दिल्ली सेवा बिल लोकसभा में हुआ पास, आप सांसद सुशील कुमार बचे हुए सत्र के लिए सस्पेंड

Delhi Ordinance Bill: लोकसभा में भारी हंगामे के बीच राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक यानी दिल्ली सेवा बिल 2023 पारित हो गया है। लोकसभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि सेवाएं हमेशा केंद्र सरकार के पास रही हैं। SC ने एक व्याख्या दी… 1993 से 2015 तक किसी भी मुख्यमंत्री ने लड़ाई नहीं लड़ी। कोई लड़ाई नहीं हुई क्योंकि जो भी सरकार बनी उनका उद्देश्य लोगों की सेवा करना था। लड़ने की कोई ज़रूरत नहीं है। अगर जरूरत है तो सेवा करने की, लेकिन अगर उन्हें सत्ता चाहिए तो वे लड़ेंगे।

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उन्होंने कहा कि I.N.D.I.A के गठबंधन के बाद भी पीएम मोदी पूर्ण बहुमत के साथ फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे… सभी बिल महत्वपूर्ण हैं और आपको सदन में उपस्थित रहना चाहिए था। इस (दिल्ली सेवा विधेयक) विधेयक के पारित होने के बाद गठबंधन टूट जाएगा। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री ने जिस अंदाज में सदन में न सिर्फ दिल्ली बिल पर बात की बल्कि विपक्ष द्वारा बनाए गए भ्रम के माहौल को भी तोड़ा और तथ्य भी पेश किए…विपक्ष में सन्नाटा छा गया। वे कुछ भी उत्तर नहीं दे सके क्योंकि उनके पास कोई उत्तर नहीं था। सच एक बार फिर देश के सामने आया। (Delhi Ordinance Bill)

भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि गृह मंत्री ने प्रभावशाली भाषण दिया। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि वे महत्वपूर्ण सार्वजनिक मुद्दों पर चर्चा से भागते हैं और कार्यवाही में बाधा डालते हैं। केजरीवाल सरकार की सच्चाई आज सामने आ गई…मैं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष को बताना चाहूंगा कि चारा घोटाले की सीबीआई जांच में ललन सिंह हमारे साथ थे…लालू यादव और अन्य को दोषी ठहराया गया। क्या हुआ है? ये ‘लोक-लाज’ क्या है…इसे कहते हैं अवसरवादिता की पराकाष्ठा। (Delhi Ordinance Bill)

भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने कहा कि विपक्ष शर्मिंदा था…उनमें वोट देने की हिम्मत नहीं थी इसलिए उन्होंने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। उन्होंने 9 विधेयकों पर चर्चा नहीं की लेकिन वे अपने गठबंधन को बचाने के लिए इस विधेयक पर चर्चा करने आए। उन्होंने इस विधेयक का विरोध नहीं किया लेकिन वॉक-आउट किया। कांग्रेस ने अघोषित रूप से सरकार का समर्थन किया और मतदान में भाग नहीं लिया। यदि आप बाहर निकलते हैं, तो इसका मतलब है कि आप विधेयक का समर्थन करते हैं। अन्यथा, आपने इसके विरुद्ध मतदान किया होता। (Delhi Ordinance Bill)

कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि किसी भी पार्टी की सरकार हो, उसकी शक्तियां छीनना संविधान के खिलाफ है। जब हम सदन में इस पर चर्चा कर रहे थे तो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपना चुनावी भाषण शुरू किया… कम से कम आज उन्हें (अमित शाह) मणिपुर की घटना पर शर्मिंदगी स्वीकार करनी चाहिए। अगर हमें सदन में अपने विचार रखने का मौका नहीं मिला और गृह मंत्री ने अपना चुनावी भाषण शुरू कर दिया तो हमारे पास सदन से बाहर जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। (Delhi Ordinance Bill)

AIMIM सांसद असदुद्दीन औवेसी ने कहा कि उनके पास प्रचंड बहुमत है। हमें पहले से ही पता था कि ये असंवैधानिक बिल है, यह बिल भारत के बुनियादी ढांचे के खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट ने पहले इसके खिलाफ फैसला सुनाया था। मेरा मानना है कि जब यह सुप्रीम कोर्ट में जाएगा तो कोर्ट इसे देखेगा… हर पार्टी की अपनी रणनीति होती है। हमने वहां बैठकर विधेयक का विरोध किया। कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने कहा कि हम I.N.D.I.A गठबंधन के खिलाफ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के डर को समझ सकते हैं…वह विधेयक के बजाय केवल राजनीति के बारे में बोल रहे थे। वह I.N.D.I.A द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब नहीं दे रहे थे। (Delhi Ordinance Bill)

गठबंधन सहयोगियों ने वास्तव में संघीय राजनीति और लोकतांत्रिक संस्थानों के बारे में पूछा था, जिसके द्वारा वह दिल्ली सरकार की सत्ता संभाल रहे हैं। उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया, हम उनके जवाब को लेकर आश्वस्त नहीं थे। तो, सभी I.N.D.I.A. गठबंधन ने लोकसभा से वॉकआउट किया। भाजपा सांसद किरण खेर ने कहा कि क्या उनके (AAP) पास कोई तर्क थे, गृह मंत्री अमित शाह ने सभी तर्क पेश किये। शीला दीक्षित ने यहां लंबे समय तक शासन किया, भाजपा ने यहां लंबे समय तक शासन किया, लेकिन उन्होंने कभी ऐसी स्थिति पैदा नहीं की। उन्हें पता होना चाहिए कि उन्होंने ऐसा क्या किया कि ऐसा करना पड़ा। (Delhi Ordinance Bill)

AAP सांसद सुशील कुमार रिंकू को आसन पर कागज फेंकने के कारण लोकसभा के शेष मानसून सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने प्रस्ताव पेश किया। स्पीकर ओम बिरला ने फैसले की घोषणा करने से पहले सदन की मंजूरी मांगी। लोकसभा से निलंबित होने के बाद AAP सांसद सुशील कुमार रिंकू ने कहा कि संविधान टूट रहा है, देश की संघीय व्यवस्था खतरे में है…जब निर्वाचित सरकार की शक्तियां गैर-निर्वाचित और नौकरशाहों को दी जाती हैं तो यह संविधान का अपमान है। सतर्कता विभाग केंद्र सरकार के हाथ में है। अदालत तय करेगी कि कौन भ्रष्ट है और कौन नहीं…मुझे इस बात का अफसोस नहीं है कि लोगों के लिए आवाज उठाने और लोकतंत्र की रक्षा के लिए मुझे निलंबित कर दिया गया। (Delhi Ordinance Bill)

केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी आप सांसद सुशील कुमार रिंकू के निलंबन पर मीनाक्षी लेखी ने कहा, “वह पहले कांग्रेस के सदस्य थे और अब AAP नेता हैं इसलिए ऐसा व्यवहार उनके सभी नेताओं में निहित है। कांग्रेस को पता था कि उनके पास संख्या नहीं है और ये विधेयक पारित होगा ही इसलिए वे बाहर चले गए। AAP सांसद संदीप पाठक ने कहा कि PM मोदी लोकसभा के जरिए देश को संदेश देना चाह रहे हैं कि अगर आपने मुझे वोट नहीं दिया तो मैं इस तरह बिल के जरिए सरकार पर कब्जा कर लूंगा। ये लोकतंत्र पर प्रहार है और ये बिल असंवैधानिक है…अमित शाह का भाषण चुनावी भाषण था…इतिहास में पहली बार सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटा जा रहा है…ये कोर्ट के सामने नहीं टिकेगा। (Delhi Ordinance Bill)

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