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देवउठनी एकादशी सोमवार 15 नवम्बर 2021 : जानें देवउठनी पूजन विधि व शुभ मुहूर्त, पढ़ें पूरा लेख

देवउठनी एकादशी सोमवार 15 नवम्बर 2021
प्रतीकात्मक फोटो

देवउठनी एकादशी सोमवार 15, नवम्बर 2021 : इस वर्ष यानी में देवउठनी एकादशी 15 नवंबर को मनाया जाएगा और इसके बाद से मांगलिक कार्यों का भी आरंभ हो जाएगा। रात्रि में पूजा होती हैं। रात्रिकालीन पूजा हेतु शुभ मुहूर्त 18.20 से 19.11 व मध्यरात्रि 00.11 से 01.09 तक का समय उत्तम हैं। विशेष – किन्ही कारणों से रात्रि में पूजा परंपरा या खोटी होने से नहीं की जा सकती हो तो मुहूर्त-दिन में प्रातः 9:11 से 11:01 बजे तक या 12: 58 से 14:11 बजे तक शुभ मुहूर्त विष्णु भगवान पूजा एवम जगाने/ उठाने का है।

  •  एकादशी तिथि आरंभ समय : 14 नवंबर सुबह 06:39 बजे। 
  •  एकादशी तिथि समापन समय:- 15 नवंबर सुबह 08:03 बजे तक। 

शास्त्र नियम

नियम– दसवीं युक्त एकादशी उचित नहीं होती। दूसरे दिन एकादशी सूर्योदय को स्पर्श करती है अथवा उससे 24 मिनट पूर्व भी प्रारंभ होती है तो वही एकादशी मानी गई है। अन्यथा जो भी दशमी युक्त या 1 दिन पूर्व की एकादशी का प्रयोग करते हैं तो दांपत्य जीवन के लिए दुखद। एकादशी व्रत में पारण का अपना अलग ही महत्व होता है और इसलिए यदि सही मुहूर्त में पारण किया जाए तो उसका फल कई गुना मिलता है।

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मंगलवार 16 नवम्बर 2021 को पारण मुहूर्त:- 07:10 से 08:57 तक कर ले। हमारे शास्त्र के विरोध में (या 5000 वर्ष प्राचीन विधि) ही हमेशा कार्य करते हैं जैसे पंचाग दिवाकर और जबलपुर के कुछ पंचांग,भी है जो प्राय ही कुछ न कुछ गलत ही मत देते है। सभी ब्राह्मणों से निवेदन है की काशी या आपाजी या विश्वविद्यालय नालंदा नीमच, भोपाल पुष्पांजलि दिव्य विश्वेध्वर कैलेंडर /के पंचांगों का ही उपयोग करे।

देवउठनी एकादशी योग और विवाह मुहूर्त

इस वर्ष नवंबर के महीने में तीन एकादशी तिथियों का शुभ संयोग बन रहा है। यह शुभ संयोग 25-30 साल में एक बार ही बनता है। इस वर्ष नवम्बर के महीने में 01 नवंबर को रमा एकादशी पड़ी थी, इसके बाद अब 15 को देवउठनी एकादशी पड़ेगी और महीने के अंत में यानि 30 नवम्बर को उत्पन्ना एकादशी पड़ेगी।

विवाह मुहूर्त 2021

  •  नवम्बर महीने का विवाह मुहूर्त: 20, 21, 28, 29, 30
  •  दिसंबर महीने का विवाह मुहूर्त: 1, 6,7, 11, 13

नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप भी 108 बार करते हैं तो आपके सभी कष्टों को श्री हरि स्वयं हर लेंगे। इस दिन यदि आप गायत्री मंत्र का जाप करते हैं तो आपको स्वास्थ्य लाभ मिलेगा और यदि धन प्राप्ति की इच्छा हो तो भगवान विष्णु को दूध में केसर मिलाकर उससे भगवान का स्नान करिए।

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इस दिन पीपल और ब्रह्मण पूजा करने का भी विशेष महत्व है। यदि पीपल वृक्ष के पास दीपक जलाएं और पीपल के वृक्ष में जल अर्पित करें तो कर्ज से भी जल्दी मुक्ति मिल जाएगी।

आलेख : पंडित वी.के. तिवारी ज्योतिषाचार्य 

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