हॉकी टीम ने 41 साल बाद रचा ओलंपिक में रचा इतिहास, ग्रेट ब्रिटेन को हराकर पहुंची सेमीफाइनल में
न्यूज डेस्क
टोक्यो ओलंपिक में आज का दिन भारतीय टीम के लिए जबरदस्त रहा। जहां एक तरफ पीवी सिंधु ने चीन की खिलाडी को हराकर ब्राउन्स मैडल जीता तो वही भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने क्वॉटर फाइनल मुकाबले में ग्रेट ब्रिटेन को 3-1 से हराते हुए सेमीफाइनल में एंट्री पा ली है। 1980 के बाद यह पहला मौका है जब भारत हॉकी में टॉप-4 में पहुंचा है।
भारत के लिए विनिंग गोल 7वें मिनट में दिलप्रीत सिंह, 16वें मिनट में गुरजीत सिंह और 57वें मिनट में हार्दिक सिंह ने दागा, जबकि ब्रिटेन के लिए 45वें मिनट में सैमुअल ने गोल किया। भारत का सेमीफाइनल में बेल्जियम के साथ मुकाबला होगा।
ओलिंपिक में भारत को आखिरी पदक 1980 में मॉस्को में मिला था जब वासुदेवन भास्करन की कप्तानी में टीम ने पीला तमगा जीता था। उसके बाद से भारतीय हॉकी टीम के प्रदर्शन में लगातार गिरावट आई और 1984 लॉस एंजिलिस ओलंपिक में पांचवें स्थान पर रहने के बाद वह इससे बेहतर नहीं कर सकी ।
2008 ओलिंपिक में क्वॉलिफाइ भी नहीं कर पाई टीम
बीजिंग में 2008 ओलंपिक में टीम पहली बार क्वॉलिफाइ नहीं कर सकी और 2016 रियो ओलंपिक में आखिरी स्थान पर रही। देश में हॉकी का ग्राफ लगातार नीचे चला गया। पिछले पांच साल में हालांकि भारतीय हॉकी टीम के प्रदर्शन में जबर्दस्त सुधार आया है जिससे वह विश्व रैंकिंग में तीसरे स्थान पर पहुंची।