणा पत्र में यूक्रेन जंग का 4 बार जिक्र हुआ है। वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमें चुनौतीपूर्ण समय में अध्यक्षता मिली। G20 का साझा घोषणा पत्र 37 पेज का है। इसमें कुल 83 पैराग्राफ हैं। इसे ही नई दिल्ली डिक्लेरेशन कहा गया है। PM मोदी ने ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस लॉन्च किया। इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना सहित ब्राजील, अर्जेंटीना और इटली के राष्ट्राध्यक्ष भी मौजूद रहे। इसके बाद PM मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत के लिए कनेक्टिविटी को बढ़ाना प्राथमिकता है।

समिट के पहले सेशन में भारत ने अफ्रीकन यूनियन को G20 का परमानेंट मेंबर बनाने का प्रस्ताव रखा था। बतौर अध्यक्ष सभी देशों की सहमति से PM मोदी ने जैसे ही इसे पारित किया, अफ्रीकन यूनियन के हेड अजाली असोमानी जाकर PM मोदी के गले लग गए। भारत के प्रस्ताव का चीन और यूरोपियन यूनियन ने भी समर्थन किया। यूनियन को मेंबरशिप मिलने से अफ्रीका के 55 देशों को फायदा होगा। PM ने अपने उद्घाटन भाषण में मोरक्को भूकंप में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा दुख की घड़ी में हम मोरक्को के लोगों के साथ हैं और उनकी हरसंभव मदद करेंगे। PM ने कहा कि कोरोना के बाद विश्व में विश्वास का संकट पैदा हो गया है। युद्ध ने इस संकट को और गहरा कर दिया है। जब हम कोरोना को हरा सकते हैं तो आपसी चर्चा से विश्वास के इस संकट को भी दूर सकते हैं। ये सभी के साथ मिलकर चलने का समय है।

प्रधानमंत्री ने कहा- आज हम जिस जगह इकट्ठा हुए हैं, यहां कुछ किमी दूर ढाई हजार साल पुराना स्तंभ है। इस पर प्राकृत भाषा में लिखा है कि मानवता का कल्याण सदैव सुनिश्चित किया जाए। ढाई हजार साल पहले भारत की धरती ने यह संदेश पूरी दुनिया को दिया था। 21वीं सदी का यह समय पूरी दुनिया को नई दिशा देने वाला है। शनिवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत मंडपम पहुंचे विदेशी राष्ट्राध्यक्षों को रिसीव किया। उन्होंने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को गले लगाया, तो अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को भारत मंडपम में बने कोणार्क चक्र के बारे में जानकारी दी।

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