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देवउठनी सोमवार 15 नवम्बर 2021 : सुखी जीवन के लिए करें यह उपाय, क्या कहती हैं आपकी राशि, जानें अपना राशिफल

देवउठनी सोमवार 15 नवम्बर 2021 राशिफल एवं उपाय : राशिफल 15 नवम्बर  2021, कार्तिक शुक्ल पक्ष, वैदिक मास-उर्जा, हेमंत ऋतु, दक्षिणायन सूर्य। दिन- सोमवार। तिथि- द्वादशी। चन्द्र राशी – मीन। व्रत/ पर्व- देवउठनी एकादशी। कार्य सिद्ध सफल योग 16:33 तक। पंचक-है, भद्रा – 06:39 से प्रारंभ पृथ्वी-अशुभ। मूल – 06:12 से प्रारंभ। उपाय कर्म है। सौभाग्य वृद्धि का एवं दुर्भाग्य के प्रतिरोध का भोजन, प्रार्थना। दिन के शक्तिमानो की अनुग्रह एवं प्रसन्नता के जो आर्ष उद्भट ऋषियों ने जन सामान्य के लिए सृजित किये।

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राशिफल सोमवार 15 नवम्बर 2021

मेष राशि (Aries) – चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ.

आर्थिक दृष्टि से यह समय कठिनाइयों से परिपूर्ण है। खर्चे बढ़ेंगे। अपनी धन सम्पदा का ध्यान रखें। अपव्यय से बचें। अपने द्वारा किए जा रहे व्यवहार के प्रति विशेष सचेत रहें। आपको मनवांछित फल न मिलना संभव है। स्वास्थ्य की ओर ध्यान देने की आवश्यकता है। आँखों में कोई संक्रमण हो सकता है अत: आँखों का विशेष ध्यान रखें। मानसिक रुप से आप व्यथा व बैचेनी अनुभव कर सकते हैं।

वृष राशि (Taurus) – ई, उ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो.

आपको अधिक धन उपार्जन व सम्पत्ति अर्जित करने में सहायक होगा। आपको अटकी हुई धनराशि भी प्राप्त हो सकती है। व्यक्तिगत रुप से यह दिन प्रसन्नता, सुख व परम प्रिय मित्रों के साथ आनन्ददायक है। परिवार के सदस्यों का मेल मिलाप व पुराने मित्रों के साथ एकत्रित होकर पुनर्मिलन के भी सुअवसर हैं। विवाहित व्यक्तियों के दाम्पत्य सुख की पूर्ण संभावना है। आप मानसिक रुप से प्रसन्न व शान्तचित्त रहेंगे। ग्रह सर्व सुख शांति सफलता देने के लिए तत्पर हैं। इस माह इतना अनुकूल समय न मिला है ओर न ही आपको शेष दिनो मे  मिलेगा। प्रत्येक कार्य आपके अनुकूल होगा।

मिथुन राशि (Gemini) – का, की, कू, घ, ड, छ, के, को, ह.

यह समय इच्छापूर्त्ति, लक्ष्यप्राप्ति तथा सांसारिक व भौतिक सुख प्राप्त करने का है। यदि आप कुछ नया करने की योजना बना रहे हैं तो उपयुक्त समय है। आप व आपका परिवार सामान्य रुप से सुखी रहेंगे। यह समय आपके कार्यस्थल के लिए भी शुभ है। आप सम्मान, पदोन्नति एवम् प्रशंसा की आशा कर सकते हैं। निर्धारित लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। इस विशेष समय में आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी। माह की सर्वश्रेष्ठ अवधि का सर्वाधिक प्रयोग करिए। बिना समय का अपव्यय कर, अधिकतम उपयोग प्रयोग करिए। जिस कार्य को भी हाथ में लेंगे, उसकी पूर्णता सुनिश्चित समझिए। निर्णय या लंबित कार्य पूर्ण करने  के लिए एसा सर्वोत्तम समय दो दिन बाद नहीं मिलेगा।

कर्क राशि (Cancer) – ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो.

तुलनात्मक रूप से स्त्री वर्ग के लिए दिन अधिक व्यवधान पूर्ण रहेगा। अपने व्यापार अथवा कार्यालय में साधारण दिनों से अधिक परिश्रम करना पड़ सकता है। पेट की गड़बड़ अथवा छाती का कष्ट हो सकता है। स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दें। आप किसी धार्मिक अनुष्ठान अथवा दान जैसा पुण्य कार्य सफलतापूर्वक करेंगे। आपको समाज में प्रसिद्धि भी मिलने की संभावना है। शत्रुओं पर विशेष नजर रखें क्योंकि उन्हीं के कारण हानि होने की संभावना है। भाग्य एवं संतान सुख बाधा, विघ्न बाधा, कष्ट, स्वागत करने को आतुर हें। अपनी भावनाओ पर नियंत्रण रखिए। आपके प्रयासो को सफलता के पंख लगने ही वाले हैं।

सिंह राशि (Leo) – मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे.

