Bhagwan Suryanarayan Ji: भगवान सूर्य को जल चढ़ाते समय मिलाएं ये चीजें, जिंदगी में आती है खुशहाली

Bhagwan Suryanarayan Ji: आज यानी रविवार के दिन भगवान सूर्यनारायण की पूजा होती है। इस दिन व्रत और पूजा करने से भगवान सूर्यदेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। सूर्य को नवग्रहों का राजा कहा गया है। जातक की कुंडली में सूर्यदेव का विशेष महत्व होता है, क्योंकि ये मनुष्य के जीवन पर गहरा प्रभाव छोड़ते हैं। प्रत्यक्ष देवता सूर्य की उपासना शीघ्र ही फल देने वाली मानी गई है, जिनकी साधना स्वयं प्रभु श्री राम ने भी की थी। वहीं वैदिक ज्योतिष में सूर्यदेव का विशेष महत्व होता है। सूर्य सभी लोकों में ऊर्जा के केंद्र माने गए हैं। सूर्यदेव को प्रत्यक्ष देवता माना गया है, क्योंकि उनके दर्शन हमें प्राप्त होते हैं। मान्यता है कि सूर्य की उपासना करने से रोगों से मुक्ति मिलती है। ज्योतिष में सूर्य को सभी ग्रहों का अधिपति माना गया है।

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सूर्यदेव को जल चढ़ाने से व्यक्ति को जीवन की हर परेशानी से मुक्ति मिलती है। सूर्य देव को अर्घ्य देने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। सूर्य को जल चढ़ाने से जहां मन को शांति का अनुभव होता है। वहीं पर शरीर के रोग और जिंदगी में खुशहाली आती है। शास्त्रों के मुताबिक सूर्य देव को जल अर्पित करते समय इन पांच चीजों को जल में मिलाने से सूर्य नारायण की कृपा आजीवन उनके भक्तों पर बनी रहती है और उन्हें कभी किसी चीज की कमी नहीं होती। हिंदू धर्म में देवी-देवताओं को पुष्प अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है। सूर्य देव को जल अर्पित करते समय जल के पात्र में लाल पुष्प मिला लेने से सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है और सारे काम आसानी से पूरे होने लगते हैं। (Bhagwan Suryanarayan Ji)

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जल चढ़ाने से पहले अक्षत यानी चावल को मिलकर अर्घ्य सूर्य देव को अर्घ्य देने से घर में सुख शांति बनी रहती है। हिंदू धर्म में बहुत पवित्र अनाज माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य देव को अर्घ्य देते समय जल में रोली मिलाने से स्वास्थ लाभ होता है। रोली का लाल रंग सूर्य की किरणों से जुड़कर रक्त संचार को बेहतर करता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्यदेव को अर्घ्य देते समय हल्दी मिला ली जाए तो विवाह में आ रही अड़चन दूर होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्यदेव को अर्घ्य देते समय हल्दी मिला ली जाए तो विवाह में आ रही अड़चन दूर होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मिश्री को जल में मिलाकर सूर्य देव को अर्घ्य देने से सूर्य नारायण की कृपा भक्तों पर बनी रहती है और व्यक्ति को हर क्षेत्र में मान-सम्मान और सफलता प्राप्त होती है। (Bhagwan Suryanarayan Ji)

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शास्त्रों के मुताबिक सुबह के समय सूर्य को अर्घ्य देते समय कुछ ऐसी बातें हैं, जिनका खास ध्यान रखना होता है। क्योंकि अगर सूर्य को अर्घ्य देते हुए ये गलतियां हो जाती हैं तो भगवान प्रसन्न होने के बजाय क्रोधित हो जाते हैं। शास्त्रों के मुताबिक सूर्य देव को हमेशा नहाने के बाद ही जल चढ़ाना चाहिए। आप उन्‍हें 8 बजे के अंदर ही जल चढाएं। साथ ही यह कार्य ब्रह्म मुहूर्त में कर लेना चाहिये। अर्घ्य देते समय स्टील, चांदी, शीशे और प्लास्टिक बर्तनों का प्रयोग न करें। सूर्यदेव को तांबे के पात्र से ही जल दें। सूर्य के साथ नवग्रह भी मजबूत बनते हैं, जल अर्पित करने से पहले उसमें कई लोग गुड़ और चावल मिलाते हैं ऐसा न करें। इसका कोई महत्व नहीं होता। पूर्व दिशा की ओर ही मुख करके ही जल देना चाहिए। अगर किसी दिन ऐसा हो कि सूर्य देव नजर ना आ रहे हों, तो पूर्व दिशा की ओर मुख करके जल दे दें। (Bhagwan Suryanarayan Ji)

(नोट: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और जनसामान्य में प्रचलित जानकारियों पर आधारित है। इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि, यह पूर्णतया सत्य और सही हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए धार्मिक विशेषज्ञों-धर्म शास्त्रों के जानकर की सलाह जरूर लें। अनमोल न्यूज24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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