
RG Kar Rape And Murder Case : कोलकाता में हुए एक दिल दहला देने वाले दुष्कर्म और हत्या (RG Kar Rape And Murder ) मामले में सियालदह कोर्ट ने मुख्य आरोपी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई है। घटना के बाद पूरे देश में गुस्से की लहर थी, और लोगों ने सख्त सजा की मांग की थी। हालांकि, अदालत ने उसे मृत्युदंड की बजाय उम्रकैद की सजा सुनाई, जिसके पीछे कई कानूनी और मानसिक कारण थे।
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कोर्ट में सीबीआई के वकील ने संजय रॉय को ‘रेयरेस्ट ऑफ रेयर’ श्रेणी में रखते हुए अधिकतम सजा की मांग की थी, लेकिन संजय के वकील ने दावा किया कि अभियोजन पक्ष पर्याप्त साक्ष्य प्रस्तुत करने में असमर्थ था, जो यह सिद्ध कर सके कि आरोपी के सुधार की कोई संभावना नहीं है।
संजय रॉय पर भारतीय दंड संहिता की कई धाराएं लगाई गईं, जिनमें दुष्कर्म और हत्या की गंभीर धाराएं शामिल हैं, जिनमें अधिकतम सजा फांसी या उम्रकैद है। फिर भी, अदालत ने इसे ‘रेयरेस्ट ऑफ रेयर’ नहीं माना। इस फैसले में अदालत ने इस अपराध की भयावहता के बावजूद आरोपी के मानसिक और शारीरिक स्थिति को ध्यान में रखा, साथ ही यह भी देखा कि वह पहले कभी कोई गंभीर अपराध नहीं कर चुका था।
अब सवाल यह है कि ‘रेयरेस्ट ऑफ रेयर’ केस क्या होता है? यह शब्द उन अपराधों के लिए उपयोग किया जाता है जो इतनी जघन्य और विकृत होते हैं कि उनमें मृत्युदंड दिया जा सकता है। भारतीय न्यायपालिका का मानना है कि मौत की सजा उन अपराधों में दी जानी चाहिए, जो समाज के लिए अत्यधिक खतरनाक हों। हालांकि, यह निर्णय अदालत के विवेकाधिकार पर निर्भर करता है, और कई बार यह निर्णय समाज की धारणा पर आधारित होता है।
इस मामले में, अदालत ने यह निर्णय लिया कि संजय रॉय का अपराध इतना भयावह नहीं था कि इसे ‘रेयरेस्ट ऑफ रेयर’ में डाला जाए। साथ ही, आरोपी की उम्र और मानसिक स्थिति को भी ध्यान में रखा गया। इस तरह, सजा का निर्धारण पूरे मामले की गहराई से जांच करने के बाद किया गया।
न्याय के लिए संघर्ष जारी
पीड़िता की मां ने अदालत के फैसले पर गहरा दुख और निराशा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह मामला दुर्लभतम से दुर्लभतम की श्रेणी में क्यों नहीं आता। मेरी बेटी का बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी गई। यह न केवल एक अपराध है। बल्कि एक बड़ी साजिश का हिस्सा है।
मां ने स्पष्ट किया कि उन्होंने अदालत द्वारा दिए गए 17 लाख रुपए के मुआवजे को ठुकरा दिया है। यह कहते हुए कि कोई भी आर्थिक सहायता उनके दर्द की भरपाई नहीं कर सकती। हमारे लिए पैसे का कोई महत्व नहीं है। हमारा ध्यान केवल न्याय सुनिश्चित करने पर है।
फैसले के वक्त संजय रॉय ने क्या कहा
संजय राय ने कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा, उस कमरे में मेरे लिए ऐसा काम करना संभव नहीं है. सर, मुझे फंसाया गया है. मैंने इसे पहले भी कहा है, मैं इसे फिर से कहूंगा. संजय ने यह भी कहा, मुझे हिरासत में प्रताड़ित किया गया है. कलकत्ता पुलिस द्वारा सीबीआई हिरासत में लिए जाने के बाद, मेरी मेडिकल जांच बार-बार की गई. कहीं कुछ नहीं मिला। (RG Kar Rape And Murder )