Emergency in Sri Lanka: श्रीलंका में इमरजेंसी घोषित, प्रदर्शनकारियों ने PM हाउस पर किया कब्जा, हालात गंभीर
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इधर, प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को अंतरिम राष्ट्रपति बनाया गया है। श्रीलंकाई सेना ने अपने नागरिकों के सामने हथियार नीचे कर दिए हैं। वहीं प्रदर्शनकारियों ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मामले में दखल देने की मांग की है। प्रदर्शनकारियों पर हेलीकॉप्टर से नजर रखी जा रही है। इन पर काबू करने के लिए हवाई फायरिंग भी करनी पड़ी है। देश छोड़कर भागे श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षा ने इस्तीफा नहीं दिया है। उन्होंने अपनी जगह प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति बना दिया है। श्रीलंका के प्रधानमंत्री आवास के बाहर इस समय भारी सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री का भी इस्तीफा मांग रहे हैं। श्रीलंकाई एयरफोर्स मीडिया डायरेक्टर ने कहा कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे, फर्स्ट लेडी और दो बॉडीगार्ड्स को मालदीव जाने के लिए रक्षा मंत्रालय से इमीग्रेशन, कस्टम और बाकी कानूनों को लेकर पूरी अनुमति दी गई थी। (Emergency in Sri Lanka)
#WATCH श्रीलंका: कोलंबो में प्रधानमंत्री आवास के पास सैन्य बलों ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े। pic.twitter.com/jHNzYsvwqz
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 13, 2022
वहीं 13 जुलाई की सुबह उन्हें एयरफोर्स का एक एयरक्राफ्ट उपलब्ध कराया गया था। गोटाबाया 8 जुलाई के बाद से कोलंबो में नहीं दिख रहे थे। वे मंगलवार यानी 12 जुलाई को नौसेना के जहाज से भागने की फिराक में थे, लेकिन पोर्ट पर इमिग्रेशन अधिकारियों ने पासपोर्ट पर सील लगाने के लिए VIP सुईट में जाने से इनकार कर दिया था। राजपक्षे ने जोर दिया था कि देशभर में चल रहे विरोध की वजह से दूसरी सार्वजनिक सुविधाओं का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं, लेकिन अफसर नहीं माने थे। राष्ट्रपति के भाई और पूर्व वित्त मंत्री बेसिल राजपक्षे को देश छोड़कर भागने की फिराक में थे, लेकिन एयरपोर्ट पर इमीग्रेशन स्टॉफ के विरोध के बाद उन्हें वापस लौटना पड़ा। देश में जहां एक तरफ जनता दाने-दाने के लिए तरस रही है। वहीं बासिल ने अमेरिका जाने के लिए 1.13 करोड़ श्रीलंकाई रुपए में बिजनेस क्लास के चार टिकट किए थे। (Emergency in Sri Lanka)
बता दें कि गोटबाया राजपक्षे ने इस्तीफा देने से पहले शर्त रखी थी कि उन्हें देश से बाहर जाने दिया जाए। इसके कुछ घंटे बाद ही उनके देश छोड़ने की खबरें सामने आई। ऐसे में अब सवाल उठता है कि गोटबाया भागे या भगाए गए। राजपक्षे ने 12 जुलाई को अपने इस्तीफे पर हस्ताक्षर कर सीनियर अधिकारी को सौंप दिया था। यह लेटर 13 जुलाई को संसद स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने को सौंपा जाना था। खबरें आईं कि भारतीय सेना ने गोटबाया को भागने में मदद की, लेकिन भारतीय दूतावास ने इन खबरों का खंडन कर दिया है। गोटबाया राजपक्षे श्रीलंका छोड़कर अमेरिका भागना चाहते थे, लेकिन अमेरिका ने उन्हें वीजा नहीं दिया। राजपक्षे के पास श्रीलंका और अमेरिका की दोहरी नागरिकता थी, लेकिन 2019 में राष्ट्रपति चुनाव से पहले उन्होंने अपनी अमेरिका की नागरिकता छोड़ दी थी। श्रीलंका के संविधान में सिंगल सिटीजनशिप का प्रवाधान है। ऐसे में उन्हें राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए सिर्फ श्रीलंका का नागरिक होना जरूरी था। देश में हालात लगातार गंभीर हो रहे हैं। (Emergency in Sri Lanka)