पारिवारिक सुख में कमी होगी। दांपत्य साथी की ओर से अनावश्यक परेशानियां पैदा की जाएंगी, वाद विवाद की स्थिति से बचें। कोई अपने दिए हुए प्रॉमिस को पूरा नहीं कर सकेगा। नए कार्य या उत्तरदायित्व लेने से बचना चाहिए। रोजगार में किसी भी प्रकार की जोखिम लेना उचित नहीं रहेगा। महत्वपूर्ण प्रपत्र या पत्र पर हस्ताक्षर से पहले सूक्ष्म अध्ययन करना, भविष्य उपयोगी सिद्ध होगा। संतान पक्ष की ओर से चिंता या दायित्व बढ़ेगा।

कन्या राशि (Virgo) – टो, प, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो.

जीवन में सकारात्मक परिवर्तन होंगे। यह समय सुख व कार्यों में सफलता का द्योतक है। आर्थिक दृष्टि से भी यह समय आपके लिए शुभ है। आपको शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने में भी सहायक दिन है। नए मित्र, विशेषकर विपरीत लिंग वाले मित्र बनाने हेतु यह समय अनुकूल है। दाम्पत्य जीवन में सुख रहेगा और आपको अपने जीवनसाथी के साथ आमोद-प्रमोद के अवसर भी मिलेंगे। संतान आपके जीवन के सुख में और अधिक वृद्धि करेगी। दिन की इस अवधि में स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। आप स्वयं अपने आप में व परिवार के साथ शान्ति अनुभव करेंगे। इस दिन को कुल मिलाकर सुख से परिपूर्ण कहा जा सकता है।

तुला राशि (Libra) – रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते.

स्त्री वर्ग के लिए दिन बाधा एवं  व्यवधान पूर्ण रहेगा।यह समय आगे बढ़ कर लक्ष्य को पकड़ लेने का है आपकी सफलता के योग हैं। आप शत्रुओं पर विजय पाएँगे, नए मित्र भी बनाएँगे, विशेष रुप से विरीत लिंग वालों को।  स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आप नीरोग काया का आनन्द उठाएँगे। कुल मिलाकर इस अवधि में आप प्रसन्न रहेंगे। उदर कष्ट संभव है। रोजगार, व्यवसाय मे आशा के अनुरूप सफलता की प्रबल संभावनाएं है। शत्रु वर्ग के विरुद्ध सफलता का उत्तम अवसर है। विवादास्पद मामलों मे प्रयासो के सुपरिणाम अवश्य ही मिलेंगे।

वृश्चिक राशि (Scorpio) – तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू.

अपने कार्य इच्छानुसार पूरे न कर पाने के कारण, आप मानसिक रुप से अशांत रहेंगे। वित्तीय दृष्टि से भी अपके लिए ये कठिन समय है। आप कुछ रुपया गँवा सकते हैं। आपको हानि हो सकती है। धन व्यय करने पर नियंत्रण रखें। स्वास्थ्य की ओर सदा से अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। पूर्ण मनोयोग से धैर्य, शांति एवं भावनाओं पर नियंत्रण रखिए। सक्रियता, विनियोजन, विपणन, लेनदेन, महत्वपूर्ण कार्य लंबित/स्थगित, रखना ही श्रेयष्कर होगा।

धनु राशि (Sagittarius) – ये, यो, भ, भी, भू, ध, फ, ढ, भे.

स्त्री वर्ग की तुलना मे पुरुष वर्ग के लिए दिन अधिक व्यवधान पूर्ण रहेगा।स्वयं का या परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्य में गिरावट के योग हैं। रोग खर्च एवं कष्ट का कारण हो सकता है। आपके आत्मविश्वास मे कमी होगी। आर्थिक दृष्टि से यह कठिन समय है। खर्चे बढ़ सकते हैं। आप द्वारा हुई गलतियाँ सफलता या सुख को प्रभावित कर सकती हैं। धन सावधानी पूर्वक खर्च करें। आपको अपने आत्मीयजनों से मधुर सम्बन्ध बनाए रखने में सतर्कता बरतनी है। मतभेद या परस्पर शत्रुता पनप सकती है। क्रोध को अनियंत्रित न होने दे। पूर्ण मनोयोग से धैर्य, शांति एवं भावनाओं पर नियंत्रण समय की मांग है। सक्रियता, विनियोजन, विपणन, लेनदेन, महत्वपूर्ण कार्य लंबित/स्थगित, रखना ही श्रेयष्कर होगा।

मकर राशि (Capricorn) – भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, ग, गी.

यह समय धन की दृष्टि से भी सौभाग्यपूर्ण है। बकाया राशि की प्राप्ति, धन की प्राप्ति योग हैं। आज अपेक्षित आर्थिक लाभ की आप आशा कर सकते हैं। घर के लिए भी यह समय सुख से परिपूर्ण है। आपको अति उत्तम भोजन, वस्त्र  सुख मिल सकता है। आपके सम्पन्न किया गया हर कार्य आपको प्रसन्नता देगा। मन में पूर्ण संतोष का साम्राज्य रहेगा। मित्रों के साथ अच्छा समय व्यतीत होगा। विरोधियों एवं लंबित कार्य मे सफलता मिलेगी।

कुंभ राशि (Aquarius)– गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, द.

