देश का पहला मोतियाबिंद दृष्टिहीनता मुक्त जिला बना कबीरधाम, 2025 तक ये है छत्तीसगढ़ के लिए प्लान

Kabirdham News : छत्तीसगढ़ का कबीरधाम (Kabirdham News) देश का पहला जिला बन गया है जहां मोतियाबिंद के कारण दृष्टिहीन हो चुके चिन्हांकित सभी लोगों के आंखों की रोशनी लौटाई जा चुकी है। सितंबर 2021 में यहां दोनों आंखों में मोतियाबिंद के कारण दृष्टिहीन 1128 और एक आंख में मोतियाबिंद दृष्टिहीनता वाले 2124 व्यक्ति चिन्हांकित किए गए थे। स्वास्थ्य विभाग ने विगत अगस्त माह में इन सभी लोगों के ऑपरेशन सफलतापूर्वक पूरा किया है। वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आज हुई “राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान” की समीक्षा बैठक में भारत सरकार के अधिकारियों ने इस उपलब्धि पर छत्तीसगढ़ (Kabirdham News) की पीठ थपथपाई है।

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अब तक इतनों की सफलतापूर्वक सर्जरी

राष्ट्रीय अंधत्व निवारण कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रदेश में अब तक मोतियाबिंद की वजह से दृष्टिहीन 59 हजार 379 लोगों की सफल सर्जरी की जा चुकी है। इनमें से 19 हजार 705 ऑपरेशन शासकीय अस्पतालों में, 14 हजार 630 एनजीओ के माध्यम से और 25 हजार 044 ऑपरेशन निजी अस्पतालों में किए गए हैं। चालू वित्तीय वर्ष के लिए निर्धारित कुल ऑपरेशन के लक्ष्य का 48 प्रतिशत अक्टूबर माह तक हासिल किया जा चुका है। प्रदेश में इस साल मोतियाबिंद के कारण दृष्टिहीन कुल एक लाख 25 हजार लोगों के ऑपरेशन का लक्ष्य है।

आगे का लक्ष्य

डॉ. मिश्रा ने बताया कि आज हुई वर्चुअल समीक्षा बैठक में प्रदेश में “राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान” की प्रगति की केंद्र सरकार के अधिकारियों ने सराहना की है। सभी जिलों में मोतियाबिंद की वजह से दृष्टिहीन लोगों के तेजी से ऑपरेशन किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि अभियान के तहत रायपुर, बलौदाबाजार-भाटापारा और बालोद को इस साल नवम्बर तक तथा रायगढ़, दंतेवाड़ा एवं सूरजपुर को दिसम्बर तक मोतियाबिंद मुक्त जिला बनाने का लक्ष्य रखा है।

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Kabirdham News : 2025 तक राज्य शासन का लक्ष्य

राज्य शासन द्वारा वर्ष-2025 तक छत्तीसगढ़ को मोतियाबिंद दृष्टिहीनता मुक्त राज्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए प्रदेश में मोतियाबिंद पीड़ित चार लाख लोगों को चिन्हांकित किया गया है। सभी जिलों में मोतियाबिंद पीड़ितों के तेजी से ऑपरेशन किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, मितानिनों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा दृष्टिदोष रोगियों की सूची तैयार की जा रही है। नेत्र सहायक अधिकारियों के माध्यम से चयनित विकासखंडों में तैयार सूची के आधार पर रोगियों की पुष्टि कर मोतियाबिंद के ऑपरेशन किए जा रहे हैं।

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