PM मोदी ने देश को समर्पित किया पहला वाटर मेट्रो, जानिए क्या है इसकी खासियत

India Water Metro Start: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल दौरे के दूसरे दिन तिरुवनंतपुरम में डिजिटल साइंस पार्क की आधारशिला रखी और कोच्चि वाटर मेट्रो समेत विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इस दौरान PM ने केरल की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। PM सबसे पहले तिरुवनंतपुरम सेंट्रल रेलवे स्टेशन पहुंचे और तिरुवनंतपुरम-कासरगोड के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को विदा किया। ये ट्रेन तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, कोट्टायम, एर्नाकुलम, त्रिशूर, पलक्कड़, पठानमथिट्टा, मलप्पुरम, कोझिकोड जैसे 11 जिलों को कवर करेगी। PM ने डिंडीगुल-पलानी-पलक्कड़ सेक्शन के रेल इलेक्ट्रिफिकेशन का भी उद्घाटन किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश के पब्लिक ट्रांसपोर्ट को आधुनिक बनाने की दिशा में हमने एक और प्रयास किया है। हमारा प्रयास स्थानीय परिस्थितियों के अनुकूल ‘मेड इन इंडिया’ समाधान देने का है। सेमी-हाई स्पीड ट्रेन हो, रो-रो फेरी हो, रोप-वे हो… जहां जैसी जरूरत, वहां वैसा सिस्टम तैयार किया जा रहा है। कोच्चि वाटर मेट्रो का प्रोजेक्ट भी ‘मेड इन इंडिया’ है… यूनिक है। इसके लिए मैं कोच्चि शिपयार्ड को भी बधाई देता हूं। वाटर मेट्रो से कोच्चि के इर्द-गिर्द अनेक द्वीपों पर रहने वाले लोगों को सस्ता और आधुनिक ट्रांसपोर्ट मिलेगा। इससे कोच्चि की ट्रैफिक समस्या भी कम होगी और बैक वाटर पर्यटन को भी नया आकर्षण मिलेगा। केरल में हो रहा यह प्रयोग अन्य राज्यों के लिए भी मॉडल बनेगा। (India Water Metro Start)

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बता दें कि पोर्ट सिटी कोच्चि में वाटर मेट्रो सर्विस को 1,137 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत कोच्चि सिटी से आस-पास के 10 आइलैंड्स को जोड़ा जाएगा। इस कभी न रुकने वाली कनेक्टिविटी का ये काम बैटरी-ऑपरेटेड इलेक्ट्रिक हाइब्रिड बोट्स से किया जाएगा। कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने इन बोट्स को मैन्युफैक्चर किया है।अभी इस प्रोजेक्ट के पहले फेज में 8 बोट से शुरुआत की गई है। पूरा प्रोजेक्ट कम्प्लीट होने के बाद 78 फास्ट इलेक्ट्रिकली प्रोपेल्ड हाइब्रिड बोट चलाई जाएंगी। इससे पॉल्यूशन कम करने में मदद मिलेगी और कोच्चि झील के किनारे बसे परिवारों का मेन मार्केट तक पहुंचना आसान हो जाएगा। (India Water Metro Start)

वाटर मेट्रो से द्वीप पर रहने वाले एक लाख से ज्यादा लोगों को फायदा होगा। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कोच्चि वाटर मेट्रो को राज्य का ‘ड्रीम प्रोजेक्ट’ बताया है। उन्होंने कहा कि साउदर्न स्टेट्स के ट्रांसपोर्ट एंड टूरिज्म सेक्टर्स के लिए अच्छा समय आने वाला है। वर्ल्ड क्लास कोच्चि वाटर मेट्रो अपनी जर्नी के लिए तैयार है। ये कोच्चि और उसके आसपास के 10 आइलैंड्स को जोड़ने वाला केरल का ड्रीम प्रोजेक्ट है। कोच्चि वाटर मेट्रो प्रोजेक्ट में 78 इलेक्ट्रिक बोट्स और 38 टर्मिनल्स हैं, जिसकी लागत 1,137 करोड़ रुपए है। इस प्रोजेक्ट को गवर्नमेंट ऑफ केरल और KfW ने फंड किया है। KfW एक जर्मन फंडिंग एजेंसी है।  (India Water Metro Start)

इस प्रोजेक्ट के पहले फेज में जल्द ही हाई कोर्ट-वाइपिन टर्मिनल्स से व्याटिला-कक्कनाड टर्मिनल्स तक सर्विस शुरू की जाएगी। यात्री ‘कोच्चि-1’ कार्ड का यूज करके कोच्चि मेट्रो और वाटर मेट्रो दोनों में यात्रा कर सकते हैं। इसके अलावा वे डिजिटल तरीके से टिकट बुक भी कर सकते हैं। पैसेंजर सर्विस के लिए कुल 78 इकोफ्रैंडली बोट चलेंगी। इनमें से 23 बोट 100 यात्रियों को ले जा सकती हैं, बाकी 55 बोट 50 यात्रियों को कैरी कर सकती हैं। इन बोट्स के अलावा इमरजेंसी और मेंटेनेंस की स्थिति में मेन फ्लीट को सपोर्ट करने के लिए चार रेस्क्यू बोट भी हैं।

इस प्रोजेक्ट के लिए केरल सरकार और जर्मन फर्म KfW ने इस प्रोजेक्ट में पैसा लगाया है। वाटर मेट्रो की ओनरशिप कोच्चि मेट्रो रेल लिमिटेड यानी KMRL के पास है। पहले फेज में वाटर मेट्रो हाईकोर्ट-वाइपिन टर्मिनल और वायटीला-कक्कनाड टर्मिनल से चलेगी। केरल के मुख्यमंत्री के अनुसार, पैसेंजर ट्रैफिक में फंसे बिना 20 मिनट से भी कम समय में हाईकोर्ट टर्मिनल से वायपिन टर्मिनल तक पहुंच सकेंगे। जबकि वॉटर मेट्रो के जरिए वायटीला से 25 मिनट में कक्कनाड पहुंचा जा सकता है।  (India Water Metro Start)

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