पारिवारिक पक्ष के सुख मे कमी होगी। लोगों से अपने व्यवहार के प्रति विशेष सतर्क रहें। आप विवाद में न पड़ें। किसी को राय या सुझाव व्यर्थ में झगड़े का रुप ले सकता है। असावधानी पूर्ण व्यवहार ठेस पहुँचा सकता है। कार्यालय में बाधाएं आ सकती हैं। असंतोष अनुभव करेंगे। आँखों पर विशेष ध्यान दें व सतर्कता बरतें। आपको भोजन भी इतना रुचिकर नहीं लगेगा।

मीन राशि (Pisces) – दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची.

नए समाचार या प्रिय आत्मीय से मिलन,तथा सुखद स्थितियाँ आनंदित करेंगी। आपको, उत्तम वस्त्र तथा अन्य इच्छित सांसारिक वस्तुओं का सुख-साधन मिलेंगा। मित्र व परिचित निश्चित रुप से मिलेंगे। प्रेम या मित्रता सुख का भी सुयोग है। शारीरिक एवम् भावनात्मक तुष्टि का दिन है। दाम्पत्य जीवन में सुख-आनन्द होगा। मित्रों एवं प्रेम में वृद्धि की संभावना हैं। सौभाग्य, सुख व यश आज की विशेषता है। आर्थिक रुप से भी यह एक अच्छा समय है। पुराने दिए ऋणों, आर्थिक लक्ष्य प्राप्ति तथा कार्य में उन्नति भी हो सकती है। नये कार्य, परामर्श एवं यात्रा में सावधानी अपेक्षित है। विशेष रूप से पुरुषों के लिए।

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नक्षत्र  सुख बाधा  एवं नक्षत्र देवता की कृपा के उपाय :

  •  वेद मंत्र : ॐ शिवोनाम असिस्वधितिस्तो पिता नमस्तेस्तुम आमाहि गवं सो निर्वत्त याम्यायुषेSत्राद्याय प्रजननायर रायपोषाय (सुप्रजास्वाय)।
  •  पौराणिक मंत्र : अहिर्मे बुध्नियो भूयात मुदे प्रोष्ठ पदेश्वरः। शंख चक्र अंकीत करः किरीट उज्वल मौलिमान्।।
  •  नक्षत्र देवता मंत्र :– ॐ अहिर्बुंधन्याय नमः।
  •  नक्षत्र मंत्र :– ॐ उत्तर प्रोष्ठ पदभ्यां नमः। अहिर्बुध्न्य की पूजा करने से परम शांति की प्राप्ति होती है।
  •  दान : अन्न दान करना चाहिए। ॐ शं,ॐ सं,ॐहं। पूतिका (पोई) भोजन वर्जित।
  •  वर्जित : तुलसी तोड़ना, मांसाहार, सेम, मटर, शहद, खीरा, ककड़ी, तेल, आवला,  व्यंजन उत्पाद का प्रयोग नहीं करे। खीर भोजन में शामिल करे।
  •  तैल : मर्दन नए घर का निर्माण करना तथा नए घर में प्रवेश तथा यात्रा का त्याग करना चाहिए।
  •  कार्य के पूर्व : विष्णु की पूजा करके मनुष्य विजय मिलती है।

ॐ  नारायणाय  नम:।। विष्णवे नम:।। ऊँ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।। ॐ हूं विष्णवे नम: . ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि। 

मैं भगवान विष्णु जो इस सृष्टि के पालक और रक्षक हैं, को नमन करता हूं। जो शांति पूर्वक  सर्प के ऊपर लेटे हुए हैं, ब्रह्मांड का सृजक, कमल का फूल, जिनकी नाभि से निकला हुआ है । पूरी सृष्टि को पोषक है , सर्वव्यापी है जो मेघ जैसे सांवले , आंखें कमल के समान है, सर्व स्वामी हैं, योगी जिनका  ध्यान करते हैं, वह इस संसार के भय का विनाश करने वाले भगवान विष्णु को मेरा नमस्कार।

  •  आज के देव एवं  मंत्र : चंद्र देव एवं शिव की पूजा करे। ओम अमृत अंगाय विद्महे कलारूपाय धीमहि तन्नो सोमःप्रचोद्यात्।। आपो ज्योति रस अमृतम। परो रजसे सावदोम।

जैन धर्म का मंत्र : ऊँ नमोर्हते भवते श्रीमते चन्द्रप्रभु तीर्थंकराय विजय यक्ष ज्वाला-मालिनी यक्षी सहिताय ऊँ आं क्रौं ह्रीं ह्यः सोम महाग्रह! मम दुष्ट ग्रह रोग कष्ट निवारणं ।सर्व शांतिं कुरू कुरू हूँ फट् स्वाहा। ॐ ह्रीं सोम ग्रह अरिष्ट निवारक-श्री चन्द्र प्रभु जिनेन्द्राय नम:। सर्व शांतिं कुरु कुरु स्वाहा। मम (अपना नाम ) दुष्ट ग्रह रोग कष्ट निवारणं सर्वशांतिं कुरू कुरू हूँ फट् स्वाहा।

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