हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान सुसाइड की कोशिश, दंपति समेत 4 लोगों ने किया जान देने का प्रयास

Ahmedabad High Court: गुजरात के अहमदाबाद हाईकोर्ट से चौकाने वाला मामला सामने आया है, जहां धोखाधड़ी के मामले की लाइव स्ट्रीमिंग के दौरान पीड़ितों ने सुसाइड की कोशिश की है। सुनवाई के दौरान एक दंपती समेत चार लोगों ने फिनाइल पी लिया। चारों को सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। फिलहाल चारों की हालत खतरे से बाहर है। सोला थाने के PI जिग्नेश अग्रवाल ने बताया कि सुसाइड की कोशिश करने वाले चारों पीड़ित फरियादी हैं।

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हाईकोर्ट में आरोपियों की अग्रिम जमानत की याचिका की लाइव हियरिंग हो रही थी। कोर्ट ने जैसे ही याचिका मंजूर करने का फैसला सुनाया, तभी चारों ने कोर्ट रूम में ही फिनाइल पी लिया। पुलिस की टीमें दो एंबुलेंस से चारों को सिविल अस्पताल ले गई। उन्होंने बताया कि सुसाइड की कोशिश करने वालों ने करीब छह महीने पहले अहमदाबाद के प्राइवेट बैंक से लाखों रुपयों का लोन लिया था। लोन की कागजी कार्रवाई भी पूरी हो गई थी, लेकिन लोन की पूरी रकम बैंक के जनरल मैनेजर, मैनेजर ने अन्य दो बैंक कर्मियों की मदद से हड़प ली। (Ahmedabad High Court)

पीड़ित पक्ष को ये बात तब मालूम हुई, जब उनके पास लोन की किश्तों के लिए बैंक से कॉल आने लगे। इसके बाद आनंदनगर थाने में आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया। पुलिस ने कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। वहीं आरोपियों ने कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी दी थी, जिस पर सुनवाई हुई। बता दें कि कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते गुजरात हाईकोर्ट ने करीब दो साल पहले लाइव स्ट्रीमिंग शुरू की थी। इससे पहले कोर्ट में फिजिकल सुनवाई ही हुआ करती थी। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना ने 17 जुलाई 2020 को गुजरात हाईकोर्ट की सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू करवाई थी। (Ahmedabad High Court)

उन्होंने वर्चुअल रूप से इसका उद्घाटन किया था। इसमें सुप्रीम कोर्ट के जज और ई-कमेटी के चेयरपर्सन जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह भी वर्चुअल रूप से मौजूद रहे थे। सुसाइड की कोशिश करने वालों में शैलेशभाई ईश्वरभाई पांचाल, जयश्रीबेन शैलेशभाई पांचाल, हार्दिकभाई अमरभाई पटेल और मनोजभाई नथुभाई वैष्णव का नाम शामिल है। फिलहाल चारों का इलाज अस्पताल में जारी है। बता दें कि देशभर में आत्महत्या के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। हालांकि इसके रोकथाम के लिए तरह-तरह के जगरुकता अभियान चलाए जा रहे हैं, लेकिन इसका असर नहीं नजर आ रहा है।  (Ahmedabad High Court)

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