केबीसी13 : टीवी शो Kaun Banega Crorepati कई बार फिर विवादों में आ जाता है. कई बार शो में पूछे गए कुछ सवालों को लेकर या तो कभी किसी कंटेस्टेंट के कारण भी ये शो विवादों में रहता है. टीवी शो केबीसी एक बार फिर विवादों में आ गया है. इस शो में बच्चों के खास एपिसोड के दौरान कुछ ऐसा दिखाया गया, जिसे देख लोग हैरान रह गए. इसपर सोनी एंटरटेनमेंट ने भी देरी ना दिखाते हुए उस एपिसोड के कई वीडियो डिलीट कर दिए।
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केबीसी के खिलाफ शिकायत:
केबीसी के बच्चों के खास एपिसोड में एक बच्ची आई थी और उस बच्ची ने दावा किया था कि वो किताब सू्ंघ कर ही उसे पढ़ सकती है. अब इस मामले को लेकर शो के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है और इस मामले का संज्ञान लेते हुए सोनी ने भी अपना जवाब दिया है।
एक एपिसोड पर जताई आपत्ति:
शो के सीजन 13 के 62वें एपिसोड के एक हिस्से पर आपत्ति जताते हुए, Federation Of Indian Rationalist Assocation के अध्यक्ष नरेंद्र नायक ने शिकायत दर्ज कराया है. उन्होंने अपनी शिकायत में कहा कि कई संगठन भोले-भाले माता-पिता का शोषण करते हैं और वो भी इस ऐवज में की वो उनके बच्चे का मिड ब्रेन एक्टिवेशन करवाएंगे. नायक ने आगे अपनी शिकायत में लिखा कि इस तरह के दावों का प्रचार करके आप हमारे देश की प्रतिष्ठा को कम कर रहे हैं और दुनिया हम पर हंसेगी।
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मिड ब्रेन एक्टिवेशन को बताया घोटाला:
आपको बता दें Mid Brain Activation एक ऐसा प्रोग्राम है, जिसमें दावा किया जाता है कि बच्चे इसके माध्यम से किसी भी चीज को बिना देखे ही पढ़ सकते हैं. लेकिन इस थ्योरी को कई बार खारिज किया जा चुका है. नरेंद्र नायक जैसे तर्कवादियों और वैज्ञानिकों ने इस तकनीक पर आपत्ति जताते हुए इसे घोटाला बताया है।
सोनी ने भी दिया जवाब:
नायक की शिकायत का जवाब देते हुए, सोनी टेलीविजन के एक प्रतिनिधि ने कहा कि उस एपिसोड को सभी प्लेटफार्मों से हटा दिया गया है और उपयुक्त रूप से एडिट भी किया गया है. इसके अलावा हमने टीम को अधिक सतर्क रहने और भविष्य के सभी एपिसोड के लिए इस तरह की बातचीत से बचने के लिए संवेदनशील बनाया है. सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया (एसपीएनआई) में हमारा हर समय यह सुनिश्चित करने का प्रयास रहा है कि सामग्री कानूनों के ढांचे के भीतर है. SPNI हमारे दर्शकों की भावनाओं के प्रति संवेदनशील है. हम अच्छी गुणवत्ता वाले मनोरंजन प्रदान करने पर बहुत जोर देते हैं और हम यह सुनिश्चित करने के लिए ध्यान रखते हैं कि हमारे दर्शकों की संवेदनाएं प्रभावित न हों।