Election Commission : मुंबई पुलिस ने रविवार को शिवसेना शिंदे गुट के सांसद रविंद्र वायकर के रिश्तेदार के खिलाफ मामला दर्ज किया। वायकर के रिश्तेदार पर 4 जून को नेस्को सेंटर के अंदर मोबाइल फोन के जरिए ओटीपी जनरेट कर ईवीएम मशीन को अनलॉक करने आरोप लगा। इस मामले के सामने आने के बाद ईवीएम की विश्वसनीयता सवालों के घेरे में आ गई, जिसके बाद विपक्ष ने सरकार और चुनाव आयोग पर निशाना साधना शुरू कर दिया।
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अब चुनाव आयोग (Election Commission) ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर विपक्षी नेताओं के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। इसी के साथ आयोग ने साफ़ किया कि ईवीएम को खोलने के लिए किसी ओटीपी की जरुरत नहीं होती है। रिटर्निंग ऑफिसर वंदना सूर्यवंशी ने कहा कि आज जो खबर आई उस को लेकर कुछ लोगों ने ट्वीट किए। ईवीएम को अनलॉक करने के लिए किसी ओटीपी की आवश्यकता नहीं है। ईवीएम को अनलॉक करने के लिए किसी मोबाइल ओटीपी की आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह एक गैर-प्रोग्रामेबल अपराध है।
उन्होंने आगे कहा, ‘इसमें उन्नत तकनीकी विशेषताएं हैं और ईवीएम पर कोई संचार उपकरण नहीं है… यह तकनीकी रूप से पूर्ण-प्रूफ प्रणाली है और ईवीएम एक स्टैंडअलोन प्रणाली है। इसमें किसी ओटीपी की आवश्यकता नहीं है। खबर पूरी तरह से गलत है हमने अखबार को नोटिस भेजा है। 499 IPC के तहत मानहानि का केस भी किया गया है।’
रिटर्निंग ऑफिसर (Election Commission) ने यह भी स्पष्ट किया कि वह कोर्ट ऑर्डर के बिना किसी को भी सीसीटीवी फुटेज नहीं दे सकते हैं, पुलिस को भी नहीं। उन्होंने कहा कि ईवीएम कोई प्रोग्राम के लिए नहीं है और न ही इसको हैक किया जा सकता है।