भारत में चीता प्रोजेक्ट को बड़ा झटका, एक और चीते ने तोड़ा दम, अब तक 3 चीतों की मौत

Female Cheetah Daksha Death: भारत में चलाए जा रहे चीता प्रोजेक्ट को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, दक्षिण अफ्रीका से श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में लाए गए मादा चीता दक्षा की मौत हो गई है। वहीं अब तक तीन चीतों की मौत हो चुकी है। मध्यप्रदेश के मुख्य वन संरक्षक जेएस चौहान ने ये जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि पहली नजर में मौत का कारण ​​​​​​​मेटिंग के दौरान हुए घाव हैं। कूनो नेशनल पार्क में 2 महीने में ये तीसरे चीते की मौत है।

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बता दें कि पहली खेप में नामीबिया से 8 चीतों को कूनो नेशनल पार्क लाया गया था। 17 सितंबर को अपने जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन्हें बाड़े में रिलीज किया था। इनमें से एक मादा चीता साशा की किडनी में इंफेक्शन की वजह से मौत हो गई थी। इसके बाद 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते कूनो लाए गए थे। इनमें से एक नर चीता उदय की 22 अप्रैल को मौत हो गई थी। इस तरह कुल 20 चीतों में से 3 की मौत जाने पर अब 17 चीते कूनो नेशनल पार्क में बचे हैं। हालांकि पहली खेप में नामीबिया से आई ज्वाला (पुराना नाम सियाया) ने हाल ही में 4 शावकों को जन्म दिया था। (Female Cheetah Daksha Death)

जानकारी के मुताबिक मादा चीता दक्षा पर घाव पाए गए हैं, जिन्हें प्रथम दृष्टया मेल से हिंसक इन्टरेक्शन के दौरान होना बताया जा रहा है। संभवना जताई जा रही है कि मेटिंग के दौरान मेल चीते ने मादा चीता दक्षा पर हमला किया होगा, जिसके कारण ये घाव होना बताया गया है। हालांकि मौत की असली वजह जांच के बाद ही पता चल पाएगी।

अप्रैल महीने में क्वारंटाइन पीरियड पूरा होने के बाद अफ्रीकी चीतों को बडे़ बाडे़ से खुले जंगल में रिलीज कर दिया गया था। वहीं मध्यप्रदेश में ही रीवा के मुकुंदपुर चिड़ियाघर में सफेद बाघिन विंध्या की मौत हो गई। रीवा के जिला वन पदाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि विंध्या जो पहली सफेद बाघिन थी, उसे हम वन विहार भोपाल से लाए थे। इसकी उम्र 15 साल 8 महीने थी। एक साल से उसे अर्थराइटिस की समस्या थी और आज उसकी मौत हो गई।

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